तुर्की के रक्षा मंत्री ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस हमले में दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचा है।
ये टिप्पणियां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस घोषणा के एक दिन बाद आई है कि अमेरिका तुर्की को एफ-35 लड़ाकू विमान नहीं बेचेगा। इससे पहले तुर्की ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदी थी।
ट्रंप के फैसले पर तुर्की ने बेहद की कड़ी प्रतिक्रिया दी है और अमेरिका के इस कदम को गठबंधन की भावना के विपरीत बताया है।
आपको बता दें कि भारत ने S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का यह समझौता रूस के साथ पिछले साल अक्टूबर में किया था।
रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का सौदा रद्द करने के लिए अमेरिका ने तुर्की को 31 जुलाई तक का वक्त दिया है।
पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि यदि तुर्की ‘रूसी मिसाइल रक्षा प्रणाली’ खरीदता है तो उसके गंभीर परिणाम होंगे।
वर्ल्ड कप के लिए इंग्लैंड रवाना होने से पहले आस्ट्रेलियाई टीम ने चार दिन तुर्की में बिताए और गलीपोली प्रायद्वीप का दौरा किया।
तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास में मार दिए गए पत्रकार जमाल खशोगी की लाश के बारे में शायद कभी नहीं पता लग पाएगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद तुर्की ने सोमवार को पलटवार किया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में सीरिया से अमेरिकी लड़ाकों की वापसी का फैसला लिया था।
यह ऑडियो रिकॉर्डिग 2 अक्टूबर को खशोगी के सऊदी वाणिज्यिक दूतावास में घुसने के साथ ही शुरू होती है।
तुर्की और अमेरिका के कुर्द सहयोगियों के दुश्मन एक हैं, लेकिन फिलहाल दोनों में कुछ मुद्दों को लेकर भयंकर मतभेद हैं।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी का आकलन है कि क्राउन प्रिंस के भाई खालिद बिन सलमान ने खशोगी को फोन कर उन्हें वाणिज्यिक दूतावास जाकर दस्तावेज लाने के लिए प्रोत्साहित किया था।
तुर्की के अखबार में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि जमाल खशोकी की हत्या के बाद शव को तेजाब में गलाकर ड्रेन में फेंका गया था
अमेरिका ने भारत सहित आठ देशों को ईरान से तेल खरीदने के लिए सोमवार को अनुमति दे दी। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि खशोगी के शरीर के टुकड़े कर दिए गए थे और उनके चेहरे को बिगाड़ दिया गया था
वाशिंगटन पोस्ट के लिए काम करने वाले खशोगी की दो अक्टूबर को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई जहां वह अपनी शादी से संबंधित कुछ दस्तावेज लेने गए थे।
सऊदी अरब के शहजादे के आलोचक रहे और वाशिंगटन पोस्ट में काम करने वाले खशोगी को आखिरी बार दो अक्टूबर को इस्तांबुल में अपने देश के दूतावास में जाते देखा गया था उसके बाद से वह लापता थे।
सऊदी के क्राउन प्रिंस की इस साल की अमेरिकी यात्रा के दौरान मुतरेब को तस्वीरों में उनके साथ देखा जा सकता है।
सऊदी अरब ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि खशोगी उसके दूतावास से चले गए थे लेकिन अब तक उसने इसके कोई सबूत नहीं दिए हैं।
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