भारत में सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद भ्रष्टाचार की पैठ अभी भी कितनी गहरी है, इसकी एक झलक ताजा रिपोर्ट में सामने आई है।
भ्रष्टाचार अनुभव सूचकांक (Corruption Perceptions Index) में भारत का दुनिया के 180 देशों में 80वां स्थान है। ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल ने यहां विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक के दौरान इस सूचकांक रपट को जारी किया।
वैश्विक संगठन ने कहा है, “आगामी चुनावों से पहले भ्रष्टाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग में मामूली लेकिन उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 2017 में भारत को 40 अंक प्राप्त हुए थे जो 2018 में 41 हो गए।”
वैश्विक संगठन ने कहा कि आगामी चुनावों से पहले भ्रष्टाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग में मामूली लेकिन उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
इंडेक्स में बताया गया है कि 2017 के दौरान कौन सा देश भ्रष्टाचार को लेकर वैश्विक स्तर पर किस स्थान पर रहा। इंडेक्स में यह भी बताया गया है कि देश में 2016 के मुकाबले भ्रष्टाचार बढ़ा है और किसमें घटा है।
इस लिस्ट में पहले नंबर पर 89 अंक के साथ न्यूजीलैंड दूसरे पर डेनमार्क और तीसरे पर फिनलैंड को रखा गया है। साथ ही चीन और भूटान को भारत से बेहतर स्थान दिया गया है।
एशिया प्रशांत क्षेत्र में रिश्वत के मामले में भारत शीर्ष पर है, जहां दो तिहाई भारतीय सार्वजनिक सेवाएं लेने के लिए किसी न किसी रूप में रिश्वत देते हैं।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल (टीआई) की रिपोर्ट “करप्शन परसेप्शंस इंडेक्स 2015” में दुनिया की दो-तिहाई देशों को 100 में से 50 अंक से भी कम दिया गया है।
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