शनिवार रात जापान के होक्काइडो में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि जापान के होक्काइडो में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद कुशीरो और नेमुरो के तटीय शहर हिल उठे।
तुर्की के बाद अब जापान में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बताया जा रहा है कि जापान के होक्काइडो में अब से थोड़ी देर पहले 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि इसके बाद सुनामी की कोई चेतावनी नहीं है। जबकि आज ही तुर्की में कुछ घंटे पहले फिर से 5.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद जापान में आए भूकंप से हलचल मच गई।
भारत दुनिया भर में संकटों का सबसे बड़ा साथी बन गया है। मानवता की मदद के लिए अपनी त्वरित कार्रवाइयों के चलते देश की साख विश्व स्तर पर बढ़ रही है। हाल ही में तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में तात्कालिक मदद करके भारत पूरी दुनिया का दिल जीत लिया।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप आने से अब तक 50 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 6 फरवरी को आए भूकंप के बाद से अब तक तुर्की में कई बार भूकंप आ चुका है, जिससे स्थानीय लोग डर-डरकर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं।
तुर्की-सीरिया में आए भूकंप के बीच मिराकल बेबी का जन्म हुआ जिसकी नाल मृत मां से जुड़ी थी। बच्ची को चाचा ने गोद लिया और उसको एक प्यारा सा नाम दिया है।
तुर्की में एक बार फिर से भूकंप के दो बड़े झटके महसूस किए गए हैं।अबतक तीन लोगों की मौत और 200 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। भूकंप के बाद 32 आफ्टर शॉक्स की भी जानकारी मिली है।
तुर्की और सीरिया में आए पहले भूकंप के 15 दिन बाद एक बार फिर धरती डोल उठी है। सोमवार को तुर्की में तेज भूकंप के झटके फिर महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है। फिलहाल जानमाल के नुकसान का पता नहीं चल पाया है। भूकंप आने के बाद से ही तुर्की में फिर से अफरातफरी मच गई है।
यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क शहरों के विवाद के अलावा युद्ध का दूसरा बड़ा कारण कीव का उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के लिए पेश किया जाने वाला दावा भी था। रूस नहीं चाहता था कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बने, लेकिन जेलेंस्की ने नाटो में शामिल होने की जिद पाल ली थी। नतीजा सामने है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऑपरेशन दोस्त से जुड़ी पूरी टीम ने बहुत बेहतरीन काम किया है। यहां तक कि हमारे बेज़ुबान दोस्तों, Dog squads के सदस्यों ने भी अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन किया है। आप सभी पर देश को बहुत गर्व है।
तुर्की और सीरिया में भूकंप पीड़ितों की सहायता करने गई भारतीय टीम करीब 13 दिनों तक राहत, बचाव और चिकित्सा कार्यों को अंजाम देने के बाद आज स्वदेश लौट आई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट करके सेना के जवानों के साहसपूर्ण कार्य की तारीफ की है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने तुर्की में भूकंप के 14 दिन बाद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए 10 करोड़ डॉलर मदद देने का ऐलान किया है। आपको बता दें कि गत 6 फरवरी को दक्षिणी तुर्की और उत्तरी सीरिया में आये विनाशकारी भूकंप से अब तक 44 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
विदेशी कर्ज और फंड की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान ने अन्य देशों की देखादेखी भूकंप प्रभावित तुर्किये को राहत सामग्री तो भेज दी, लेकिन अब उस राहत सामग्री को लेकर जो खुलासा हुआ है, उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को एक बार फिर से शर्मसार कर दिया है।
तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप के 13 दिन बाद भी चमत्कार दिखना जारी है। बचाव दलों ने तुर्की और सीरिया में छह फरवरी को आये भूकंप के मलबे से और भी जीवित लोगों को बाहर निकाला है, जबकि लोगों के जीवित मिलने की संभावना घटती जा रही है। भूकंप के बाद शनिवार को हुए घटनाक्रम इस प्रकार हैं:- हेते में तीन लोगों को बचाया गया।
विनाशकारी भूकंप का दंश झेल रहे तुर्की से लौटते वक्त भारत के एनडीआरएफ कर्मियों का तुर्की के अदाना एयरपोट पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
तुर्की में आए भूकंप में अब तक 41 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.जबकि एक लाख से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
इस बीच, तुर्की और सीरिया में विनाशकारी 7.8 तीव्रता के भूकंप के एक हफ्ते बाद, राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है और मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाया जा रहा है। रविवार को मलबे के नीचे 147 घंटों के बाद एक 10 वर्षीय लड़की को बचाया गया था।
28 साल की इसवान रूकेन, एक संगीत शिक्षिका, इस्केंडरन में अरसुज से हैं। इसवान ने एएनआई को बताया है कि अपने प्रेमी की मौत के बाद वह कैसा महसूस कर रही हैं। इसवान के प्रेमी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे।
"नौ दिन चले अढ़ाई कोस"...यह मुहावरा तो आपने बहुत बार सुना होगा। मगर आज जो घटना हम आपको बताने जा रहे हैं, उसके बारे में सुनकर होश उड़ जाएंगे। तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप को अब 9 दिन हो चुके हैं। एक पल में प्रकृति के प्रकोप ने बहुत सारी जिंदगियां छीन लीं और देखते ही देखते सबकुछ तबाह हो गया।
पौड़ी जिले के कोटद्वार के पदमपुर क्षेत्र निवासी विजय कुमार गौड़ बेंगलुरु की एक कंपनी के लिए काम करते थे और एक आधिकारिक काम के सिलसिले में तुर्किये में थे। 6 फरवरी को तुर्किये में आए भीषण भूकंप के बाद से वह लापता थे।
तुर्की में भारी तबाही के चलते मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है और हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अभी भी मलबा हटाने का काम जारी है और लाशों के निकलने का क्रम भी जारी है। इन लाशों को दफनाने के लिए यहां मौजूद जंगल के एक हिस्से को काटकर कब्रिस्तान बनाया गया है।
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