उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से सामने आए एक हैरान कर देने वाले मामले में एक शख्स ने अपनी पत्नी को क्लास में उसके स्टूडेंट्स के सामने ही तीन तलाक दे दिया।
मुस्लिम समाज से जुड़ी प्रथा एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर रोक लगाने के मकसद से लाए गए विधेयक को लोकसभा में पास कर दिया गया है
मोदी सरकार के द्वारा अध्यादेश लाए जाने के बावजूद ट्रिपल तलाक का एक और मामला सामने आया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव ने कहा कि तीन तलाक को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा असंवैधानिक घोषित किया जा चुका है और अब इस मुद्दे पर फैसला करना सरकार के पाले में है।
उन्होंने कहा कि ‘धर्म के दुरुपयोग’ के जरिए चलाई जा रही इस तरह की प्रथा पर तभी रोक लगाई जा सकती है जब लोगों को सजा होगी।
मोदी कैबिनेट ने जो तीन तलाक संशोधन बिल को मंजूरी दी है, उसके मुताबिक ये तय किया गया है कि संशोधित बिल में दोषी को ज़मानत देने का अधिकार मेजिस्ट्रेट के पास होगा और कोर्ट की इजाज़त से समझौते का प्रावधान भी होगा।
संपादक की पसंद