यूनिफॉर्म सिविल कोड में दी जाने वाली जानकारी को लेकर उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि गोपनीयता को बनाए रखने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं। किसी तीसरे व्यक्ति तक इसकी जानकारी नहीं पहुंच पाएगी।
उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड (UCC) को लागू कर दिया गया है। उत्तराखंड के बाद अब एक और राज्य में इसे लागू करने के लिए प्लान तैयार किया गया है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के 5 रिटायर्ड जजों की एक खास समिति भी बनाई गई है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के फैसले को अदालत में चैलेंज करेगी। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि शरीयत और धर्म के खिलाफ कोई भी कानून उन्हें मंजूर नहीं है। उन्होंने पूछा यदि अनुसूचित जनजातियों को संविधान विधेयक से छूट दी जा सकती है तो मुसलमानों को क्यों नहीं?
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होते ही यूसीसी पोर्टल पर सबसे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने विवाह का रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके साथ ही उन्होंने दूसरी शादी और लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर यूसीसी के नियमों पर अपनी बात रखी है।
उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो गया है। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान भी सामने आया है।
उत्तराखंड में आज से यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो गया है। इसके बाद शादी, तलाक, मेंटिनेंस, संपत्ति का अधिकार, गोद लेने और उत्तराधिकार समेत तमाम नियमों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि समान नागरिक संहिता (UCC) राज्य में इसी महीने से लागू किया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां चल रही हैं।
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड कब लागू होगा, ये फाइनल हो गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कहा उत्तराखंड में इसी महीने समान नागरिक संहिता लागू होगी।
यूसीसी को लेकर मुस्लिम महिला संगठन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इस दौरान संगठन ने यूसीसी में कुछ प्रमुख सुधार किए जाने की मांग की है।
पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य सरकार अपने संकल्प के अनुसार UCC को लागू करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है और जनवरी 2025 से इसे राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा।
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की नियमावली का ड्राफ्ट आज सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया गया है। इसे लागू किए जाने के बाद उत्तराखंड इसे क्रियान्वित करने वाला स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बन जाएगा।
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि मुसलमानों को सेक्यूलर सिविल कोड या यूनिफॉर्म सिविल कोड मंजूर नहीं है। देश का मुसलमान शरिया कानून से कोई समझौता नहीं करेगा।
26 मई को चुनावी प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने पर सभी पक्षों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद अगले पांच वर्ष के भीतर पूरे देश के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की जाएगी।
यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति की चार खंडों में रिपोर्ट को शुक्रवार को वेबसाइट पर ‘अपलोड’ कर दिया गया ताकि लोग इसे देख सकें।
कल होने वाले छठे चरण के मतदान से पहले चुनाव में हिंदू मुस्लिम बड़ा मुद्दा बन गए हैं...आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस राम मंदिर का विरोध करती है...वर्दी नागरिक संहिता के खिलाफ है...क्योंकि कांग्रेस ही देश है. उत्तर प्रदेश में शरिया लागू करना चाहता है...
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने समान नागरिक संहिता को लेकर भाजपा और असम के सीएम हिमंता विश्व शर्मा पर भी निशाना साधा है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या सब कहा है।
आप की अदालत शो में इस बार सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर खुलकर बात की। साथ ही उत्तराखंड में क्या मुसलमानों को डर के रहना होगा? इस सवाल का भी उन्होंने बढ़िया जवाब दिया।
पीएम मोदी दोपहर साढ़े 3 बजे 17वीं लोकसभा के आखिरी सत्र को करेंगे संबोधित..राम मंदिर के धन्यवाद प्रस्ताव पर भी बोलेंगे पीएम मोदी
टीएमसी नेता माजिद मेनन ने इंडिया टीवी से बातचीत के दौरान कहा कि बीजेपी के पास धर्म के अलावा कोई और मुद्दा है ही नहीं। साथ में उन्होंने कहा कि सिर्फ उत्तराखंड में UCC को लागू करने से कोई फायदा नहीं होगा।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने UCC को लेकर दिए बयान में कहा है कि यह भारत के संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों और धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के विरुद्ध है। यह केवल और केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए लाया गया है।
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