अमेरिका और चीन के बीच छिड़ा व्यापार युद्ध भारत के लिए नया अवसर लेकर आया है। इससे भारत की तरक्की की रेलगाड़ी और तेज गति से दौड़ेगी।
विवादों को वार्ता के माध्यम से सुलझाने की प्रतिबद्धता जताते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को ‘‘पड़ोसी देश की अर्थव्यवस्था कमजोर’’ करने की नीतियों के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि मजबूत देशों को कमजोर देशों को ‘‘ताकत दिखाकर’’ नहीं डराना चाहिए।
अमेरिका ने बुधवार (15 जनवरी) को चीन के साथ पहले चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक बताया है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि चीन के उप-प्रधानमंत्री लियू हे अमेरिका के साथ 'पहले चरण' का व्यापार समझौता करने के लिए सोमवार को अमेरिका जाएंगे।
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से भारत को व्यापार मोर्चे पर फायदा पहुंचा है। भारत ने 2019 की पहली छमाही में अमेरिका को 75.5 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त निर्यात किया है।
व्यापार मोर्चे पर पहले चरण के समझौते से अमेरिका और चीन के बीच व्यापार अधिक निष्पक्ष और पारस्परिक लाभकारी होगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह चीन के साथ बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते के पहले चरण पर आयोवा में हस्ताक्षर करने पर विचार कर रहे हैं।
चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार 2019 की तीसरी तिमाही में करीब तीन दशक के निचले स्तर पर आ गयी।
सेफ के प्रवक्ता वांग छुनइंग ने बताया कि विदेशी मुद्रा भंडार विनिमय दर और संपत्ति की कीमतों में बदलाव आदि कई कारकों से प्रभावित होता है।
दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने एक-दूसरे के उत्पादों पर भारी शुल्क लगाया है।
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध को लेकर रोजाना कोई न कोई खबरें आती रहती हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार ही चीन को चेतावनी देते रहते हैं, अब एक बार फिर से उन्होंने खुलकर चीन को चेतावनी दी है।
अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध का भारतीय निर्यात पर कोई असर नहीं होगा। भारतीय निर्यात कुल वैश्विक व्यापार का दो प्रतिशत से भी कम है। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने सोमवार को यह बात कही।
एशियाई कारोबार में डॉलर के मुकाबले युआन 7.1487 पर आ गया। वर्ष 2008 की शुरूआत के बाद से चीनी मुद्रा का यह न्यूनतम स्तर है।
बैंकों एवं आयातकों की ओर से डॉलर की मांग आने और विदेशी पूंजी निकासी से रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में 42 पैसे गिरकर 72.08 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी-चीन के बीच व्यापार मोर्चे पर टकराव बढ़ने के संकेतों से भी रुपये पर दबाव रहा।
विदेशी बाजार से मिले मजबूत संकेतों से घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोना 39,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर को तोड़ते हुए एक बार फिर नई ऊंचाई पर चला गया है। चांदी के भाव में भी तकरीबन डेढ़ फीसदी की तेजी आई है।
ट्रंप ने चीन की ओर से नए शुल्क लगाने की योजना पर त्वारित जवाबी कार्रवाई का संकल्प लेते हुए बेहद ही कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया।
चीन ने शुक्रवार को कहा कि वह अमेरिका से आयात किए जाने वाले 75 अरब डॉलर के उत्पादों पर दस प्रतिशत का जवाबी शुल्क लगाएगा। ट्ंरप ने चीन से आयातित 300 अरब डॉलर की वस्तुओं पर नया शुल्क लगाने की धमकी दी थी।
अमेरिका के साथ जारी व्यापार युद्ध के कारण चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त हो रही है। यदि अमेरिका ने आगे शुल्क में और वृद्धि की तो चीन की आर्थिक वृद्धि दर में इसकी वजह से तेज गिरावट आ सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने शुक्रवार को यह चेतावनी दी।
अमेरिका के साथ जारी व्यापार युद्ध के बाद भी जुलाई महीने में चीन के निर्यात में 3.30 प्रतिशत की तेजी देखी गयी। हालांकि इस दौरान चीन का आयात 5.60 प्रतिशत गिर गया। चीन ने गुरुवार को व्यापार के आधिकारिक आंकड़े जारी किये।
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार के चलते पिछले एक साल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रूई (कॉटन) का भाव 32 फीसदी से ज्यादा टूटा है।
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