उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता बिल को विधानसभा में पेश करने की तैयारी पूरी हो चुकी है. कल यानि 6 फरवरी को UCC बिल उत्तराखंड विधानसभा में पेश किया जाएगा। विधानसभा में बीजेपी का बहुमत है इसलिये इस बिल का पास होना तय माना जा रहा है।
उत्तराखंड में रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित समिति ने UCC की ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की है। इस ड्राफ्ट को आज राज्य के सीएम धामी को सौंप दिया गया है।
सोशल मीडिया पर UCC को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसके साथ एक मोबाइल नंबर दिया गया है। दावा है कि इस नंबर पर UCC को लेकर अपनी राय सरकार को दे सकते हैं। लेकिन हमारी पड़ताल में ये नंबर बीजेपी के जनसंपर्क अभियान का निकला।
उत्तराखंड के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। आज धामी सरकार को कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि हमने सारी तैयारियां कर ली हैं। आगामी सत्र में विधेयक लाकर UCC लागू करेंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शनिवार को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय महिला पत्रकारों से संवाद कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि 40-50 साल पहले पत्रकारिता में महिलाओं की संख्या न के बराबर थी। लेकिन वर्तमान में महिलाओं ने इस क्षेत्र में अच्छा मुकाम हासिल किया है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों ने लॉ कमीशन से मुलाकात के दौरान निकाह, हलाला और महिलाओं को प्रॉपर्टी में हिस्से को लेकर भी अपनी बात रखी।
केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें बड़ा सामाजिक सुधारक बताया है आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भविष्य में मुस्लिम समाज में नरेंद्र मोदी का नाम उसी आदर सम्मान से लिया जाएगा जैसे हमारे देश में कई दूसरे कुप्रथाओं को खत्म करने के लिए दूसरे लोगों का लिया जाता है...
यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल सरकार ला पाएगी या नहीं इसे लेकर जब हमने जनता से जवाब पूछा तो रिजल्ट चौंकाने वाले सामने आए। इंडिया टीवी द्वारा चलाए गए पोल में प्रश्न किया गया कि क्या मानसून सत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल ला पाएगी सरकार?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक जनसभा में यूसीसी की चर्चा करने के बाद देशभर में इसे लेकर बहस छिड़ गई। हालांकि अभी तक इसका मसौदा भी तय नहीं हुआ है, लेकिन लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
लॉ कमीशन ने यूनीफॉर्म सिविल कोड पर राय भेजने की लास्ट डेट बढ़ाकर 28 जुलाई कर दी. पहले लॉ कमीशन ने लोगों से UCC पर अपनी राय ज़ाहिर करने के लिए आज तक का ही वक़्त दिया था. आज देश भर के मस्जिदों में जुमे की नमाज के बाद हुए खुतबे में मौलानाओं ने लोगों को समझाया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड इस्लाम के खिलाफ है.
देश के मौलानाओं को चिंता है कि मुसलमान सोच क्या रहा है ...मुसलमान के मन मोदी की क्या इमेज है...मोलाना ये आंकड़ा जुटा रहे हैं कि कितनी संख्या में मुसलमान उनके साथ है और कितनी आबादी मोदी के साथ है ...मोदी समर्थक और मौलाना समर्थक मुसलमान का हिसाब लगाने के जुमे के दिन को चुना गया है..
एक तरफ जहां UCC को लेकर देश में राजनीतिक हलचल तेज है वहीं इस संवेदनशील मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने की समय सीमा आज खत्म हो रही है...लॉ कमीशन को अबतक 50 लाख से ज्यादा सुझाव मिल चुके हैं..इसके अलावा आयोग को हार्ड कॉपी भी मिली है.
Asaduddin Owaisi On UCC: एक तरफ जहां UCC को लेकर देश में राजनीतिक हलचल तेज है वहीं इस संवेदनशील मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने की समय सीमा आज खत्म हो रही है...लॉ कमीशन को अबतक 50 लाख से ज्यादा सुझाव मिल चुके हैं..इसके अलावा आयोग को हार्ड कॉपी भी मिली है...
मुस्लिम संगठन जमीअत उलमा-ए-हिंदजमीयत सभी पार्टियों के सांसदों के साथ एक मीटिंग करेगी। इसके साथ ही जमीयत सभी राज्यों के सीएम को खत लिखकर यूसीसी का विरोध करने के लिए भी कहेगी।
UCC पर जमीयत उलेमा और AIMPLB एक साथ विरोध कर रहे हैं। बता दें कि बोर्ड ने देश की तमाम मस्जिदों के इमामों से अपील की है कि मुस्लिम UCC के ड्राफ्ट के खिलाफ लॉ कमिशन को अपनी राय भेजें।
ओवैसी ने बयान देते हुए कहा है कि हमने लॉ कमीशन को अफना रेस्पॉन्स और उसके साथ रिटायर्ड जस्टिस गोपाल गौड़ा का लीगल ओपिनियन भी भेजा है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मस्ज़िदों में 'No UCC' के QR कोड लगाए हैं। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में कुरार गांव की हद नूरानी मस्जिद सहित आसपास की मस्जिदों में ये 'No UCC' के QR कोड लगाए गए हैं।
आज ओवैसी हिंदुओं के वकील की तरह पेश आए..ओवैसी की जुबान पर हिंदू-हिंदू क्यों चल रहा है.. ओवैसी को मुस्लिम वोट से ज्यादा हिंदू वोट की जुरुरत है...यूनिफॉर्म सिविल कोड में कैसे ओवैसी ने हिंदू वोट ढूंढ लिया है. देखिए इस रिपोर्ट में.
एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड से गैर-मुसलमानों को ज्यादा नुकसान होगा। यह देश के लिए अच्छा नहीं हैं।
जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा कि UCC लाकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को निशाना बनाने का प्रेस किया जा रहा है लेकिन इस तरह के कोई भी प्रयास मुस्लिम समुदाय को स्वीकार नहीं होंगे।
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