विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार (28 अगस्त) को अपना फैसला सुना सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सितंबर के अंत तक अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत ने सभी पक्षों को अपनी दलीलें लिखित में पेश करने के लिए तीन दिन का और समय दिया है।।
कोविड-19 महामारी के दौरान सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित करने के यूजीसी के 6 जुलाई के निर्देश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई की।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने देशभर के विश्वविद्यालयों को अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित करवाने का निर्देश दिया था. इसके लिए दिशानिर्देश भी जारी कर दिए गए थे जिसका कई राज्य विरोध कर रहे हैं। यूजीसी के फैसले का 31 छात्रों ने सुप्र
34 साल बाद बदलाव में लाई गई शिक्षा नीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भविष्य की शिक्षा, रिसर्च जैसे मामलों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लाखों सुझावों के बाद मंजूरी मिली है।
देश भरे विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए जारी यूजीसी गाइडलाइंस 2020 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई शुरु हो गयी है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने यूजीसी के उन दिशा-निर्देशों को चुनौती देने वाली एक याचिका बृहस्पतिवार को वापस लेने की अनुमति दे दी क्योंकि इसी तरह का मामला शीर्ष अदालत में भी लंबित है।
यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है जिसमें कहा गया है कि फ़ाइनल ईयर की परिक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित करवाने का मक़सद छात्रों काभविष्य सँभालना है ताकि छात्रों की अगले साल की पढ़ाई में विंलंब न आए।
अखिल भारतीय विश्वविद्यालय व महाविद्यालय शिक्षक महासंघ के आह्वान पर बुधवार को भागलपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (भूटा) ने यूजीसी के नए दिशा-निर्देशों को बिना शर्त अविलंब वापस लेने की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूजीसी को नोटिस जारी किया, अपने दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली दलीलों के एक बैच पर, 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष के विश्वविद्यालय परीक्षाओं को पूरा करना अनिवार्य है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को संशोधित दिशानिर्देशों को जारी करने बाद तीखी प्रतिक्रिया मिल रही है क्योंकि देश भर के लाखों छात्र सितंबर अंत तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने के निर्णय वाले विश्वविद्यालयों के फैसले का विरोध कर रहे है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय में कहा कि महाराष्ट्र सरकार को कोविड-19 महामारी के बीच अंतिम वर्ष की परीक्षाएं निरस्त करने का कोई अधिकार नहीं है।
राज्यों के विरोध के बीच 209 विश्वविद्यालयों ने अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा आयोजित करवा ली है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से स्पष्ट करने को कहा कि क्या विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं बहुविकल्पीय प्रश्नों, खुले विकल्प, असाइनमेंट और प्रस्तुतिकरणों के आधार पर कराई जा सकती हैं।
कोरोना वायरस संकट के बीच विश्वविद्यालय परीक्षाओं को लेकर चल रही कशमकस के बीच केंद्रीय एचआरडी मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने इंडिया टीवी डिजिटल से बात करते हुए यूजीसी के नए दिशानिर्देशों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने UGC के उस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें UGC ने कॉलेज और युनिवर्सिटी में आखिरी वर्ष की परीक्षा कराने की बात कही थी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने गुरुवार को कहा कि देश में कोरोनोवायरस महामारी की स्थिति के बीच परीक्षाओं के आयोजन की स्थिति बताने के लिए विश्वविद्यालयों से संपर्क किया गया था।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने अंतिम वर्ष के विश्वविद्यालय परीक्षाओं को रद्द करने वाले राज्यों को चेतावनी देते हुए कहा है कि राज्यों को ऐसा करने की अनुमति नहीं है और आयोग के पास कार्रवाई करने की शक्ति है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में होने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए अब और समय दिया गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को परीक्षाएं रद्द कर विद्यार्थियों को उनके पिछले प्रदर्शन के आधार पर अगले शैक्षणिक सत्र के लिए प्रोन्नत कर देना चाहिए।
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