चुनाव आयोग ने उद्धव गुट को बड़ा झटका देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को शिवसेना का नाम और ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया।
चुनाव आयोग ने कहा कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों में से एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों के पक्ष में लगभग 76 फीसदी मत पड़े।
उद्धव ठाकरे को बहुत बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना नाम मिला है। धनुष बाण चुनाव निशान एकनाथ शिंदे गुट को मिला है।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित मामलों को तुरंत सात-न्यायाधीशों की एक बड़ी बेंच को भेजने से इनकार कर दिया।
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के प्रमुख ठाकरे की मुलाकात से तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां अल्पसंख्यक समुदाय के एक शैक्षणिक संस्थान का उद्घाटन किया था।
बावनकुले ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे ने कभी किसी फाइल या अनुरोध पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए और न ही कोई टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ फडणवीस अपने पास आने वाली हर फाइल और चिट्ठी पर आदेश, निर्देश देते हैं।
BJP Rahul Gandhi के आरोपों झूठे बता रही है। लेकिन Shiv Sena का Uddhav गुट राहुल के आरोपों को सही बता रहा है।
आनंद दिघे की लोकप्रियता ने ठाणे को अविभाजित शिवसेना के लिए सबसे सुरक्षित सीट बना दिया था, लेकिन पिछले साल जून में शिंदे की बगावत के बाद क्षेत्र में पार्टी के समर्थन का ज्यादातर हिस्सा उनके (शिंदे) बालासाहेबांची शिवसेना के खाते में चला गया।
देसाई ने कहा, 'पूरी दलील विरोधाभासी थी।' ठाकरे गुट के एक अन्य नेता अनिल परब ने ‘मुख्य नेता’ पद की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी संविधान में किसी व्यक्ति को इस पद पर नियुक्त करने के लिए कोई प्रावधान मौजूद नहीं है।
पिछले दिनों संजय राऊत ने कहा था कि अगर उन्होंने नारायण राणे की फर्जी कंपनियों के बारे में खुलासा कर दिया तो राणे को 50 साल तक जेल में रहना होगा।
संजय राउत ने कहा कि अभी तक इन संस्थानों में स्वतंत्रता और स्वायत्तता नहीं दिखी है। इन संस्थानों में लोगों की नियुक्ति सरकार द्वारा की जाती है। हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को न्याय मिलेगा।
Maharashtra Politics: एनसीपी नेता जितेंद्र आह्वाड ने सोमवार को अजित पवार के बयान का बचाव करते हुए कहा था कि मुगल बादशाह औरंगजेब हिंदू विरोधी नहीं था। उन्होंने कहा कि औरंजेब एक क्रूर शासक था, जिसने सिंहासन पर चढ़ने के लिए अपने भाई और पिता की हत्या कर दी थी।
बता दें कि एकनाथ शिंदे की बगावत के कारण शिवसेना में टूट हुई और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी।
BMC ने मुंबई स्थित हेडक्वार्टर में सभी राजनीतिक दलों के ऑफिस पर ताला लटका दिया है। इसे लेकर बीएमसी के प्रशासक एवं नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने मीडिया को जानकारी दी है।
उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री शिंदे और उनके खेमे के विधायकों द्वारा बाल ठाकरे के पोस्टर का इस्तेमाल किए जाने की भी आलोचना की तथा कहा कि ये तस्वीरें उनके (उद्धव के) द्वारा खींची गई थी।
प्रदेश की राजनीति में कर्नाटक-महराष्ट्र सीमा विवाद को लेकर भूचाल मचा हुआ है। जहां एकतरफ प्रदेश सरकार में हिस्सेदार बीजेपी बच रही है तो वहीं विपक्ष इसे लेकर सरकार पर हमलावर है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री शंभूराज देसाई ने पिछले हफ्ते कहा था कि उनकी पार्टी कर्नाटक से सीमा विवाद को लेकर सोमवार को विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी। हालांकि, राज्य में भाजपा के नेतृत्व की तरफ से ऐसे किसी प्रस्ताव की बात नहीं की गई।
अपनी फामेर्सी की दुकान से घर लौट रहे 54 वर्षीय उमेश कोल्हे की 21 जून की देर रात तीन हमलावरों ने हत्या कर दी थी। उमेश की हत्या बीजेपी की तत्कालीन प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणियों का समर्थन करने वाले संदेशों को कथित रूप से पोस्ट करने के बाद की गई थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने शिवसेना का नाम और पार्टी का चुनाव चिन्ह फ्रीज करने से जुड़े एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
उद्धव ठाकरे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वर्तमान में जारी महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर अपने रुख को साफ करना चाहिए।
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