रूस के रक्षामंत्रालय ने यूक्रेन शहर अवदिवका पर कब्जे की आधिकारिक पुष्टि कर दी है। एक दिन पहले ही रूसी सेना ने यूक्रेन के इस शहर पर कब्जा कर लिया। यूक्रेनी सेना को हथियारों और गोला-बारूद की कमी के चलते यहां से अपने कदम पीछे हटाने पड़े। इसे यूरोप और पश्चिमी देशों के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के मैदान से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। युद्ध के 2 वर्ष पूरे होने से पहले रूसी सेना ने यूक्रेन के एक और शहर पर कब्जा कर लिया है। यूक्रेन ने अवदिव्का से अपनी सेना को पीछे हटा लिया है। हथियारों और गोला-बारूद की कमी के चलते यूक्रेनी सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
यूक्रेनी सेना ने रूस पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। यूक्रेनी सेना ने रॉकेट के जरिये सीमा से लगे रूस के बेलगोरोड शहर पर भीषण हवाई हमला किया। इसमें कम से कम 5 रूसी नागरिक मारे गए और 18 से ज्यादा घायल हैं। यूक्रेन के इस हमले के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन बौखला गए हैं। वह यूक्रेन पर बड़े पलटवार की तैयारी में हैं।
रूस और यूक्रेन में जारी जंग के बीच रूस ने यूक्रेनी सैनिकों को रोकने के लिए नई रणनीति बनाई है। इसके तहत रूस 30 किलोमीटर लंबी ट्रेन की दीवार बना रहा है। इस तरह वह यूक्रेनी सैनिकों को रोकेगा। जानिए डिटेल।
रूस-यूक्रेन युद्ध के 2 वर्ष पूरे होने से पहले यूरोपीय संघ ने जेलेंस्की के लिए आखिरकार अपना खजाना खोल दिया है। रूसी सेना से जंग लड़ते अभावग्रस्त यूक्रेनी सैनिकों का हौसला बढ़ाने के लिए यूरोपी संघ ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को 50 अरब यूरो का बड़ा रक्षा सहायता पैकेज दिया है। इसकी जेलेंस्की को बेहद जरूरत भी थी।
बेलारूस में विद्रोह की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंकी की लगातार छाठवीं जीत के बाद से ही यह विद्रोह जारी है। वर्ष 2020 में अलेक्जेंडर पर चुनाव में धांधली का आरोप लगा था। अब विद्रोह तेज हो गया है। यह विद्रोह बेलारूस के पड़ोसी और मित्र देश रूस को भी परेशान कर रहा है।
रूस और यूक्रेन की जंग में नाटो पूरी तरह से यूक्रेन की सहायता करके रूस के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। हालांकि रूस भी पीछे हटने वाला नहीं है। इसी बीच यूक्रेन के लिए नाटो 1.2 अरब डॉलर की मदद देने जा रहा है।
यूक्रेनी बाजार पर हमले के बाद रूस के दो टैंकरों पर यूक्रेन ने ड्रोन हमला किया। रूसी रक्षा मंत्रालय ने अपनी दैनिक ब्रीफिंग में किंगिसेप क्षेत्र में किसी भी ड्रोन गतिविधि की सूचना नहीं दी। इसमें कहा गया है कि रूस के स्मोलेंस्क क्षेत्र में चार यूक्रेनी ड्रोन मार कर गिरा दिए गए थे।
मालदीव के राष्ट्रपति लगातार भारत विरोधी काम कर रहे हैं। उन्होंने तुर्की से किलर ड्रोन के लिए बड़ी डील की है। ये वही ड्रोन हैं, जिनका उपयोग यूक्रेन ने रूस से जंग में किया है। पाकिस्तान भी इन ड्रोन का इस्तेमाल करता है।
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच यूक्रेन में मुलाकात हुई। इसी बीच रक्षा सौदे के साथ यूक्रेन को 2.5 बिलियन पाउंड देने का ब्रिटेन ने ऐलान किया है।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने बुधवार को अपने यूक्रेन के समकक्ष दिमित्रो कुलेबा के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों पर “उपयोगी” बातचीत की और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग और तेज हो गई है। दो दिन पहले रूस ने 18 घंटे तक लगातार यूक्रेन के विभिन्न इलाकों में बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला करके 30 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। यह रूस की ओर से यूक्रेन पर किया सबसे बड़ा हमला था। अब यूक्रेन भी रूस से बदला लेना चाहता है।
रूस ने यूक्रेन पर वर्ष 2023 का सबसे बड़ा हमला किया है। रूसी सेना ने यूक्रेन के अलग-अलग ठिकानों पर भीषण ड्रोन और मिसाइल हमला किया। इस दौरान एक साथ 110 मिसाइलों से किए गए हमले में कम से कम 7 लोग मारे गए हैं। काफी संख्या में लोग अभी भी मलबे में दबे बताए जा रहे हैं।
एक बार यूक्रेन की और अधिक सहायता से इनकार के बाद अमेरिका ने फिर से जेलेंस्की को बड़ा रक्षा पैकेज दिया है। अमेरिका ने यूक्रेन को आखिरी मदद के तौर पर 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सैन्य सहायता पैकेज दिया है। ताकि यूक्रेन अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा कर सके। इससे रूस के खिलाफ यूक्रेन फिर से उठ खड़ा होगा।
रूस और यूक्रेन की जंग के बीच यूक्रेन में सैनिकों की कमी का संकट खड़ा हो गया है। यही कारण है कि यूक्रेनी सेना ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को प्रस्ताव दिया है कि कम से कम 5 लाख सैनिकों की भर्ती की जाना जरूरी है।
युद्ध के भवंरजाल में बुरी तरह फंस चुके यूक्रेन का खेल अब खत्म होने वाला है। 22 महीने की जंग के बाद यूक्रेन के पास अब हथियार और गोला-बारूद की भारी कमी हो गई है। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने उसे अब आगे मदद देने में असमर्थता जाहिर कर दी है। ऐसे में पुतिन की सेना अब यूक्रेन को जल्द अपने चंगुल में ले सकती है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन से जंग के 22 महीने बीत जाने पर कहा है कि कीव में तब तक शांति नहीं कायम होगी, जब तक मास्को अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेता। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं होना चाहिए और उसे तटस्थ रहना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता तो यूक्रेन में शांति नहीं आएगी।
यूरोपीय और नाटो देशों से मदद नहीं मिलने से यूक्रेन बेसहारा हो गया है। इस बीच रूस ने यूक्रेन पर हमलों को तेज कर दिया है। बुधवार की रात रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी। इसमें 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। दर्जनों इमारतें धराशाई हो गई हैं।
रूस यूक्रेन में जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन से मिले। इस दौरान बाइडेन ने बताया कि उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस से यूक्रेन के लिए फंड की डिमांड की। वहीं मुलाकात के दौरान जेलेंस्की ने कहा कि पुतिन के मंसूबे कभी पूरे नहीं होने देंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन को हौसला बढ़ाने और उसे निरंतर सपोर्ट जारी रखने कि लिए अमेरिकी कांग्रेस से बड़ी अपील की है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन के लोगों के लिए और स्वतंत्रता के लिए साथ खड़े होइये। हम पुतिन को जीतने नहीं दे सकते। अगर हमने यूक्रेन की स्वतंत्रता का साथ नहीं दिया तो इतिहास हमारे साथ कठोर न्याय करेगा।
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