रमजान के महीने में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की द्वारा दी गई इफ्तार पार्टी में कई मुस्लिम नेता और प्रतिनिधि शामिल हुए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने शुक्रवार को क्रेमलिन के कब्जे वाले क्रीमिया में मुस्लिम अल्पसंख्यक तातार समुदाय के साथ रूस के बर्ताव की आलोचना की।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को कहा कि अगर पश्चिमी देश रूस के अनाज निर्यात की बाधाओं को दूर करने में नाकाम रहते हैं तो मास्को उस समझौते से बाहर निकल सकता है जो यूक्रेनी अनाज को वैश्विक बाजारों में भेजने की अनुमति देता है।
रूस- यूक्रेन युद्ध को 1 वर्ष से अधिक हो चुके हैं, लेकिन इसके खात्मे के अभी तक कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं। इस बीच पुतिन के विशेष सुरक्षा दस्ते के एक अधिकारी ने अपने राष्ट्रपति को तगड़ा झटका दिया है। यह अधिकारी पुतिन की खुफिया सुरक्षा सेवा में तैनात था। मगर युद्ध के दौरान ही अधिकारी ने पुतिन का साथ छोड़ दिया है।
रूस ने हाल ही में फैसला किया है कि वह बेलारूस में टैक्टिकल परमाणु हथियारों को तैनात करेगा। अब लुकाशेंको ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर पुतिन अंतरमहाद्वीपीय परमाणु मिसाइल को भी बेलारूस में तैनात कर सकते हैं। इस बयान के बाद से ही नाटो यानी पश्चिमी देश ही नहीं, अमेरिका को भी टेंशन हो गई है।
यूक्रेन के एक धर्मगुरु ने अपने ही देश के खिलाफ ऐसा अधर्म कर डाला कि यह बात पूरे देश को नागवार गुजरी। इसके बाद इस धर्मगुरु को अदालत के आदेश पर घर में ही नजरबंद कर दिया गया है। आरोप है कि इस धर्मगुरु ने यूक्रेन पर रूस के हमले को बिल्कुल सही ठहराया है। इसके बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की भी आग बबूला हो गए।
तुर्की और ईरानी ड्रोन से तबाही के कई उदाहरण हाल के समय में देखने को मिले हैं। रूस और यूक्रेन की जंग में भी ड्रोन के इस्तेमाल से तबाही के उदाहरण देखने को मिले हैं। यही नहीं, आर्मीनिया और अजरबेजान के संघर्ष में भी ड्रोन की अहम भूमिका सामने आई है।
यूक्रेन से लौटे छात्रों के लिए बड़ी खबर है। केंद्र सरकार ने इन छात्रों की मदद करने का मन बना लिया है। केंद्र सरकार ने MBBS पास करने के लिए छात्रों को मौका देने के कहा है।
बाली के गवर्नर वायन कोस्टर ने कहा कि रूस और यूक्रेन के नागरिक न सिर्फ जंग से बचने के लिए बाली आए हैं, बल्कि वे यहां काम भी ढूंढ़ रहे हैं।
पुतिन ने यह स्पष्ट किया कि यूक्रेन को नाटो देश हथियारों की मदद कर रहे हैं। यह चिंता का कारण है। हालांकि इससे रूस को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। पुतिन ने अमेरिका और नाटो देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि रूस के पास हथियारों का जखीरा जमा है, भरा हुआ है। इसका अभी तक इस्तेमाल ही नहीं किया गया है।
आईएमएफ ने बयान में कहा कि उसका कर्ज सहायता कार्यक्रम चार साल तक चलेगा जिसमें शुरुआती 18 महीनों तक यूक्रेन के व्यापक बजट घाटे को पाटने पर जोर रहेगा।
व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वॉरेंट जारी किया गया है। इसे ICC यानि International Criminal Court ने जारी किया है। सवाल ये है कि कौन सी पुलिस पुतिन को गिरफ्तार करेगी। क्या ICC के पास ये अधिकार है।
रूस ने ICC पर नाराजगी जताते हुए कहा है, ''ये मुमकिन है कि नॉर्थ सी में रूसी वॉरशिप से निकली एक हाइपरसोनिक मिसाइल हेग में ICC के हेडक्वार्टर पर गिरे। कोर्ट के लिए इसे रोकना नामुमकिन होगा।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किए जाने के बाद पहली बार कोई बड़ा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन से मुलाकात करने जा रहा है। इस मुलाकात से चीन का हित यह है कि वह अपने सबसे बड़े दुश्मन अमेरिका को कूटनीतिक मात देना चाहता है।
अंतरराष्ट्रीय अदालत ने यूक्रेन में कार्रवाई को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अब पुतिन गिरफ्तार हो सकते हैं।
पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने कहा कि वॉरसॉ ‘‘अगले कुछ दिनों में’’ यूक्रेन को सोवियत-निर्मित चार मिग-29 लड़ाकू विमान देगा। डूडा ने संकेत दिए कि पोलैंड यूक्रेन को 11 से 19 मिग-29 लड़ाकू विमान उपलब्ध करा सकता है।
अमेरिकी और जर्मन मीडिया की खबरों में दावा किया गया था कि इस बात के सबूत हैं कि यूक्रेन या कम से कम यूक्रेन के लोग ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार थे।
अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने कहा है कि रूसी इंटेलिजेंस एजेंसी से ताल्लुक रखने वाले लोग मोल्दोवा सरकार को गिराने की मंशा के साथ प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।
यूक्रेन पर रूस की आक्रमकता बिना किसी वजह की एक ऐसी घटना है, जो पश्चिमी देशों और चीन के साथ रूस के रिलेशन को फिर से एक अलग तरह से देखा जा रहा है। रूस-यूक्रेन में जारी जंग के कई और मायने भी हैं, जो सामने आ रहा है।
यूक्रेनी सेना को बखमुत में रखने के अपने फैसले का बचाव करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, यह हमारे लिए सामरिक की दृष्टि से अहम है, हम समझते हैं कि बखमुत के बाद वे आगे जा सकते हैं।
यूक्रे के पूर्वी और सामरिक दृष्टि से सबसे अधिक रणनीतिक शहर बखमुत में कई दिनों की भीषण जंग के बाद अब रूसी सेना जीत के करीब पहुंच चुकी है। रूस जल्द बखमुत पर कब्जे का दावा कर रहा है। वहीं यूक्रेन की सेना अभी भी बखमुत में अपनी पूरी ताकत झोंक रही है और पीछे नहीं हटने की जिद पर अड़ी है।
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