UK Strike: ट्रेड यूनियनों की हड़ताल को देखते हुए ब्रिटेन सरकार ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की जगह देश के 1200 सरकारी कर्मचारियों को तैनात करने की घोषणा की है।
इनकी प्रमुख मांगों में श्रम संहिता को समाप्त करना, किसी भी प्रकार के निजीकरण को रोकना, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को समाप्त करना, मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए आवंटन बढ़ाना और ठेका श्रमिकों को नियमित करना शामिल है।
श्रमिक संगठनों ने सरकार के द्वारा हाल में ही लिए गए श्रम और कृषि सुधारों से जुड़े कदमों के विरोध में हड़ताल बुलाई थी। जिसका देश में कुछ जगहों पर जनजीवन प्रभावित हुआ, वहीं कई जगह इसका आशिंक असर देखने को मिला।
सरकार के द्वारा श्रम और कृषि क्षेत्र में सुधारों के विरोध में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने सरकार 26 नवंबर (गुरुवार) को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। आप भी जानिए इस बंद में कौन-कौन शामिल होगा और कहां कितना पड़ेगा असर।
बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, पुरानी पीढ़ी के निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा विदेशी बैंकों के करीब 30,000 कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे।
ज्यादातर बैंकों ने इस हड़ताल और इससे उनकी सेवाओं पर पड़ने वाले असर के बारे में शेयर बाजारों को सूचित कर दिया है।
ग्रैच्युटी के लिए कर्मचारी द्वारा की गई सेवा के प्रत्येक साल के लिए 15 दिन के वेतन के बजाये 30 दिन के वेतन के आधार पर गणना करने की मांग की।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए थे। वहां एक स्कूल बस पर लोगों ने पथराव किया। कुछ स्थानों पर तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुईं।
श्रम मंत्री गंगवार ने कहा कि अभी तक नीति निर्माण में ट्रेड यूनियनों की भागीदारी का कोई मानदंड नहीं था। श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधित्व के लिए कानूनी रूपरेखा बनानी जरूरी थी जिसके लिए यह विधेयक लाया गया है।
ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के आह्वान पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सख्त रुख अपना लिया है। उन्होंने दावा किया कि ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई हड़ताल का राज्य में कोई असर नहीं होगा।
सरकार के एक तरफा श्रम सुधार और श्रमिक-विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संघों ने मंगलवार से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का आहवान किया है। संघों ने एक संयुक्त बयान में सोमवार को जानकारी दी कि करीब 20 करोड़ कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे।
भारत पर केंद्रित एक अमेरिकी व्यापारिक संगठन ने भारत के साथ एक पूरी तरह उचित और द्विपक्षीय व्यापारिक भागीदारी की वकालत की है।
ग्रैच्युटी के नियम बदल सकते हैं। संभव है कि अब नए नियमों के तहत PF (भविष्य निधि) की तर्ज पर ग्रैच्युटी के पैसे भी आपकी सैलरी की राशि से काटी जाए।
देशभर में 15 करोड़ कर्मचारी अलग-अलग मजदूर संगठनों के बैनर तले शुक्रवार को देशव्यापी हड़ताल पर हैं। हड़ताल से बैंकिंग जैसी आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
ट्रेड यूनियनें को दो सितंबर की हड़ताल पर जाने से रोकने के लिए सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में 42 फीसदी बढ़ोतरी और दो साल के बोनस की घोषणा की है।
कर्मचारी संगठनों के दो सितंबर को आहूत देशव्यापी हड़ताल को वापस लेने से इनकार करने के बाद सरकार के वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों ने शनिवार को विस्तृत बातचीत की।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में मंत्रीस्तरीय समिति केंद्रीय ट्रेड यूनियनों से मुलाकात कर उनकी 12 सूत्री मांग पर चर्चा कर सकती है।
श्रमिक यूनियनों की विरोध प्रदर्शन की चेतावनी से अप्रभावित वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईपीएफ ब्याज दर विवाद में सरकार पीछे नहीं हटेगी।
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