टूलकिट केस में गिरफ्तार क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि के समर्थन में स्वीडन की इंटरनेशनल क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने शुक्रवार को ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि बोलने की आजादी और शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। किसी भी लोकतंत्र में यह मूल अधिकार होना चाहिए।
टूलकिट मामले में 21 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तार पर दिल्ली महिला आयोग ने सवाल उठाए हैं। इस संबंध में आयोग ने दिल्ली पुलिस को एक नोटिस भी भेजा है। आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने आरोप लगाए हैं कि दिशा की गिरफ्तारी में कानूनी प्रक्रियाओं का सही तरीके से पालन नहीं किया गया। दिल्ली पुलिस ने रवि को शनिवार को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था। उनके ऊपर साजिश और राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
'टूल किट' साजिश में इंटरनेशनल साजिश का पर्दाफाश हुआ है... पहली बार टूल किट केस में आईएसआई और खालिस्तान की साजिश सामने आई है... ये खुलासा हुआ है कि किसान आंदोलन के नाम पर टूल किट के जरिए पाकिस्तान में खेल हो रहा था... पहली बार इस मामले में पीटर फ्रेडरिक और खालिस्तानी आतंकी भजन सिंह भिंडर का नाम आया है...
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने टूलकिट मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसके पीछे की पूरी कहानी को खोलकर रख दिया। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के ज्वाइंट कमिश्नर प्रेम नाथ ने कहा, "जैसा आपको पता है कि 27 नवंबर 2020 से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है। उस आंदोलन के दौरान कई प्रकार की गतिविधियां हुईं। 4 फरवरी 2021 को सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के दौरान एक गूगल डॉक्यूमेंट टूलकिट के बारे में पता लगा, जो ट्विटर पर शेयर किया गया था।
टूलकिट के तार कहां तक हैं, साज़िश कितनी बड़ी थी। हर कनेक्शन अब बेपर्दा हो रहा है और खालिस्तानी लिंक सामने आ रहा है। दिल्ली दंगों की टूल किट में एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं। दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को निकिता जैकब और शांतनु की तलाश है।
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने टूलकिट मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसके पीछे की पूरी कहानी को खोलकर रख दिया। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के ज्वाइंट कमिश्नर प्रेम नाथ ने कहा, "जैसा आपको पता है कि 27 नवंबर 2020 से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है। उस आंदोलन के दौरान कई प्रकार की गतिविधियां हुईं। 4 फरवरी 2021 को सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के दौरान एक गूगल डॉक्यूमेंट टूलकिट के बारे में पता लगा, जो ट्विटर पर शेयर किया गया था।
टूलकिट मामले की जांच में एक और बड़ा खुलासा, भारत में माहौल बिगाड़ने के मकसद 11 जनवरी को हुई थी पहली मीटिंग
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