आज मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि और रविवार का दिन है। नवमी तिथि आज पूरा दिन पार कर कल सुबह 5 बजकर 30 मिनट तक रहेगी।
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन घरों और मंदिरों में अन्नकूट के रूप में कढ़ी, चावल, बाजरा और हरी सब्जियां मिलाकर बनाया गया भोजन खाने की और प्रसाद के रूप में बांटने की परंपरा है।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नर्क चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इसे रूप चतुर्दशी या छोटी दिवाली भी कहा जाता है। शास्त्रों में नर्क चतुर्दशी के दिन तेल मालिश करके स्नान करने सहित कुछ कार्य किए जाने का विधान है। ऐसा करने से आपको मां लक्ष्मी और मां गंगा का आर्शीवाद प्राप्त होगा।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को 'धनतेरस' का पर्व मनाया जाता है। यह दिन किसी भी तरह की खरीदारी के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेर भगवान और धनवंतरि की पूजा विधि- विधान से पूजा की जाती है।
अहोई अष्टमी का त्योहार संतान के लिए किया जाता है। इस दिन माताएं अपने बच्चों के सुखी जीवन, उनकी खुशहाली और लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं। अगर आप अपनी संतान की अच्छी सेहत सुनिश्चित करना चाहते हैं तो अहोई पूजा के समय पांच साबुत हल्दी की गांठ लेकर देवी मां के सामने खनी चाहिए। पूजा के बाद देवी मां को प्रणाम करके हल्दी की गांठ को उठा लें और किसी मन्दिर में दान कर दें।
करवा चौथ की पूजा के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोने को अच्छे से साफ करके लकड़ी का पाटा बिछाएं। उसपर शिवजी, मां गौरी और गणेश जी की प्रतिमा रखें। देवी- देवताओं की स्थापना करके टेपा की उत्तर दिशा में एक जल से भरा लोटा या कलश स्थापित करनें उसमें थोड़े-से चावल जरूर डालें।
आज रात 9 बजकर 53 मिनट तक कृतिका नक्षत्र रहेगा। कुल 27 नक्षत्रों की श्रेणी में कृतिका तीसरा नक्षत्र है। इसका संबंध गूलर के पेड़ से है और जिस व्यक्ति का जन्म इस नक्षत्र में हुआ हो उन्हें आज गूलर के पेड़ की उपासना करनी चाहिए। साथ ही पेड़ की टहनियों, पत्तियों या उसके फल को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। ऐसा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में घर से बाहर किसी पवित्र नदी में स्नान, गायत्री जप एवं दिन में केवल एक बार भोजन करने से व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते हैं और उसकी तरक्की होती है।
शरद पूर्णिमा की रात को दूध, चावल की खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखें। अगली सुबह ब्रह्ममुहूर्त में श्री विष्णु को उस खीर का भोग लगाएं। फिर प्रसाद के रूप में परिवार के सब सदस्यों में बांटे। ऐसा करने से मन और मस्तिष्क शुद्ध रहता है। साथ ही पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है।
आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन विष्णु की पूजा करने और व्रत करने से जीवन में वैभव की प्राप्ति होती हैष साथ ही मनचाही इच्छाओं की पूर्ति होती है।
विजयादशमी के दिन अपराजिता की पूजा करने से सालभर तक कार्यों में जीत हासिल होती है। साथ ही किसी काम में रुकावट भी नहीं आती।
आज अश्विनी शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और बुधवार का दिन है | अष्टमी तिथि आज रात 8 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। आज शारदीय नवरात्र का आठवां दिन है। जो लोग अपने अन्न-धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि करना चाहते हैं, उन्हें आज महागौरी की उपासना जरूर करनी चाहिए।
आज नवरात्र चतुर्थी की शाम में बेल के पेड़ की जड़ पर मिट्टी, इत्र, पत्थर और दही चढाएं। दो दिन तक ऐसा करने के बाद बेल के पेड़ के उत्तर पूर्व दिशा की एक छोटी टहनी तोड़कर घर लाएं। इस टहनी पर रोज 108 बार महालक्ष्मी मंत्र पढ़ें और नवमी के दिन इसे तिजोरी में रखें।
आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से मंगल ग्रह से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। सभी नौ ग्रहों में से मंगल के ऊपर मां ब्रह्मचारिणी का आधिपत्य रहता
नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा के हिस्से की अच्छे से साफ-सफाई करके वहां कलश स्थापित करना चाहिए।
इन्दिरा एकादशी की खास बात यह है कि यह पितृपक्ष में आती है, जिस कारण इसका महत्व बहुत अधिक हो जाता है। मान्यता है कि यदि कोई पूर्वज जाने-अंजाने यमराज के पास अपने कर्मों का दंड भोग रहे हैं तो इस एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत कर इसके पुण्य को उनके नाम पर दान कर दिया जाए तो उन्हें मोक्ष मिल जाता है।
आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथिऔर मंगलवार का दिन है | द्वितीया तिथिआज शाम 4 बजकर 4 मिनट तक रहेगी। उसके बाद तृतीया तिथि लग जायेगी। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से आज पूर्वाभाद्रपदऔर मंगलवार के संयोग में किये जाने वाले विशेष उपायों के बारे में।
अगर आप मजबूत इरादों के साथ जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो आपको स्नान आदि के बाद सूर्यदेव को नमस्कार करना चाहिए और उन्हें जल अर्पित करना चाहिए। जल अर्पित करने के लिए अगर तांबे का पात्र हो, तो और भी श्रेष्ठ है।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार शीतलाष्टमी के दिन स्नान करने के बाद शीतला मां का ध्यान करते हुए घर पर ही एक आसन बिछाकर बैठना चाहिए। इससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
अगर आप भविष्य में अपनी तरक्की को बनाए रखना चाहते हैं तो आज उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के दौरान आपको नीम के पेड़ के सामने हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए। साथ ही पेड़ की जड़ में जल चढ़ाना चाहिए।
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