चीन ने 2017 की पहली तिमाही में 33.4 लाख नए रोजगार पैदा किए हैं। नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक यह पिछले साल के मुकाबले 1,60,000 अधिक है।
संसद की एक समिति ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में संशोधन का सुझाव दिया है और कहा है कि EPFO को बेरोजगारी बीमा तथा ग्रैच्युटी लाभ उपलब्ध कराना चाहिए।
विशेषज्ञों के अनुसार, विभिन्न क्षेत्रों में ऑटोमेशन को बढ़ावा दिए जाने के कारण ऐसा लगता है कि वैश्विक स्तर पर 2021 तक प्रत्येक 10 में 4 नौकरियां खत्म हो जाएंगी।
वार्षिक रोजगार एवं बेरोजगारी रिपोर्ट (2013-14) के मुताबिक देश में 16.5 फीसदी से अधिक मजदूरों को नियमित वेतन या पारिश्रमिक नहीं मिलता।
चीन ने इस साल शहरी नागरिकों के लिए आर्थिक मंदी के बावजूद 1.1 करोड़ नई नौकरियों के सृजन का लक्ष्य तय किया है। दूसरी ओर उपभोक्ता महंगाई दर 0.8 फीसदी घटी है।
बेरोजगारी की दर अगस्त, 2016 के 9.5 प्रतिशत से घटकर फरवरी, 2017 में 4.8 प्रतिशत पर आ गई। सबसे ज्यादा गिरावट उत्तर प्रदेश में आई है।
ILO के मुताबिक 2017 में बेरोजगारों की संख्या साल 1.77 करोड़ से बढ़कर 1.78 करोड़ होने की आशंका है। वहीं, 2018 में यह संख्या बढ़कर 1.8 करोड़ तक पहुंच सकती है।
बेरोजगारी कम करने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए फिनलैंड सरकार ने बेरोजगारी भत्ता बढ़ाने का फैसला किया है। अब हर महीने लोगों को करीब 40 हजार रुपए मिलेगा।
नोटबंदी की वजह से लेदर उद्योग पर सख्त मार पड़ रही है। लेदर की चीजों के उत्पादन में 60% की गिरावट आने की वजह से करीब 75 फीसदी कामगार बेरोजगार हो गए हैं।
पिछले चार साल के दौरान प्रतिदिन 550 नौकरियां 'गायब' हुई हैं। यदि यही रुख जारी रहा तो 2050 तक देश में 70 लाख रोजगार समाप्त हो जाएंगे।
बढ़ते बैड लोन की समस्या एक गंभीर चिंंता बनी हुई है। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन घट रहा है और बेरोजगारी पिछले पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
नेशनल सैंपल सर्वे के अनुसार शहरों और गांवों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी ईसाईयों में हैं, जबकि हिंदू और सिखों में अपेक्षाकृत कम बेरोजगारी है।
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