अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को इस बात का खुलासा किया कि आखिर उन्होंने चीन सहित अन्य देशों के खिलाफ व्यापार युद्ध क्यों छेड़ा।
अमेरिकी मीडिया में आई खबरों के अनुसार ट्रंप प्रशासन चीन से आने वाले सामानों पर 200 बिलियन डॉलर से अधिक का टैरिफ लादने की तैयारी में है।
जी-20 देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधार की पहल करने पर शुक्रवार को सहमति जताई।
अमेरिका के साथ व्यापार मोर्चे पर तनाव ने चीन के लक्ष्य को और जटिल बना दिया
ट्रंप प्रशासन की ओर से भारी भरकम शुल्क लगाने के बावजूद अमेरिका के साथ चीन का व्यापार अधिशेष अगस्त में बढ़कर 31 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार मोर्चे पर जारी लड़ाई को और हवा मिलने की आशंका जताई जा रही है।
अमेरिका और चीन के वार्ताकारों के बीच व्यापार मुद्दों को लेकर दो दिन चली बातचीत बिना किसी ठोस परिणाम के समाप्त हो गई।
चीन से आयात होने वाले 16 अरब डॉलर मूल्य के सामानों पर गुरुवार से नए अमेरिकी टैरिफ लागू कर दिए गए हैं। इस कदम के जवाब में चीन ने भी इतनी ही राशि के अमेरिकी सामानों पर अतिरिक्त शुल्क लगाए हैं।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन इस सप्ताह 16 अरब डॉलर मूल्य के चीनी सामान पर 25 फीसदी शुल्क लगाने की तैयारी कर रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध जारी है।
अमेरिका द्वारा बुधवार को 16 अरब डॉलर के चीनी सामानों पर लगाए गए शुल्क का जवाब चीन ने उसी भाषा में दिया है। चीन ने भी करीब 16 अरब डॉलर के अमेरिकी उत्पादों पर आज जवाबी शुल्क लगा दिया।
आयात शुल्क में होने वाली बढ़ोतरी 4 अगस्त के बजाय 18 सितंबर से लागू होगी। शुक्रवार को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड की तरफ से जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है
अमेरिका के साथ जारी व्यापार युद्ध तथा आर्थिक वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ने से चीन ने विश्व का दूसरा सबसे बड़ा शेयर बाजार होने का तमगा खो दिया है।
अमेरिका ने चीन से आयात होने वाली लगभग 200 अरब डॉलर की वस्तुओं पर पहले जितना आयात शुल्क लगाने के बारे में कहा था, उसमें करीब ढाई गुना की बढ़ोतरी हो सकती है।
विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध गहराता जा रहा है। अमेरिका ने आज चीन से आयातित 200 अरब डॉलर की वस्तुओं पर अलग से 10% शुल्क लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इससे पहले वह चीन से आयातित 34 अरब डॉलर की वस्तुओं पर 25% शुल्क लगा चुका है। अमेरिका ने यह कदम चीन की उस जवाबी कार्रवाई के बाद उठाया है जिसमें उसने अमेरिका से चीन को निर्यात किए जाने वाले 34 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क लगाया था, इसके अलावा 16 अरब डॉलर के अतिरिक्त अमेरिकी सामान पर शुल्क लगाने की धमकी दी थी
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे इन आज अपने पहले भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचेंगे। राष्ट्रपति के साथ कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य, अधिकारी और कई उद्योगपति भी साथ होंगे........
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को कहा कि वश्विक व्यापार चुनौतियों के दौर में है और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो गया है।
अमेरिका के साथ व्यापार मोर्चे पर जारी टकराव के चलते चीन भारत से ऑयलमील (खली) के आयात पर लगा प्रतिबंध हटाने को मजबूर हो सकता है।
दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर की तल्खी और भी सुर्ख होती जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 34 अरब डॉलर के चीनी आयात पर टैरिफ लगा दिया है।
यूरोपीय संघ (ईयू) ने अमेरिका को वाहनों पर भारी शुल्क लगाने की धमकी को लेकर आगाह किया है।
कनाडा ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए उसके 12.6 अरब डॉलर के उत्पादों पर शुल्क लगाने की घोषणा की है। इनमें संतरे का रस, केचअप और बरबॉन जैसे उत्पाद शामिल है। इसे कनाडा की अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध की शुरुआत माना जा रहा है।
चीन और अमेरिका के बीच बढ़ रहे व्यापार युद्ध के बीच चीन ने भारत सहित 5 देशों को बड़ा गिफ्ट दिया है। चीन ने भारत से आयात होने वाली 8500 वस्तुओं पर आयात शुल्क घटाने का फैसला किया है।
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