रूस-यूक्रेन युद्ध लगातार जारी है। जबकि इस युद्ध का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। यूक्रेन के पास गोला-बारूद और हथियारों की भारी कमी हो गई है। जेलेंस्की इस वजह से निराश हैं। अकेले अमेरिका की मदद से यूक्रेन अब ज्यादा दिन रूस से जंग लड़ पाने की स्थिति में नहीं है। इस बीच यूएई ने दोनों देशों में बड़ा समझौता कराया है।
भारत ने मिडिल ईस्ट के मुस्लिम देश के साथ राजस्थान में दो सप्ताह का सैन्य अभ्यास शुरू किया है। दोनों देशों की सेनाओं ने मंगलवार को राजस्थान के महाजन क्षेत्र में यह जंगी अभ्यास शुरू किया है।
UAE के एक खिलाड़ी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है। इस खिलाड़ी ने एक ऐसा करिश्मा कर दिया है, जिसे रोहित शर्मा भी नहीं कर पाए हैं।
केकेआर के लिए आईपीएल में खेलने वाले एक खिलाड़ी ने अपने शानदार शतक के साथ अपने देश को टी20 मुकाबला जिताया। इस खिलाड़ी ने टी20 इंटरनेशनल में पहला शतक जड़ा है।
गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बड़े प्रस्ताव को अंगीकार किया है। यह प्रस्ताव संयुक्त अरब अमीरात की ओर से पेश किया गया था। 15 सदस्यीय इस मंच पर इसके पक्ष में 13 वोट पड़े और विरोध में किसी ने मतदान नहीं किया। यह प्रस्ताव पास होने से फिलिस्तीनी गदगद हो गए हैं।
दुबई में स्थित शिव मंदिर को अपने स्थान से हटाया जा रहा है। इस संबंध में जब मंदिर में नोटिस लगाया गया, तो लोगों में मायूसी छा गई। 75 साल पुराना यह मंदिर जेबेल अली में शिफ्ट किया जा रहा है।
रूस ओपेक प्लस का हिस्सा है, जो तेल उत्पादक सदस्यों और अन्य देशों का एक समूह है। समूह ने कच्चे तेल की कीमतों को बढ़ाने की कोशिश के तहत उत्पादन का प्रबंधन किया है। पिछले सप्ताह समूह ने अगले वर्ष के लिए कुछ उत्पादन कटौती का विस्तार किया और उभरते हुए तेल आपूर्तिकर्ता ब्राजील को इसमें शामिल कर लिया।
दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाएं सुस्ती के दौर में है। वहीं भारत ने दुनिया को अपनी संकल्पशक्ति से बड़ा कारनामा करके दिखाया है। इस उपलब्धि के बाद भारत ने अपने लिए 2030 तक बड़ा लक्ष्य तय किया है।
भारत-फ्रांस के संबंधों में लगातार मधुरता और मजबूती बढ़ रही है। पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मौक्रों काफी अच्छे दोस्त हैं। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों नेता गर्मजोशी के साथ मिलते हैं। दुबई में भी पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात और द्विपक्षीय वार्ता की।
मोदी ने कहा, ‘‘हम एक-दूसरे के साथ सहयोग करेंगे और एक-दूसरे का समर्थन करेंगे। हमें सभी विकासशील देशों को वैश्विक कार्बन बजट में अपना उचित हिस्सा देने की जरूरत है।’’ यदि भारत का सीओपी33 की मेजबानी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो यह इस साल की शुरुआत में जी20 के बाद देश में अगला बड़ा वैश्विक सम्मेलन होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में कॉप-28 से इतर इजरायल के राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने इजरायल-हमास युद्ध के खात्मे के लिए कूटनीति और बातचीत के जरिये स्थाई समाधान का विकल्प खोजने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में चल जलवायु परिवर्तन पर चल रहे कॉप-28 में सम्मेलन में ग्लोबल साउथ देशों की जोरदार वकातल की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देशों की मांग है कि विकसित देश उन्हें जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करें। यह मांग पूरी तरह न्यायोचित है।
वहीं इससे पहले भारत इसी वर्ष G20 सम्मेलन का आयोजन कर चुका है। इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत दुनियाभर के नेता भारत आये थे। अब इसके बाद भारत ने साल 2028 में एक और बड़े कार्यक्रम को आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है।
पीएम मोदी कॉप 28 जलवायु समिट में हिस्सा लेने के लिए दुबई पहुंच गए। वे वहां 21 घंटे की अवधि में 7 द्विपक्षीय बैठकें करेंगे और 4 भाषण देंगे। इससे पहले पीएम मोदी जब दुबई पहुंचे तो प्रवासी भारतीयों ने उनकी भव्य अगवानी की।
नेपाल में प्रधनमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड को लेकर विमान समय से पहले ही दुबई की ओर उड़ गया। इस कारण 31 यात्री एयरपोर्ट पर ही फंसे रह गए। बाद में एयरलाइंस ने यात्रियों से माफी मांगी। जानिए क्या है पूरा मामला।
पीएम नरेंद्र मोदी के दुबई पहुंचने पर प्रवासी भारतीयों का जोश देखते ही बनता था। गगनभेदी नारों के साथ पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया। पीएम मोदी ने भी उत्साह से हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन किया।
दुबई जाने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम संयुक्त अरब अमीरात की अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है, जो जलवायु कार्रवाई के क्षेत्र में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है।
दुबई में चल रहे कॉप-28 सम्मेलन में गरीब और विकासशील देशों ने मिलकर एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत जलवायु संकट पैदा करने वाले अमीर देशों को मिलकर प्रभावित गरीब और मध्यम विकासशील देशों को जुर्माना देना होगा। ताकि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ उनकी जंग भी मजबूत हो सके।
दुबई में 1 दिसंबर से आयोजित होने जा रहे विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन (COP-28) में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम संयुक्त अरब अमीरात के लिए रवाना हो गए। उन्होंने उम्मीद जताई कि यूएई की अध्यक्षता में हो रहे इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन को ठोस समाधान निकलेगा।
यूएई में जलवायु परिवर्तन की चिंताओं के बीच कॉप-28 सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा ले रहे हैं। ऐसे समय में जब दुनिया में तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग से दुनिया चिंतित है, यह समिट काफी अहम है। जानिए इस समिट में भारत की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण है।
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