जापान के लिए एक और चिंता का विषय कमजोर होती मुद्रा है। हाल ही में अमेरिकी डॉलर लगभग 155 जापानी येन पर कारोबार कर रहा है, जो एक साल पहले 140-येन के स्तर से ऊपर है।
अगस्त 2024 में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सिंगापुर, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, नेपाल, बेल्जियम और तुर्की को होने वाले निर्यात में भी गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान यूएई, स्विट्जरलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान, थाईलैंड, वियतनाम और ताइवान से आयात में बढ़ोतरी हुई है।
देश से होने वाला एक्सपोर्ट लगातार चौथे महीने सालाना आधार पर 10.3 फीसदी घटकर मई में 34.98 अरब डॉलर रह गया, जबकि व्यापार घाटा बढ़कर पांच महीने के उच्चतम स्तर 22.12 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है कि अगस्त, 2021 में व्यापार घाटा 11.71 अरब डॉलर था।
वर्ष के पहले आठ माह में फार्मा क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। इस क्षेत्र का निर्यात 15 प्रतिशत बढ़ा है। इसके अलावा चावल का निर्यात 39 प्रतिशत और लौह अयस्क का 62 प्रतिशत बढ़ा है।
अक्टूबर में पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में सालाना आधार पर 52 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके साथ ही काजू का निर्यात 21.57 प्रतिशत, रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 21.27 प्रतिशत, चमड़े का निर्यात 16.67 प्रतिशत, मानव निर्मित धागे/कपड़े का निर्यात 12.8 प्रतिशत, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का निर्यात 9.4 प्रतिशत, कॉफी का निर्यात 9.2 प्रतिशत घट गया
पिछले 7 महीने में पहली बार निर्यात में बढ़त दर्ज की गई है। वहीं, इस अवधि में देश का आयात 19.6 प्रतिशत घटकर 30.31 अरब डॉलर रह गया। एक साल पहले इसी महीने में यह 37.69 अरब डॉलर रहा था। सितंबर में व्यापार घाटा घटकर 2.72 अरब डॉलर रह गया।
अप्रैल से अगस्त 2020 के बीच भारत और चीन के बीच कारोबार से भारत को 12.6 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ है। पिछले साल इसी अवधि में व्यापार घाटा 22.6 अरब डॉलर का था। वहीं इससे भी पहले यानि वित्त वर्ष 2018-19 में भारत का व्यापार घाटा 23.5 अरब डॉलर था।
आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर के दौरान निर्यात में 21.43 प्रतिशत की गिरावट आई है।
लगातार पांचवे महीने देश के निर्यात में गिरावट दर्ज हुई
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी 2019-20 के दस माह के दौरान निर्यात एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 1.93 प्रतिशत गिरकर 265.26 अरब डॉलर रहा।
सोने का आयात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर महीने में 6.77 प्रतिशत घटकर 23 अरब डॉलर रहा। स्वर्ण आयात का असर चालू खाते के घाटे (कैड) पर पड़ता है।
अप्रैल-दिसंबर 2019-20 के दौरान निर्यात 1.96 प्रतिशत की गिरावट के साथ 239.29 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 8.9 प्रतिशत गिरकर 357.39 अरब डॉलर रहा।
समीक्षाधीन महीने में कच्चे तेल का आयात 11.06 अरब डॉलर रहा। सालाना आधार पर यह 18.17 प्रतिशत कम रहा।
अक्टूबर में व्यापार घाटा कम हो कर 11 अरब डॉलर के स्तर पर रहा। पिछले साल अक्टूबर में व्यापार घाटा 18 अरब डॉलर था।
सितंबर, 2019 के दौरान देश का व्यापार घाटा 10.86 अरब डॉलर रहा है।
जुलाई 2019 में सोने का आयात 42.2 प्रतिशत घटकर 1.71 अरब डॉलर का रहा।
आयात भी इस साल जून में 9 प्रतिशत घटकर 40.29 अरब डॉलर रहा, जो इससे पूर्व वर्ष 2018 के इसी महीने में 44.3 अरब डॉलर था।
अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध भारत के लिए एक बड़ा अवसर है। वाणिज्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मौके का फायदा उठाकर भारत इन देशों को रसायन और ग्रेनाइट सहित 350 उत्पादों का निर्यात कर सकता है।
मई में सोने का आयात 37.43 प्रतिशत बढ़कर 4.78 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
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