पौड़ी जिले के कोटद्वार के पदमपुर क्षेत्र निवासी विजय कुमार गौड़ बेंगलुरु की एक कंपनी के लिए काम करते थे और एक आधिकारिक काम के सिलसिले में तुर्किये में थे। 6 फरवरी को तुर्किये में आए भीषण भूकंप के बाद से वह लापता थे।
तुर्की में भारी तबाही के चलते मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है और हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अभी भी मलबा हटाने का काम जारी है और लाशों के निकलने का क्रम भी जारी है। इन लाशों को दफनाने के लिए यहां मौजूद जंगल के एक हिस्से को काटकर कब्रिस्तान बनाया गया है।
तुर्की में भूकंप ने भीषण तबाही मचाई है और लोग अभी भी मलबे के नीचे से निकाले जा रहे हैं। भूकंप की वजह से 34 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। NDRF की लैब्राडोर प्रजाति की डॉग जूली ने बेरेन को नूरदागी में मलबे से बचाया है।
ग्रीस के विदेशमंत्री ने मुश्किल वक्त में भूकंप से प्रभावित तुर्की की यात्रा की और हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। दोनों देशों के रिश्तों मे जमी बर्फ भूकंप के बाद ग्रीस के लोगों द्वारा तुर्की की आवाम के लिए आंसू बहाने के बाद और पिघल गई।
वहीं तुर्की और सीरिया में सोमवार (6 फरवरी) को आये भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या रविवार को 33,179 हो गई, जबकि 92,600 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बचाव अभियान अभी जारी है।
तुर्की में भूकंप की विनाशलीला जारी है। एक बार फिर से तुर्की के कहारनमारस के दक्षिण-पूर्व (SSE) से 24 किमी दक्षिण में 4.7 तीव्रता का भूकंप आया है। तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 34 हजार से ज्यादा हो गई है।
तुर्की और सीरिया में सोमवार को आये भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या रविवार को 33,179 हो गई, जबकि 92,600 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
समाचार एजेंसी AFP ने सरकारी मीडिया के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया कि तुर्की में विनाशकारी भूकंप के बाद लूटपाट के आरोप में 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इस जलजले में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हजार हो गई है। तुर्की में भारतीय सेना के जवान और एनडीआरएफ की टीम मुस्तैदी के साथ अपने काम में जुटी हुई है। चिकित्सकों का दल भी घायलों के समुचित इलाज क लिए कमर कसे हुए है।
तुर्की और सीरिया के भूकंप से मरने वालों की संख्या 24000 के पार पहुंच गई है। वहीं इस भूकंप में एक भारतीय की भी मौत की खबर है।
तुर्की के भूकंप ने कुछ इलाकों में इन दोनों वर्गों से आने वाले लोगों की मुश्किलों में और इजाफा ही कर दिया है, ऐसे में आने वाला चुनाव एर्दोआन के राजनीतिक भविष्य के लिए बेहद मुश्किल हो सकता है।
तुर्की के मरास इलाक़े में सात मंज़िला इमारत के अंदर 50 लोगों के होने की संभावनाएं थीं। जब यहां की रेस्क्यू टीम लगातार खोज रही थी तो उसी दौरान मलबे के अंदर उनको हलचल दिखाई दी। इस हलचल को देखने के बाद टीम ने बचाव अभियान शुरू किया।
तुर्की में राहत और बचाव में जुटे एनडीआरएफ के जवानों ने एक ढही हुई इमारत के मलबे से आठ साल की बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला।
तुर्की और सीरिया में भूकंप की तबाही को देखते हुए पीड़ितों तक मानवीय सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने सीरिया में तत्काल युद्ध विराम का आग्रह किया है। इसके बाद अमेरिका ने प्रतिबंधों को स्थगित कर दिया है।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में अभी भी चमत्कार होने का सिलसिला जारी है। आज तबाही के 100 घंटे बीत जाने के बाद भी राहत और बचाव दलों ने 6 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला है। यह देखकर हर कोई हैरान रह गया। कुदरत के कहर के बाद उसका ऐसा करिश्मा देखना अद्भुद है।
तबाही के इस खौफनाक मंजर के बीच अब भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। संकट की इस घड़ी में तुर्की के साथ भारत मजबूती के साथ खड़ा है। इंडियन आर्मी और NDRF की टीमें ऑपरेशन दोस्त के तहते तुर्की में रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही हैं और तबाही के जख्मों पर मरहम लगा रही हैं।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में मदद करने के मामले में भारत सबसे आगे निकल चुका है। लिहाजा तुर्की और सीरिया भारत की इस मदद के मुरीद हो गए हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तेइप एर्दोगन ने तो यह तक कह दिया कि वैसे तो हमारे बहुत दोस्त बनते थे, लेकिन जो "मुसीबत के वक्त काम आए वही असली दोस्त है।"
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में अब तक 21 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सीरिया में इसी त्रासदी के दौरान एक गर्भवती मां मलबे के नीचे दबकर अपनी जान गवां बैठी। मगर वह इसी वक्त एक बच्ची को जन्म दे गई। यह नवजात भी मलबे में दबी थी। इस नवजात के माता-पिता और भाई-बहन भूकंप में मारे जा चुके हैं।
विनाशकारी भूकंप से अब तक 21000 लोगों की मौत हो चुकी है। मलबे के नीचे बड़ी संख्या में लोगों के दबे हुए शव निकाले जा रहे हैं। इसी बीच भारत ने सबसे पहले तुर्की को मदद के लिए 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत मदद पहुंचाई है।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में भारत तुर्की का सबसे बड़ा मददगार साबित हुआ है। सेना के कई विमान और भारी मात्रा में दवाएं, राहत सामग्री व चिकित्सक और राहत दल पहले दिन से ही तुर्की में मानवता की मदद कर रहे हैं।
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