डिजिटल युग में आपकी इजाजत के बिना आपके आधार कार्ड का बायोमीट्रिक डेटा कोई चेक न कर सके इसके लिए सरकार की तरफ से पूरे इंतजाम किए गए हैं।
अगर आप प्लास्टिक आधार कार्ड या यूं कहें स्मार्ट आधार कार्ड पसंद करते हैं और इन्हें बनवाने की सोच रहे हैं तो ठहर जाएं।
यूआईडीएआई ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अगर आप अपने आधार का उपयोग किसी सेवा के लिए नहीं कर रहे हैं तो ये डिएक्टिवेट नहीं किया जाएगा। इससे जुड़ी किसी भी अफवाह या रिपोर्ट पर विश्वास न करें।
आधार की सुविधा के बिना एक ग्राहक के सत्यापन पर कम से कम 150 रुपए से 200 रुपए तक खर्च करना पड़ता था।
ज्ञात शवों की पहचान करने में आधार बायोमेट्रिक्स के उपयोग के लिए केंद्र और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को निर्देश देने की मांग की गई है
दूरसंचार विभाग और यूआईडीएआई ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि सरकार मोबाइल उपभोक्ताओं पर केवाईसी विवरण का पुन: सत्यापन करने का दबाव नहीं डालेगी
भातरीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तर्ज पर आधार सेवा केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है।
UIDAI ने टेलिकॉम कंपनियों को इसके लिए 15 अक्टूबर तक का समय दिया है
जानिए अब कहां जरूरी होगा आधार और कहां नहीं?
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अजय भूषण पांडे ने कहा है कि यूआईडीएआई प्रणाली में कई स्तर की सुरक्षा निगरानी प्रावधान है
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी UIDAI ने कहा है कि जिन बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं है उन्हें कोई भी स्कूल एडमिशन देने या अन्य सुविधाएं देने से मना नहीं कर सकता।
UIDAI ने सभी टेलिकॉम ऑपरेटर्स से कहा है कि वे 15 सितंबर से इसे लागू करें नहीं तो उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
यूआईडीएआई ने व्यक्ति की पहचान के सत्यापन की एक अतिरिक्त विधि के अंतर्गत फोटो का चेहरे से मिलान करने की सुविधा चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की घोषणा की है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) आधार संख्या साझा करने के संबंध में लोगों को जागरूक करने की योजना बना रहा है।
प्राधिकरण का कहना है कि किसी फोन के कांटैक्ट की सूची में दर्ज नंबर के जरिये उस फोन की सूचनाएं नहीं चुरायी जा सकती है
UIDAI का कहना है कि किसी फोन के कॉन्टेक्ट लिस्ट में दर्ज नंबर के जरिए उस फोन की सूचनाएं नहीं चुराई जा सकती है।
एंड्रॉयड फोन की कॉन्टेक्ट लिस्ट में बिना इजाजत के आधार हेल्पलाइन नंबर के मामले पर Google ने गलती मानी है
इस मामले के बाद सबसे बड़ा सवाल ये उठा कि जब बिना इजाज़त यूजर्स की फोनबुक तक पहुंचा जा सकता है तो इस बात की क्या गारंटी है कि फोन में मौजूद बाकी पसर्नल डेटा मसलन फोटो, वीडियो और चैट से छेड़छाड़ ना हो।
इस मामले के बाद सबसे बड़ा सवाल ये उठा कि जब बिना इजाज़त यूजर्स की फोनबुक तक पहुंचा जा सकता है तो इस बात की क्या गारंटी है कि फोन में मौजूद बाकी पसर्नल डेटा मसलन फोटो, वीडियो और चैट से छेड़छाड़ ना हो।
शुक्रवार को बड़े पैमाने पर स्मार्टफोन यूजर्स आधार नंबर लागू करनेवाली एजेंसी यूआईडीएआई के टॉल फ्री नंबर के अपने फोनबुक में अपने आप सेव हो जाने से भौंचक हो गए।
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