आज से 32 साल पहले भी इसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया था जिसे लेकर राजनीतिक वबाल हुआ था और सरकार को संसद में इस फ़ैसले को बदलना पड़ा था।
इस ऐतिहासिक फ़ैसले के पीछे देश की वो पांच महिलाएं हैं जिन्हें छोटी सी बात पर उनके पति ने तलाक दे दिया और एक पल में इनकी जिंदगी बर्बाद हो गई। ये महिलाएं हैं उत्तराखण्ड की सायरा बानो, राजस्थान की आफरीन रहमान, पश्चिम बंगाल की इशरत जहां और उत्तर प्रदेश क
सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में आज मुस्लिम समुदाय में प्रचलित एक बार में तीन तलाक कह कर तलाक देने की 1400 साल पुरानी प्रथा खत्म करते हुए इसे पवित्र कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ और इससे इस्लामिक शरिया कानून का उल्लंघन करने सहित अनेक आधारों पर न
तीन तलाक...एक ऐसा मुद्दा जो चुनावी था...सियासी है...और हत्या की वजह भी... हैरान करने वाली बात ये कि सिर्फ तीन तलाक का विरोध करने पर..अपनी राय घरवालो के सामने रखने पर हत्या कर दी जाती है। न जाने कितनी ऐसी महिलाएं है जिनका रोना सिर्फ एक ही है...कि बिना
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