यह चोट विकास को ओलंपिक से पहले इटली में ट्रेनिंग टूर के दौरान लगी थी।
कोविड-19 महामारी के दौरान जान गंवाने वालों को याद करते हुए आगे बढ़ने के संदेश के साथ ओलंपिक ध्वज पेरिस को सौंपा गया जहां अगले ओलंपिक खेल तीन साल बाद आयोजित किये जायेंगे।
पूर्व भारतीय एथलीटों ने टोक्यो ओलंपिक से पहले खिलाड़ियों को दिए गए समर्थन के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा की है।
महामारी, एक साल के विलंब और बढ़ती लागत के बावजूद जापान की जनता को तोक्यो ओलंपिक से खुश होने का मौका मिला और यह है कि रिकॉर्ड संख्या में पदक।
भारोत्तोलन के साथ डोपिंग की समस्या भी जुड़ी हुई है और ऐसे में इस खेल पर पेरिस में 2024 खेलों से बाहर किये जाने का खतरा मंडरा रहा है।
टोक्यो ओलंपिक में भारत की ओर से जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया l उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका l देखिए इतिहास रचने की कहानी, खुद नीरज की ज़ुबानी l
भाला फेंक के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने के बाद आगामी प्रतियोगिताओं में 90 मीटर भाला फेंकने को अपना अगला लक्ष्य बनाया है।
नीरज ने कहा, "मैंने संयम बनाया और अपने अंतिम थ्रो पर ध्यान लगाने का प्रयास किया जो शानदार नहीं था लेकिन फिर भी ठीक था।"
लवलीना पहले 'किक-बॉक्सर' थीं और उन्हें एमेच्योर मुक्केबाजी में लाने का श्रेय बोरो को जाता है।
सिंधु ने वह प्रतिष्ठित गौरव सुशील की तरह लगातार ओलंपिक खेलों में उस समय हासिल किया जब उन्होंने कांस्य पदक के मैच में अपनी चीनी प्रतिद्वंद्वी हे बिंगजियाओ को 21-13, 21-15 से हराया।
पहलवान रवि दहिया को अगर एक या दो शब्दों में बयां करने के लिये कहा जाये तो ‘शांत तूफान’ इसमें फिट बैठेगा।
जब बजरंग पुनिया महज 11 साल के थे तब रात दो बजे अभ्यास के लिए अखाड़े में पहुंच जाते थे।
मीराबाई ने रजत पदक जीतने के बाद कहा कि उनका सपना साकार हो गया है लेकिन इसे साकार करने के लिए उन्हें दिन-प्रतिदिन एक के बाद एक बाधाओं को पार करना पड़ा।
मोदी ने भारतीय सेना से जुड़े इस युवा एथलीट से फोन पर कहा, ‘‘नीरज आपको बहुत बहुत बधाई। आपने ओलंपिक में हमारी प्रतिस्पर्धाओं के अंतिम दिन देश को खुश कर दिया।
स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा उन्होंने बताया कि ओलंपिक में कोई भी खेल एक दिवसीय आयोजन नहीं है। वर्षों के अभ्यास और कई लोगों के समर्थन ने उन्हें अभूतपूर्व मील का पत्थर हासिल करने में सक्षम बनाया है।
ये ट्वीट नीरज चोपड़ा ने 4 साल पहले किया था और अब ये तेजी से वायरल हो रहा है।
उषा ने चोपड़ा के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट की और ट्वीट किया, 37 साल बाद आज मेरे अधूरे सपने को साकार किया। धन्यवाद मेरे बेटे- नीरज।
नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता, वो गाना गाने लगे और खुशी से नाचने लगे।
नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों में शनिवार का दिन ऐतिहासिक बना दिया जबकि बजरंग पूनिया भी कांस्य पदक जीतने में सफल रहे जिससे भारत ने किसी एक ओलंपिक खेल में सर्वाधिक पदक जीतने का नया रिकार्ड बनाया।
संयुक्त परिवार में रहने वाले नीरज बचपन में काफी मोटे थे और परिवार के दबाव में वजन कम करने के लिए वह खेलों से जुड़े। वह 13 साल की उम्र तक काफी शरारती थे।
संपादक की पसंद