Nepal: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने संसद में विश्वास मत जीत लिया है। उन्हें कुल 188 सदस्यों का समर्थन मिला। उन्हें जरूरी समर्थन से 50 मत अधिक मिले।
नेपाल के संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक, किसी सहयोगी दल के सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस लेने की स्थिति में प्रधानमंत्री को विश्वास मत हासिल करना होता है। इससे पहले प्रचंड ने 13 मार्च को लगातार तीसरी बार विश्वास मत जीता था।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड 20 मई को चौथी बार विश्वासमत हासिल करने की चुनौती का सामना करने वाले हैं। वह 2022 में नेपाल के प्रधानमंत्री बने थे। तब से कई सहयोगी पार्टियों ने एक के बाद एक करके उनसे समर्थन वापस ले लिया।
नेपाल के 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत जीतने के लिए कम से कम 138 वोटों की आवश्यकता है। गत 13 मार्च को प्रधानमंत्री प्रचंड ने लगातार तीसरा विश्वास मत जीता था। अब वह चौथी बार इस चुनौती का सामना करने जा रहे हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने तीसरी बार विश्वास मत हासिल कर लिया है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के प्रखर आलोचक केपी शर्मा ओली के साथ उन्होंने गठबंधन किया है। जीत के लिए उन्हें सदन में 138 मतों की जरूरत थी। प्रचंड को 157 मत हासिल हुए हैं।
'प्रचंड' ने वरिष्ठ मधेसी नेता और जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र यादव को जनसंख्या और स्वास्थ्य मंत्री जबकि जेएसपी के ही कोशोर शाह को वन मंत्री के रूप में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री 'प्रचंड' के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है।
Punjab: इससे पहले विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने 'ऑपरेशन लोटस' को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा।
विश्वासमत के जब नतीजे आए तो सदन के अंदर येदियुरप्पा की अगुवाई में बीजेपी विधायक विक्ट्री साइन दिखा रहे थे तो बाहर कार्यकर्ताओं की टोली नाच रही थी। हालांकि इससे पहले कर्नाटक विधानसभा में कल भी पूरे दिन विश्वासमत पर वोटिंग से कांग्रेस-जेडीएस विधायकों ने बचने की खूब कोशिश की।
सदन में मंगलवार को सत्ता पक्ष के इका दुका विधायक ही सदन में नजर आए जबकि विश्वास प्रस्ताव पर आज मतदान होना है। कुमार ने मंत्री प्रियांक खड़गे से पूछा, ‘‘यह अध्यक्ष के भविष्य की बात है विधानसभा के।’’
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि वह अपनी सरकार को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग नहीं करेंगे। विधानसभा में उनके द्वारा पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव को लेकर उन्होंने यह बात की।
राज्यपाल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे तक विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने को कहा है। इससे पहले कर्नाटक विधानसभा को गुरुवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) व विपक्षी भाजपा के नेताओं के विश्वास मत प्रस्ताव पर देरी करने को लेकर हंगामे के बाद विधानसभा को स्थगित कर दिया गया।
गठबंधन सरकार के 16 विधायकों के विधानसभा से इस्तीफा देने और दो निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद सभी की निगाहें विश्वास मत पर टिकी हैं। बहरहाल, एक असंतुष्ट विधायक रामलिंगा रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने पार्टी के साथ रहने का फैसला कर लिया है
कर्नाटक के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बड़ा फैसला दिया है। चीफ जस्टिस ने फैसले में कहा कि 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता है।
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