इंडिया टीवी के शो 'आप की अदालत; में संजय राउत ने एकनाथ शिंदे समेत कई नेताओं पर तीखी टिपण्णी की। राज ठाकरे के बालासाहेब जैसे लगने पर उन्होंने कहा कि उनकी नकल करने से हर कोई नेता नहीं बन जाता है।
महाराष्ट्र में मचे राजनीतिक घमासान के बीच सबसे चर्चित चेहरों में से एक संजय राउत ने इंडिया टीवी के शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों के खुलकर सामना किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज देश की अदालतें सत्ता में बैठे लोगों के इशारों पर चल रही हैं।
अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्ष के नेता आपस में मुलाकात कर रहे हैं। यह मुलाकातें विपक्षी एकता और गठबंधन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
शरद पवार ने बुधवार को कहा कि BJP द्वारा उनके भतीजे और NCP नेता अजित पवार के साथ सरकार बनाने की कोशिश का एक फायदा यह हुआ कि इससे 2019 में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन खत्म हो गया।
इससे पहले संजय राउत ने कहा था कि अमित शाह सही मायनों में महाराष्ट्र और मराठी मानुस के दुश्मन हैं। इसमें गलत क्या है। उन्होंने उस शिवसेना को तोड़ा है जिसे बालासाहेब ने मराठी मानुस को ताकत देने के लिए बनाया था।
चुनाव आयोग ने असली शिवसेना के रूप में एकनाथ शिंदे के गुट को मान्यता दी थी। इस फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
उद्धव ठाकरे से शिवसेना का नाम और निशान छिन गया है। विधानसभा और लोकसभा में ऑफिस छिन गया। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है लेकिन दूसरे दिन भी सुनवाई से इनकार कर दिया गया है। अब लड़ाई मातोश्री, शिवसेना भवन, सामना अखबार और बाकी संपत्तियों की है।
ट्विटर पोल में इंडिया टीवी ने पूछा था कि ‘क्या शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान मिलने के बाद क्या उद्धव ठाकरे का राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा?’
चुनाव आयोग ने पिछले सप्ताह एकनाथ शिंदे नीत धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे चुनाव चिह्न ‘तीर-धनुष’ भी आवंटित किया था।
इस योजना के तहत ठाकरे गुट पूरे महाराष्ट्र में रैलियों का आयोजन करेगा। इसे 'शिवसैनिक निर्धार रैली' का नाम दिया गया है। इस रैली के जरिए आगामी चुनाव में बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत के साथ लड़ने की शपथ शिवसैनिकों को दिलाई जाएगी।
महाराष्ट्र में पार्टी की पहचान और विचारधारा के लिए कमिटमेंट की परिभाषाओं के बीच उद्धव ठाकरे अकेले पड़ते दिख रहे हैं। महाविकास अघाड़ी के मतभेद भी खुलकर सामने आने लगे हैं।
उद्धव ठाकरे ने इस बैठक में आगे कहा कि अगर हम अभी नहीं जागेंगे तो साल 2024 लोकसभा चुनाव में तानाशाही सरकार आएगी। मशाल 28 तारीख तक इस चिन्ह का उपयोग कर सकते हैं। यदि चिन्ह हटा भी दिया जाता है तो मेरे दिमाग में 10 और चिन्ह है।
महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बीच आज सुबह 9.30 बजे सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना विधायकों की अहम बैठक बुलाई है और सभी 40 विधायकों को शामिल होने का फरमान जारी किया है।
महाराष्ट्र के कोल्हापुर दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने उद्धव ठाकरे पर जोरदार निशाना साधा। शाह ने कहा कि शरद पवार के पैरों में गिरकर उनसे सीएम बनाने का अनुरोध किया।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन नहीं तोड़ा था। उद्धव ने कहा कि 1993 के समय में 56 इंची सीने वाले लोग कहां गए थे। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के साथ नहीं गया था, मुझे बीजेपी ने धकेला था।
संजय राउत सौदा-सौदा की रट लगा रहे हैं लेकिन बीजेपी का टारगेट क्लियर है। गृहमंत्री अमित शाह 48 घंटे से महाराष्ट्र में है। शाह ने 2024 में महाराष्ट्र की सभी 48 सीटें जीतने का टारगेट सेट कर दिया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे ‘तीर-धनुष’ चुनाव निशान आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले पर उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है तथा वह इसको लेकर चल रहे विवाद में नहीं पड़ेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2014 से 2022 का कालखंड का जब कभी भी भारत की चुनी हुई सरकारों का इतिहास लिखा जाएगा तो स्वर्णमयी अक्षरों से लिखा जाएगा।
एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि शिवसेना की स्थापना बालासाहेब ठाकरे ने की थी और उनकी इच्छा थी कि पार्टी को उद्धव ठाकरे ही चलाएं, लेकिन यह फैसला उनकी इच्छा का अपमान है।
एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग के इस फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया है। इस मामले में अब उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट जाने वाले हैं। उद्धव ठाकरे की शिवसेना सोमवार को चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाले हैं।
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