1956 में बनी जवाहर टनल को बीआरओ ने 62.5 करोड़ की लागत से नया रूप दिया है। 2.5 किलोमीटर लंबी यह टनल कश्मीर घाटी को लेह से जोड़ती है। इसकी मरम्मत में लगभग एक साल का समय लगा।
भारत ने शिंकुन ला सुरंग परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। ये सुरंग पूरी होने के बाद दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग बन जाएगी। इससे भारतीय सेना को भी काफी फायदा होगा। आइए जानते हैं सुरंग के बारे में कुछ खास बातें।
बीते 17 दिनों से उत्तरकाशी के टनल में फंसे 41 मजदूरों को श्रमिकों बाहर निकाल लिया गया है। मजदूर व उनके परिजन काफी खुश हैं और सरकार का शुक्रिया अदा कर रहे हैं। इस बीच पीएम मोदी ने भी सुरंग से बाहर निकले श्रमिकों से बात की है।
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं। लगातार आती समस्याओं के बीच केवल कुछ ही मीटर की ड्रिलिंग बची है जिस कारण 41 मजदूरों और उनके परिवारजनों की उम्मीदें बढ़ रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि सिलक्यारा सुरंग में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने भी उत्तरकाशी में ही अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थापित किया है।
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशें जारी हैं। जानकारी के मुताबिक, अब केवल कुछ ही मीटर की ड्रिलिंग बची है जिसके बाद मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग हादसे के बाद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अब अलर्ट मोड में आ गया है। अब एनएचएआई की तरफ से देश के सभी निर्माणाधीन सुरंगों की ऑडिट की जाएगी।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल हादसे में फंसे मजदूरों की सलामती के लिए हर कोई दुआ मांग रहा है। प्रशासन द्वारा तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है। इस बीच खुशखबरी है कि टनल के अंदर फंसे हुए मजदूरों से संपर्क हो गया है।
इस हादसे पर उत्तराखंड के डीजीपी का भी बयान सामने आ गया है। उन्होंने भी कहा है कि टनल के अंदर मजदूरों के फसे होने के आशंका है। वहीं, पीटीआई का दावा है कि टनल के अंदर 40 मजदूर फंसे हुए है।
जाड़े के मौसम में सोनमर्ग में सबसे ज्यादा बर्फबारी होती है और यहां का तापमान -20 डिग्री तक नीचे चला जाता है।
राजस्थान के सिरोही में चट्टान के मलबे में दफ़न हुई 4 मज़दूरों की ज़िन्दगी
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