हैती के राष्ट्रपति एडगार्ड लेब्लांक फिल्स का एक बड़े जग से पानी पीते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसे देखने के बाद लोगों उनका खूब मजाक उड़ा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत ने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की जमकर आलोचना की है और उन्हें आईना दिखाने की कोशिश की है। भारत ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरा है।
संयुक्त राष्ट्र ने एक बार फिर भारत की कार्यशैली की जमकर सराहना की है। यूएन महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि भारत बहुपक्षवाद का समर्थक है और वह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इसलिए उसका भविष्य उज्जवल है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी मोदी सरकार के विकास पर मुहर लगा दी है। यूएनजीए ने बताया है कि मोदी सरकार ने किस तरह से लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। महासभा ने पूरी दुनिया को भारत का उदाहरण देते कहा कि यहां सिर्फ डिजिटलीकरण से 80 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उन नीतियों की जमकर सराहना की है, जिसके जरिये भारत के 800 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया और गांव-गांव के किसान जिनका पहले बैंकों से नाता तक नहीं था, वह भी डिजिटल मनी का ट्रांजेक्शन स्मार्टफोन से करने लगे।
भारत ने एक बार फिर कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की जमकर क्लास लगाई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने जिस तरह का जवाब दिया है वो जानना आपके लिए जरूरी है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उस वक्त भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का संदेश गूंज उठा, जब बात दुनिया भर में पत्रकारों में मंडराने वाले खतरे और प्रेस की आजादी की चर्चा हुई। तब यूएनजीए के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने पूरी दुनिया को प्रेस की आजादी के लिए महात्मा गांधी का संदेश सुनाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की संयुक्त राष्ट्र ने जमकर सराहना की है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत में तेजी से हुए बुनियादी ढांचे में निवेश से गरीबी दूर होने के मॉडल की भी प्रशंसा की है। बता दें कि डिजिटल इंडिया और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में भारत का दुनिया लोहा मान रही है।
रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास युद्ध, पाकिस्तान-ईरान संघर्ष और चीन-ताइवान का तनाव व पश्चिमी एशिया में बढ़ते संघर्ष के खतरों ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को चरम पर पहुंचा दिया है। अब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी पहली बार तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को लेकर आधिकारिक बयान दिया है। इससे पूरी दुनिया ही सकते में आ गई है।
राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने एक्स पर कहा कि संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज और भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट समन्वयक शोम्बी शार्प का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया गया।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ डेनिस फ्रांसिस की यात्रा के दौरान बातचीत में विशेष रूप से सुरक्षा परिषद में सुधारों के लिए भारत का आह्वान दोहराया जाएगा, ताकि इस वैश्विक संस्था में विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाकर इसे अधिक न्यायसंगत बनाया जा सके।’’
संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक में गाजा में संघर्षविराम का प्रस्ताव पारित हो गया है। भारत सहित 153 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। जानिए गाजा में संघर्षविराम प्रस्ताव का किन देशों ने विरोध किया?
संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के खिलाफ पड़ोसी देश मिस्र यानी इजिप्ट एक ऐसा प्रस्ताव लेकर आया, जिसका भारत ने भी समर्थन किया है। इस प्रस्ताव पर भारत ने इजराइल के खिलाफ वोट दिया। मिस्र के इस प्रस्ताव के विरोध में अमेरिका, ब्रिटेन ने वोट किया।
गाजा में संघर्ष विराम के बीच फिलिस्तीन ने 12 और बंधकों को रिहा किया है। इसके बदले इजराइल ने 30 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है। वहीं भारत ने यूएनजीए में इस युद्ध विराम का स्वागत किया है।
UN में इजराइल हमास जंग के बीच संघर्ष विराम का प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव पर मतदान किया गया। जानिए इस पर भारत का क्या रुख रहा? भारत ने किस बात पर चिंता जताई है। पढ़िए पूरी खबर।
फिलिस्तीन के राजदूत ने गाजा में जारी युद्ध को लेकर कहा कि बमबारी पर रोक लगाकर लोगों की जान बचाई जाए। इस पर इजराइल के राजदूत ने कठोरता से जवाब देते हुए दो टूक कह दिया कि हमास का खात्मा करके ही दम लेंगे।
रूस के साथ भारत के रिश्ते 50 के दशक से ही मजबूत और स्थिर रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया में तेजी से हो रहे उथल-पुथल व उतार-चढ़ाव के बावजूद दोनों देशों में यह स्थिरता बनी हुई है। यह बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोनों देशों के रिश्तों पर पूछे सवाल के संदर्भ में कही।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर राजनीतिक सहूलियत अपनाने के लिए यूएन समेत कनाडा पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं चलने वाला है। जयशंकर ने कहा कि वे दिन बीत गए, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनडा के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में बेहद आक्रामक रुख का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि कनाडा राजनीतिक हितों के लिए भारत के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम देने वाले खालिस्तानियों को बढ़ावा दे रहा है और उसे सहन कर रहा है। भारत ने अन्य देशों के लिए एजेंडा तय करने वालों को भी कोसा।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो भारत के आक्रामक हमले से लगातार तिलमिलाए हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जब कनाडा पर बरसना शुरू किया तो दुनिया देखती रह गई। जयशंकर ने कनाडा को खुली चुनौती देते कहा कि सुबूत है तो सामने रखो।
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