अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जीएसपी व्यापार कार्यक्रम के तहत भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा खत्म कर दिया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी महीने चीन की वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया है। साथ ही चीन की दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हुवावेई को काली सूची में डाला है।
चीन की विवादित दूरसंचार कंपनी हुवावे के संस्थापक रेन झेंगफेई ने अमेरिका के प्रतिबंधों को कमजोर बताते हुये कहा कि अन्य देश इस मामले में अमेरिका का अनुकरण करने को बाध्य नहीं होंगे।
अमेरिकी राजदूत टेरी ब्रांस्टेड का यह दौरा दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध के बीच हो रहा है। अमेरिका द्वारा इस साल के शुरू में रेसीप्रोकल एक्सेस टू तिब्बत एक्ट, 2018 पारित किये जाने के बाद चीन की तरफ से अमेरिकी राजदूत के दौरे की इजाजत दी गई है।
चीन के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध में उसके देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का एक प्रतिशत साफ हो सकता है।
ट्रंप ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा कि मुझे लगता है कि चीन को हालिया बातचीत में इस तरह का झटका लगा है कि वे 2020 के अगले चुनाव तक इंतजार करना चाहते हैं।
इसके साथ ही यह बयान इस बात का भी संकेत देता है कि अमेरिका इस क्षेत्र में भारत के साथ करीबी रिश्ता रखना चाहता है।
अमेरिका ने इन उत्पादों पर लगने वाले 10 प्रतिशत शुल्क को बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच छिड़ी व्यापारिक जंग और तेज होने की संभावना बढ़ गई है।
ट्रंप ने संभवतः व्यापार युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत पूरी करने के वास्ते चीन पर दबाव बनाने के लक्ष्य के साथ यह बयान दिया था।
पेरिस में एक सम्मेलन के दौरान लेगार्ड ने संवाददाताओं से कहा कि स्पष्ट रूप से अमेरिका तथा चीन के बीच तनाव दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है।
कारोबारियों ने कहा कि ट्रंप के हैरान करने वाले रुख से वैश्विक निवेशकों में बेचैनी बढ़ी है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को चीन पर दबाव बढ़ाते हुए 200 अरब डॉलर के चीनी सामान पर आयात शुल्क बढ़ाने की धमकी दी है।
ट्रंप ने संवाददाताओं को बताया कि शी जिस वीडियो का जिक्र कर रहे हैं वह उनकी बेटी इवांका और दामाद जेयर्ड कुश्नर ने अपने बच्चों के साथ मिलकर बनाया था।
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध से भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी फायदा हो सकता है।
चीन ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका के साथ हुई हालिया व्यापार वार्ता बेहद गंभीर रही और इससे दोनों पक्षों की आपत्तियों को दूर करने का ठोस आधार तैयार हुआ।
अमेरिका के साथ इस सप्ताह होने वाली व्यापार वार्ता को लेकर चीन ने सकारात्मक संकेत दिये हैं, हालांकि दोनों पक्षों के बीच प्रौद्योगिकी तथा आर्थिक संबंधों के भविष्य पर लंबी जिरह हो सकती हैं।
दुनिया की दो बड़ी आर्थिक ताकत अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध की आग बुझती दिख रही है।
चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध रोकने के लिए जिन उपायों पर सहमति बनी है, उन्हें तत्काल लागू करेगा।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अर्जेंटीना में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अलग से हुई लंबी चर्चा के बाद परस्पर व्यापार में अमेरिका की ओर से 90 दिन के लिये किसी भी तरह का नया शुल्क नहीं लगाने पर सहमति बनी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के उनके समकक्ष शी जिनपिंग के बीच ब्यूनर्स आयर्स में बैठक सफल रही।
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