ब्रिक्स शिखर वार्ता 2024 से पहले इसकी मेजबानी कर रहे रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता की है। इस दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ब्रिक्स का उद्देश्य किसी के खिलाफ होना नहीं है। यह पश्चिम विरोधी नहीं है। इसके लिए उन्होंने भारत का उदाहरण भी दिया।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन को लेकर अमेरिकी समर्थन की आलोचना करते रहे हैं। लेकिन, इस बार उन्होंने साफ कह दिया है कि रूस के साथ युद्ध के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की जिम्मेदार हैं।
रूस से जंग में कमजोर पड़ रहे यूक्रेन की मदद के लिए अब ऑस्ट्रेलिया मदद को आगे आया है। ऑस्ट्रेलिया ने 49 अब्राम्स टैंक देने का ऐलान किया है।
रूस ने यूक्रेन में ड्रोन और मिसाइल अटैक किया है। इस दौरान रूस की सेना ने ऊर्जा संयंत्रों को निशाना बनाया है। यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए रूस के 22 ड्रोन मार गिराए हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग में अमेरिका ने एक बार फिर यूक्रेन को बड़ी सैन्य मदद देने का ऐलान कर दिया है। जंग शुरू होने के बाद से अमेरिका कीव को अब तक कुल 55.6 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता मुहैया करा चुका है।
यूक्रेन के हमले के जवाब में रूसी सेना ने भी उस पर ड्रोन अटैक किया। यूक्रेन की वायु सेना ने बुधवार को कहा कि उसने यूक्रेन के तीन क्षेत्रों में रूसी सेना द्वारा छोड़े गए 22 में से 21 ड्रोन को नष्ट कर दिया।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इस बीच रूस की एक अदालत ने अमेरिकी शख्स को सजा सुनाई है। अमेरिकी शख्स की उम्र 72 साल है और उसे यूक्रेन में भाड़े के सैनिक के रूप में लड़ने के आरोप में दोषी ठहराया गया है।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। यूक्रेन युद्ध में रूस के कब्जे वाले अहम इलाकों को निशाना बना रहा है। दोनों पक्ष लगातार एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं। इस बीच यूक्रेन ने रूस के तेल टर्मिनल पर हमला किया है।
रूस ने यूक्रेन पर बीती रात घातक ड्रोन और मिसाइलों से बड़ा हमला किया है। इसमें यूक्रेन के कई अहम ऊर्जा ठिकाने ध्वस्त हो गए हैं और हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई है।
रूस ने यूक्रेन के बुनियादी ढांचों को भीषण ड्रोन हवाई हमले में तबाह कर दिया है। इससे कई इमारतें ध्वस्त हो गई। अलग-अलग हमलों में 1 व्यक्ति की मौत हो गई और 4 लोग घायल हो गए।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। दोनों पक्ष लगातार एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं। इस बीच रूस ने एक ऐसे बम का प्रयोग शुरू किया है जिसका यूक्रेन के पास कोई तोड़ नहीं है।
यह वही शहर है जिसकी आबादी युद्ध से पहले 14,000 से अधिक थी। मगर अब तबाह हो गया है। सोवियत काल की बनी इमारतें यहां नष्ट और खंडहर हो गई हैं। मोस्कोवस्की कोम्सोमोलेट्स अखबार ने कहा कि यह यूक्रेनी सेना ती 72वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड की आखिरी प्रशिद्ध प्रतिरोध इकाई है, जिसने मंगलवार देर रात शहर छोड़ दिया।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को लेकर बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा कि युद्ध शुरू होने से पहले यूक्रेन को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करनी चाहिए थी।
अमेरिका ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाए जाने और यूएनएससी में सुधार का समर्थन किया है। बाइडेन ने पीएम मोदी से यह बात साझा की। इसके साथ ही उन्होंने शांति के लिए पीएम मोदी की रूस और यूक्रेन यात्रा की भी सराहना की।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। यूक्रेन की सेना ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। इस बीच अब रूस की तरफ से कहा गया है कि उसकी सेना फिर कुर्स्क क्षेत्र पर नियंत्रण हासिल कर लेगी।
भारत और रूस की दोस्ती में दरार पैदा करने के लिए की गई विदेशी मीडिया की रिपोर्टिंग पर भारत बिफर गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन युद्ध के मैदान में भारतीय हथियारों के पहुंचने की खबर को अटकलबाजी और भ्रामक बताते हुए इस खबर का पूर्ण खंडन किया है।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। यूक्रेन की सेना ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में बड़े भाग पर कब्जा कर लिया है। इस बीच यूक्रेन ने एक कदम और बढ़ाते हुए संयुक्त राष्ट्र और ICRC से रूस के कुर्स्क क्षेत्र में मानवीय प्रयासों में शामिल होने के लिए कहा है।
अगर अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन को रूस पर हमला करने के लिए पश्चिमी मिसाइलों और हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति देते हैं तो यह जंग खतरनाक हो सकती है। ऐसे में पुतिन एक नया परमाणु परीक्षण कर सकते हैं। कई विशेषज्ञों ने इस बात का दावा किया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध से सुरक्षित स्वदेश लौटे मोहम्मद सूफियान ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया है। उसने कहा कि उसे अब भी यह यकीन नहीं हो रहा कि वह स्वदेश लौट आया है। सूफियान ने रूस-यूक्रेन युद्ध को बहुत भयावह बताया।
रूस-यूक्रेन युद्ध के लंबा खिंचने पर अब परमाणु युद्ध की आशंका फिर से तेज हो रही है। अगर भारत, ब्राजील और चीन की ओर से युद्ध में शांति के किए जा रहे प्रयास सफल नहीं होते तो दुनिया के लिए खतरे की घंटी बज सकती है। क्योंकि परमाणु युद्ध का असर किसी न किसी रूप में पूरे विश्व पर होगा।
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