रूस और यूक्रेन के बीच जंग भीषण रूप लेती जा रही है। यूक्रेनी सैनिक रूस में घुस गए हैं जिसके बाद रूस ने बड़ा कदम उठाते हुए कुर्स्क क्षेत्र में आपातकाल का ऐलान कर दिया है।
रूस की तरफ से यूक्रेन पर भीषण हमला किया गया है। रूसी विमानों की तरफ से दागी गई मिसाइलों ने एक शॉपिंग मॉल को हिट किया है। इस हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है।
रूस और यूक्रेन में बीते 36 घंटे से रूस के कुर्स्क क्षेत्र में भीषण जंग चल रही है। रूसी सेना ने इस दौरान 100 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों को मार गिराने का दावा भी किया है। यूक्रेनी घुसपैठ के खिलाफ रूस ने बीती रात कीव पर 27 बड़े ड्रोन हमले किए, लेकिन यूक्रेन ने सभी को नाकाम करने का दावा किया।
रूस और यूक्रेन के बीच कुर्स्क क्षेत्र में जंग अभी भी जारी है। 2 दिनों पहले यूक्रेन की सेना ने रूस के इस इलाके में घुसपैठ की थी। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार यूक्रेनी सेना ने 300 से ज्यादा सैनिकों के साथ 11 टैंकों और 20 बख्तरबंद वाहनों के साथ इलाके में प्रवेश किया था।
ढाई वर्षों के युद्ध के दौरान पहली बार यूक्रेन की सेना रूसी सीमा क्षेत्र में घुस गई है। रूस की राजधानी मॉस्को से महज 500 किलोमीटर की दूरी पर दोनों देशों की सेनाओं में 36 घंटे से भीषण युद्ध चल रहा है। इस दौरान रूस ने यूक्रेन के 100 सैनिकों को मार गिराने का दावा किया है।
यूक्रेन ने जंग के वर्षों बीत जाने के बाद अब पिछले कई महीनों बाद अचानक रूस पर हमलावर हो गया है। बीती रात यूक्रेनी सेना ने रूस के कई इलाकों को ड्रोन बम से धुआं कर दिया। इससे लोगों के बीच अफरातफरी मच गई। हालांकि हमले में किसी की मौत की सूचना नहीं आई है।
रूस की सेना तीसरी बार परमाणु हथियारों के साथ अभ्यास कर रही है। ये सभी रणनीतिक परमाणु हथियार हैं। यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी सेना की इस तरह की तैयारियों को देखकर यूक्रेन से लेकर यूरोप तक हड़कंप मच गया है कि आखिर पुतिन क्या करने वाले हैं?
स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको ने यूक्रेन को साफ संदेश दिया है। फिको ने धमकी देते हुए कहा है कि अगर यूक्रेन के रास्ते स्लोवाकिया तक रूसी तेल का परिवहन जल्द ही शुरू नहीं हुआ तो यूक्रेन को डीजल की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी।
रवि मौण नौकरी की तलाश में रूस गया था। यहां एजेंट ने उसे सेना में भर्ती करा दिया। वह रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच लापता हो गया था। अब उसकी मौत की जानकारी सामने आई है। डीएनए मिलने पर रवि का शव भारत आएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर फैसला सिर्फ भारत को ही नहीं, बल्कि अब पूरी दुनिया को भी चौंकाने लगा है। सूत्रों के हवाले दावा किया जा रहा है कि अगस्त में पीएम मोदी यूक्रेन की यात्रा पर जा सकते हैं। बता दें कि जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस की भी यात्रा की थी। मोदी की इस संभावित यात्रा से दुनिया हैरान है।
यूरोपीय देशों की शतरंजी चाल ने पुतिन को बेहद मुश्किल में फंसा दिया है। अब रूस की संपत्तियों से अर्जित पैसा का इस्तेमाल उसके ही खिलाफ जंग लड़ने के लिए यूक्रेन को दिया जा रहा है। दरअसल रूसी पैसे को जब्त करके यूरोप ने उसके ब्याज की राशि को यूक्रेन को देने का ऐलान किया है।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है और इसके थमने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं। जंग के बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा चीन पहुंचे हैं। कुलेबा का चीन दौरा बेहद अहम माना जा रहा है।
अगर अमेरिका यूक्रेन को सहयोग करना बंद कर दे तो कीव का क्या होगा, क्या जेलेंस्की तब रूस से मोर्चा ले पाएंगे, क्या यूक्रेन रूस के सामने जंग में फिर लंबे समय तक टिक पाएगा?...इन सभी सवालों को लेकर अमेरिकी रक्षामंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बड़ा बयान दिया है कि अमेरिका यूक्रेन को मदद रोक भी दे तो वह अपने पैरों पर खड़ा होगा।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा से फोन पर बात की। बता दें कि पीएम मोदी के रूस दौरे के बाद इस बातचीत को अहम माना जा रहा है। दरअसल, पीएम मोदी के रूस में भव्य स्वागत पर यूक्रेन के राष्ट्रपति ने नाराजगी जाहिर की थी।
अमेरिका चाहता है कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग जल्द से जल्द खत्म हो जाए। यूक्रेन में स्थायी शांति स्थापित करने को लेकर अमेरिका ने भारत से सहयोग मांगा है। इस बीच अमेरिका ने भारत को अपना अहम साझेदार भी बताया है।
अमेरिका ने एक बार फिर भारत से आग्रह किया है कि वो मॉस्को के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल कर रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को समाप्त करने में भूमिका निभाए। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है कि भारत की भूमिका अहम है।
रूस पर यूक्रेन ने फिर एक बार बड़ा ड्रोन हमला किया है। इस बार भी यूक्रेन ने रूस के तेल डिपो को निशाना बनाया है। हमले के बाद तेल डिपो पर भयंकर काला धुआं और आग की लपटें उठते देखा जा सकता है। हालांकि इस दौरान किसी के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की जुबान इस बीच लगातार फिसल रही है। इससे राष्ट्रपति चुनाव से पहले उनकी बौद्धिक क्षमता और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। वैसे भी उनकी 81 वर्षीय उम्र को लेकर शुरू से सवाल उठ रहे हैं। मगर अब उन्होंने जेलेंस्की को पुतिन के नाम से संबोधित करके बवाल बढ़ा दिया है।
यूक्रेन की राजधानी कीव के एक अस्पताल पर रूस ने मिसाइल से हमला किया था। यह यूक्रेन में बच्चों के सबसे बड़े अस्पतालो में से एक था। हमले में अस्पताल तबाह हो गया है जिससे कैंसर से पीड़ित बच्चों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
जिस नाटो संगठन का सदस्य बनने के लिए यूक्रेन ने खुद को बर्बादी के बारूद पर रख दिया, अब वह उसका सदस्य नहीं बन पाएगा। यूक्रेन के सबसे बड़े मददगार अमेरिका ने ही कह दिया है कि रूस से युद्ध समाप्त होने के पहले यूक्रेन को इस संगठन का सदस्य नहीं बनाया जाएगा।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़