मध्य प्रदेश में कांग्रेस डेढ़ दशक बाद सत्ता में लौटी है और कांग्रेस की इस सफलता में आदिवासी वर्ग की बड़ी भूमिका रही है। लेकिन, पार्टी के पास एक भी ऐसा आदिवासी चेहरा नहीं है, जिसकी पहचान पूरे प्रदेश में हो और उसके सहारे वह अपनी राजनीतिक जमीन को तैयार
वायनाड जिले की करीब 18 प्रतिशत आबादी अदिवासियों की है। लोकसभा सीट के तहत दो विधानसभा क्षेत्र आते हैं - सुल्तान बतेरी और मनानतवाडी।
पश्चिमी मध्य प्रदेश की जनजातीय संस्कृति के लिए मशहूर भगोरिया मेलों को आदिवासी युवक-युवतियों के "प्रेम पर्व" के रूप में लम्बे समय से प्रचारित किया जाता रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कभी महर्षि बाल्मिकी, कबीर, संत रविदास भी मिल जाएं तो उनसे भी पूछ लेंगे आपकी जाति क्या है
सूखे के लिए मुआवजे और आदिवासियों को वन्य अधिकार सौंपे जाने की मांग को लेकर लगभग 20 हजार किसान एवं आदिवासी मार्च कर रहे हैं।
आदिवासियों ने यह भी कहा कि सबरीमला मंदिर और इससे जुड़ी जगहों पर जनजातीय समुदायों के कई अधिकार सरकारी अधिकारियों और मंदिर का प्रबंधन करने वाले टीडीबी के अधिकारियों द्वारा छीने जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में आदिवासी समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी पर भगवा दल में शामिल होने का दबाव बना रही है...
बस्ती में कभी कोई काम नहीं हुआ, पीने को पानी तक मुश्किल से मिल पाता है। नहाने के लिए पानी मिल जाए इसके लिए उन्हें कई बार 15 से 30 दिन तक इंतजार करना होता है।
संघ के सूत्रों के मुताबिक, संघ प्रमुख भागवत 30 दिसंबर से उज्जैन में हैं। बीते तीन दिनों में उन्होंने अगल-अलग लोगों से संवाद किया। इस दौरान उनका विशेष जोर सामाजिक समरसता पर रहा।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सामाजिक समरसता कार्यक्रम के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज यहां पार्टी के आदिवासी एवं गरीब कार्यकर्ता के घर गये और वहां दोपहर का भोजन किया। यद्यपि इस आदिवासी के कच्चे मकान में शौचालय नहीं था, जिससे विपक्षी दल कांग्रेस ने स्
राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जाति मामले में छानबीन कमेटी की रिपोर्ट आ गई है। छानबीन कमेटी ने अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना है। जोगी ने बुधवार को इसके खिलाफ अदालत की शरण लेने की बात कही।
देश में लोग नकद लेन-देन के बजाए अपने सौदों के लिए मोबाइल भुगतान अपनाने को तैयार हैं। नोटबंदी के बाद से सरकार की कोशिश भी यही है कि कैशलेस की ओर बढ़े।
#CashlessTransaction: गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स (GNFC) शहर देश की अपनी तरह की पहली कैशलेस टाउनशिप बन गई है।
गुवाहाटी से 32 किमी दूर छोटे से कस्बे में असम की तिवा जनजाति के लोग हर साल एक व्यापारिक मेले का आयोजन करते हैं जिसमें सारा लेन-देन सिर्फ कैशलेस होता है।
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