त्रिपुरा में चुनाव बाद हुई हिंसा के विरोध में विपक्षी वामदल और कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया। माणिक साहा के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद दिन में पद और गोपनीयता की शपथ ली।
त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 33 सीट जीतकर लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में प्रतिमा भौमिक की नाम काफी आगे आ रहा है। आइए जानते हैं कि कौंन हैं प्रतिमा भौमिक?
त्रिपुरा में बीजेपी को शानदार जीत मिली है। पांच साल तक सरकार चलाने के बाद त्रिपुरा में बीजेपी की फिर वापसी हुई है ये बड़ी बात है क्योंकि त्रिपुरा ही वो राज्य है जहां बीजेपी ने पिछली बार लेफ्ट के 25 साल को शासन का अंत किया था।
नॉर्थ ईस्ट के तीनों राज्यों में मोदी मैजिक फिर से चला। त्रिपुरा में बीजेपी फिर से सरकार बनाने जा रही है। नगालैंड में भी बीजेपी सहयोगी के साथ सत्ता में वापसी कर रही है तो मेघालय में बीजेपी सरकार का हिस्सा हो सकती है मतलब मोदी के खिलाफ कोई एंटी इनकमबेंसी नहीं है।
त्रिपुरा में खबर लिखे जाने तक जो शुरुआती रुझाने सामने आए हैं, उनमें बीजेपी गठबंधन आगे चल रहा है और कांग्रेस-लेफ्ट की हालत खराब हो रही है। त्रिपुरा में 16 फरवरी को वोटिंग हुई थी और 81.1 फीसदी मतदान हुआ था।
त्रिपुरा की अगरतला सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुदीप राय बर्मन ने कहा, 'गांधी परिवार को यहां आने की जरूरत नहीं है, अभी तो ईवीएम खुल रहा है।' बता दें कि बर्मन इस सीट से 6 चुनाव जीतते आए हैं।
राज्य में सत्ता में आसीन भारतीय जनता पार्टी ने 60 विधानसभा सीटों में से 54 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। वहीं छह सीटों पर बीजेपी का गठबंधन दल IPFT ने अपने उम्मीदवार उतारे।
त्रिपुरा लोक सेवा आयोग की तरफ से पशु चिकित्सा अधिकारी (Veterinary Officer) पदों पर भर्ती निकाली गई है। इन पदों के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए कुल 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 150 से अधिक लोगों को नोटिस दिया गया।
कई जिलों से राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमले, मतदाताओं को डराने-धमकाने और बाधित करने की कई घटनाएं सामने आई हैं। गोमती, सिपाहीजला, दक्षिण त्रिपुरा और पश्चिम त्रिपुरा जिलों में कम से कम 60 विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं के घायल होने की खबर है।
संजय राउत ने कहा औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने में क्या दिक्कत आ रही है, किसका डर है, कौन सा कायदा बीच में आ रहा है। केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है तो दिक्कत किसलिए और कहां आ रही है। हम सब देख रहे हैं।
त्रिपुरा में 3,337 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा, जिनमें से 1,100 की पहचान संवेदनशील और 28 की पहचान अति संवेदनशील के रूप में की गई है।
त्रिपुरा के चांदीपुर में अमित शाह ने कहा कि राज्य में वाम और कांग्रेस का गठबंधन हो गया है, लेकिन भाजपा की सरकार ही त्रिपुरा में विकास और जनता को फायदा दे सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग झूठ बोलकर बीजेपी को हटाने की साजिश रच रहे हैं लेकिन उन लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि इस देश की जनता ही बीजेपी का सबसे मजबूत सुरक्षा कवच है।
आदित्यनाथ ने उत्तरी त्रिपुरा के बागबासा में रैली में कहा कि त्रिपुरा के लोगों ने कई सालों तक कम्युनिस्ट और कांग्रेस दोनों के 'कुशासन' को देखा है, लेकिन राज्य ने पहली बार बीजेपी के शासन काल में विकास दर्ज किया है।
रॉय बर्मन ने कहा, ''विधानसभा चुनावों में अगर कांग्रेस की जीत होती है तो कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाएगी। इसके अलावा, सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता साल में दो बार बढ़ाया जाएगा।''
अमित शाह ने त्रिपुरा जाने से पहले एक ट्वीट करते हुए कहा कि मां त्रिपुर सुंदरी की पावन भूमि के ऊर्जावान लोगों से मिलने के लिए त्रिपुरा रवाना हो रहा हूं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, लोग माणिक साहा के नेतृत्व वाली त्रिपुरा सरकार के प्रदर्शन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन-समर्थक के आधार पर भाजपा को वोट देंगे।
कांग्रेस ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची चुनाव आयोग को सौंपी है, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जु्न खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, महासचिव मुकुल वासनिक और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं।
संपादक की पसंद