यहां देखें भारत का 29 जुलाई का पूरा शेड्यूल-
टोक्यो ओलंपिक 2020 के 6ठें दिन के मुकाबलों की लाइव स्ट्रीमिंग आप सोनी लिव (SonyLiv) ऐप और जीओ टीवी पर देख सकेंगे।
ओलंपिक खेलों के पांचवें दिन भारत का प्रदर्शन इस प्रकार रहा-
ओलंपिक खेलों के पांचवें दिन भारत का प्रदर्शन इस प्रकार रहा।
प्रणीत नीदरलैंड के मार्क कालजोव से 40 मिनट तक चले मैच में सीधे गेम में 14-21, 14-21 से हार गये।
दीपिका का यह ओलंपिक खेलों में व्यक्तिगत वर्ग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
डेनिल मेदवेदेव से जब डोपिंग को लेकर सवाल किया गया तब वे पत्रकारों पर भड़क गए।
भारतीय महिला मुक्केबाज पूजा रानी ने 75 किग्रा मिडिलिवेट वर्ग के राउंड 16 में अल्जीरिया की इचरक चाएब पर 5 - 0 से जीत दर्ज कर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।
पुरुष तीरंदाजों के विफल रहने के बाद दीपिका पर पदक की उम्मीद बरकरार रखने की जिम्मेदारी है।
प्रवीण को दूसरे राउंड में एलीसन के हाथों 0-6 की करारी पराजय झेलनी पड़ी।
दूसरे दौर में जाधव का मुकाबला अमेरिका के ब्राडी एलिसन से होगा।
भारतीय टीम की यह पूल ए में लगातार तीसरी हार है जिससे उसकी क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की संभावनाओं को झटका लगा है।
पीवी सिंधु ने हॉगकांग की यी नगन चेउंग को 21-9, 21-16 से हराकार प्री क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह l
भारत की उम्मीदें अब व्यक्तिगत वर्ग में दीपिका कुमारी, अतनु दास और प्रवीण जाधव पर टिकी हैं।
टोक्यो ओलंपिक का पांचवां दिन भारत के लिए मिलाजुला रहा। भारत की ओर से पीवी सिंधू, पूजा रानी और दीपिका कुमारी ने भारत के लिए पदक की उम्मीद बनाए रखी है।
सोमवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर हुए स्वागत समारोह की तरह ही यहां बीर टिकेंद्रजीत अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मीराबाई की झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के साथ मीडियाकर्मी भी मौजूद थे।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के सूत्रों ने हालांकि बताया कि इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है और वह बुधवार को टोक्यो पहुंच जाएंगी।
पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रही भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने (69 किग्रा) मंगलवार को जर्मनी की अनुभवी नेदिन एपेट्ज को कड़े मुकाबले में हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। मंगलवार को रिंग में उतरने वाली एकमात्र भारतीय मुक्केबाज लवलीना ने प्री क्वार्टर फाइनल में अपने से 12 साल बड़ी एपेट्ज को 3-2 से हराया।
यूनुस ने हालांकि माउथ गार्ड (दांतों को चोट से बचाने वाला कवच) पहना था, जिस कारण न्याका के कान के पास उनके दांतों का निशान नहीं बना।
वह वॉल्ट के दौरान कूदने के बाद एक ट्रेनर से टकरा गई। इसके बाद टीम डॉक्टर के साथ प्रतिस्पर्धा स्थल से चली गई। कुछ मिनट बाद वह आई तो दाहिने पैर पर पट्टी बंधी थी।
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