विप्लव देब को पूर्वोत्तर के इस राज्य में पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना है।
देब ने बनमालीपुर विधानसभा सीट पर माकपा उम्मीदवार और पार्टी के युवा नेता अमाल चक्रवर्ती को 9,549 मतों के भारी अंतर से हराकर अपना पहला चुनाव जीता है...
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के साथ ही माणिक सरकार से देश के सबसे गरीब सीएम का तमगा भी छिन गया...
त्रिपुरा विधानसभा चुनावों में CPM को मिली भारी शिकस्त ने उसे अपनी रणनीतियों पर फिर से सोचने के लिए मजबूर कर दिया है और पार्टी के अंदर भी कांग्रेस के साथ ‘तालमेल’ बैठाने की जोर-शोर से मांग उठ रही है...
5 साल पहले शून्य सीट पाने वाले पार्टी आज दो तिहाई बहुमत से जीती...
तीन पूर्वोत्त्तर राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आज भाजपा के लिए अच्छी खबर लेकर आए। त्रिपुरा में भगवा रंग लाल सलाम पर भारी पड़ा...
जिम इंस्ट्रक्टर से नेता बने देब ने भारी समर्थन के लिए त्रिपुरा के लोगों का आभार जताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पार्टी के शानदार प्रदर्शन का श्रेय दिया...
बिप्लव देब ने आज कहा कि वह मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं लेकिन इस बारे में फैसला भाजपा संसदीय बोर्ड को लेना है।
त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के चुनाव नतीजों का असर शेयर बाजार पर दिख सकता है, ऑटो कंपनियों की सेल में बढ़ोतरी और GDP में सुधार से बाजार को पहले ही सहारा है
कभी सिर्फ हिन्दी पट्टी की पार्टी कही जाने वाली बीजेपी इस समय नॉर्थ-ईस्ट की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है।
2013 में भाजपा 50 सीटों पर चुनाव लड़ी थी लेकिन खाता खोलना तो दूर 49 सीटों पर पार्टी की ज़मानत जब्त हो गई थी। भाजपा को सिर्फ डेढ़ फीसदी वोट मिले। वहीं 5 साल बाद ये तस्वीर पूरी तरह बदल गई।
नॉर्थ-ईस्ट में बीजेपी इस समय सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है।
पीएम मोदी की सोच की वजह से त्रिपुरा की जनता ने भाजपा को वोट दिया है। यूपी के सीएम योगी ने त्रिपुरा में मिली जीत को ऐतिहासिक करार दिया। बता दें कि योगी ने पूर्वेोत्तर में सात रैलियां की थी इनमें से भाजपा पांच सीट जीतने में कायमयाब रही है।
ताजा रुझानों के मुताबिक त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में कहीं भी कांग्रेस की सरकार बनती नहीं दिख रही है, त्रिपुरा में तो कांग्रेस अपना खाता खोतली भी नहीं दिखाई दे रही
2013 में भाजपा 50 सीटों पर लड़ी थी लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। 49 सीटों पर तो पार्टी की ज़मानत तक जब्त हो गई थी लेकिन 2018 के चुनाव में भाजपा बड़ा उलटफेर करने में कामयाब होती दिख रही है।
यह भारत के 65 साल के चुनावी इतिहास में पहली बार हो रहा है कि माकपानीत वाम दलों और भाजपा की सीधी टक्कर राज्य स्तर पर हो रही है। राज्य में माकपा ने 56 सीट पर प्रत्याशी उतारे हैं।
बता दें कि त्रिपुरा में जहाँ पिछली सरकार में कांग्रेस को 10 सीटों पर जीत मिली थी लेकिन इस बार अपना खाता भी नहीं खोल पाई। विधानसभा की 60 में से 59 सीटों पर हुए मतदान में 92 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने वोट डालकर देश के चुनावी इतिहास में एक रिकॉर्ड बनाया।
त्रिपुरा में भगवा रंग लाल सलाम पर भारी पड़ा और भाजपा ने राज्य में 25 साल के वाम शासन को उखाड़कर अकेले दम बहुमत हासिल किया। नगालैंड में भाजपा को सरकार में शामिल होने का न्यौता मिला। हालांकि मेघालय में किसी दल को बहुमत नहीं मिला और वहां चुनाव परिणाम त्
पूर्वोत्तर के 3 राज्यों त्रिपुरा, मेगालय और नागालैंड में हुए विधानसभा चुनाव के 857 सीटों परआज फैसला आएगा। आज ही इन तीनों राज्यों में चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे।
त्रिपुरा के मत्स्य एवं सहकारिता मंत्री खगेंद्र जमतिया का आज नयी दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 64 साल के थे।
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