मुसलमानों ने देश में तीन तलाक कानून लागू करने को लेकर पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। विभिन्न संगठनों के मुस्लिम नेताओं ने कहा कि तीन तलाक कानून लाकर प्रधानमंत्री ने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित किया है। इसकी बहुत जरूरत थी।
गुजरात में एक भाजपा नेता ने अपनी पत्नी को तीन तलाक दिया है जिसे लेकर पत्नी ने थाने में मामला दर्ज कराया है। पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनके पति का किसी अन्य महिला से अफेयर भी है।
फरहाना ने 2014 में परवेज गुलमार्क से शादी की थी। एक साल बाद गुलमार्क उसे लंदन ले गया। कुछ दिनों के बाद उसने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। दंपति को एक बच्ची हुई, लेकिन फरहाना का उत्पीड़न जारी रहा।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत तलाक-ए-हसन और विवाहों के एकतरफा गैर-न्यायिक विघटन के अन्य सभी रूपों को घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक महिला को तीन तलाक दे दिया गया और अब ससुराल वाले उस पर अपने पूर्व पति से दोबारा शादी करने और घर में रहने के लिए अपने देवर के साथ 'निकाह हलाला' कराने का दबाव बना रहे हैं।
Uttar Pradesh: उसने दावा किया कि शादी के बाद जब उसका वजन बढ़ने लगा तो उसका पति उसे ताने मारने लगा और प्रताड़ित करने लगा।
Triple Talaq in UP: तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को बचाने के लिए भले ही नए कानून से इसे काफी हद तक महिलाओं को सुरक्षित करने का काम किया गया हो, बावजूद इसके मामले पूरी तरह थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। यूपी के मेरठ में तीन तलाक का बेहद संवेदनहीन मामला सामने आया है।
Talaq a Hasan: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तलाक-ए-हसन को लेकर अपना पक्ष रखा है। कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में तलाक-ए-हसन अनुचित नहीं है। इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जज संजय किशन ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के पास ये खुला तलाक लेने का अधिकार है। आगे उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता के बातों से सहमत नहीं हैं।
Uttar pradesh: रिपोर्ट के मुताबिक रमीस राजा और उसके परिवार के 5 लोगों ने उनकी बेटी नगमा को दहेज के लिए प्रताड़ित किया और मांग पूरी न होने पर उसके साथ मारपीट की। उन्होंने बताया कि शिकायत के अनुसार रमीस ने नगमा को फौरी तौर पर तीन बार तलाक बोलकर तलाक दे दिया।
Uttar Pradesh News:उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक व्यक्ति ने अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर अपनी पत्नी से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया और इसके बाद उसे तीन तलाक दे दिया। मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और आरोपी पती को गिरफ्तार कर लिया है।
तीन कानून कानून ने न सिर्फ मुस्लिम समाज में व्याप्त बुराइयों को खत्म करने का काम किया है बल्कि मुस्लिम महिलाओं के आत्मनिर्भरता, स्वाभिमान और आत्मविश्वास को सुदृढ़ किया है।
तीन तलाक भारत में अपराध है। तीन तलाक कानून में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है। अगर मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से पति अगर एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा।
अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) नूर मुस्तफा अंसारी ने बताया कि दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच की जा रही है। जांच के बाद मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की राजनीतिक कार्य संस्कृति को भी बदल कर रख दिया है और आज उनके नेतृत्व में जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण की राजनीति की जगह विकासवाद की राजनीतिक संस्कृति प्रतिष्ठित हुई है।
याचिका में मांग की गई है कि तलाक-उल-सुन्नत के तहत पति द्वारा अपनी पत्नी को किसी भी समय तलाक देने के अधिकार को स्वेच्छाचारी घोषित किया जाए।
ताजगंज के गोबर चौकी स्थित करीम नगर निवासी नगमा ने बताया कि बशीर के उत्पीड़न के खिलाफ वह 3 साल से मायके में रहकर कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं।
आगरा के थाना मंटोला में सपा सरकार में मंत्री रहे चौधरी बशीर की तीसरी पत्नी ने तीन तलाक का मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़िता की शिकायत पर एसएसपी मुनिराज ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
तीन तलाक को अपराध घोषित करने वाले कानून को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को कहा कि यह कानून ''समानता के खिलाफ'' है और ''मुसलमानों को नीचा दिखाता है।''
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को तीन तलाक कानून को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला | देश में 1 अगस्त को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस मनाया जा रहा है।
इस कानून से मुस्लिम महिलाओं का और अधिक शोषण होगा और उनकी समस्याओं में इजाफा होगा। केवल मामले दर्ज किए जाएंगे और कोई न्याय नहीं दिया जाएगा। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि मुसलमानों ने इसे जमीन पर स्वीकार नहीं किया है |
संपादक की पसंद