तिरुपति मंदिर के प्रसाद यानी लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल पाए जाने की पुष्टि हुई है। राज्य के सीएम चंद्र बाबू नायडू ने लैब कि रिपोर्ट दिखाते हुए ये दावा किया है।
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट की खबर आने के बाद सभी मशहूर देवस्थान में बनाए जाने वाले प्रसाद की शुद्धता भी सवालों के घेरे में है। मुंबई के सिद्धिविनायक ट्रस्ट ने बताया कि यहप्रसाद की शुद्धता का पूरा ख्याल रखा जाता है।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सनातन धर्म को चोट पहुंचाने की कोशिश की गई है। तिरुपति के प्रसाद में एनिमल फैट और फिश ऑयल मिलाने वालों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
क्या 9-10 करोड़ रुपये बचाने के लिए घटिया क्वॉलिटी की घी का इस्तेमाल किया गया? क्या दुनिया के सबसे अमीर देवस्थान में 10 करोड़ रुपये बचाने के लिए घी का सप्लायर बदला गया?
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब मंदिर ट्रस्ट की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। मंदिर ट्रस्ट ने लड्डू प्रसादम की पवित्रता बहाल करने का दावा किया है। मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट पर भी इसकी जानकारी दी गई है।
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी पाए जाने का मुद्दा अब तूल पकड़ चुका है। एक तरफ यह मामला जहां अदालत में चला गया है तो दूसरी तरफ इस पर सियासत भी शुरू हो गई है।
तिरुपति बालाजी मंदिर में दिए जाने वाले लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल पाए जाने की पुष्टि हुई है। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने खुद ये रिपोर्ट दिखाई है। इसके बाद से मंदिर के प्रसाद को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
तिरुपति बालाजी के लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल पाए जाने की पुष्टि की गई है। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सबूत के तौर साइंटिफिक लैब की रिपोर्ट भी दिखाई है। वहीं इस पूरे मामले में 320 रुपये का खेल निकल कर सामने आया है।
तिरुपति बालाजी के लड्डुओं में चर्बी पाए जाने के मामले की हाईलेवल इनक्वॉयरी होगी...आज केन्द्र सरकार ने एलान किया कि तिरूपति बाला जी के प्रसाद में..गाय की चर्बी पाए जाने की रिपोर्ट पर जांच होगी....जिन लोगों ने ये पाप किया है...उन्हें कड़ी सजा दिलाई जाएगी....
क्या आप भी आन्ध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में जाकर माथा टेकना चाहते हैं? अगर हां, तो रेलवे रूट के जरिए ट्रैवल करना आपके लिए ज्यादा बजट फ्रेंडली साबित हो सकता है।
Tirupati Balaji Laddu History: तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसादम लड्डू दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इन लड्डुओं को भगवान वेंकटेश्वर के आशीर्वाद के रूप में भक्तों को दिया जाता है। तो आइए आज जानते हैं तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं का इतिहास।
मंदिर प्रबंधन ने बताया कि लैब की जांच से पता चला कि नमूने में ‘लार्ड’ (सुअर की चर्बी) की भी मिलावट थी। उन्होंने कहा, “चारों नमूनों की रिपोर्ट में एक जैसे नतीजे आए। इसलिए हमने तुरंत आपूर्ति रोक दी। ठेकेदार को काली सूची में डालने के साथ ही जुर्माना लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
तिरुपति बालाजी लड्डू विवाद से देशवासियों में उबाल देखने को मिल रहा है। ये मुद्दा अब दिल्ली तक पहुंच चुका है। ऐसे में इसके विवाद को सिलसिलेवार तरीके से समझना बेहद जरूरी है।
जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि टीडीपी धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण कर रही है। चंद्रबाबू नायडू की मानसिकता राजनीति के लिए भगवान का इस्तेमाल करने की है।
तिरुपति प्रसादम विवाद अब नई दिल्ली पहुंच गया है। यहां केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने इस मुद्दे पर जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।
तिरुपति बालाजी के लड्डू को लेकर देश में खलबली मची हुई है। इसी बीच पता चला कि 50 सालों से घी देने वाले से सरकार ने ठेका लेकर कई कंपनियों को इसका ठेका दे दिया था।
तिरूपति मंदिर के लड्डू में मिलावट के मामले में कथित लैब रिपोर्ट में भी यही बात सामने आई है। अब इस मामले में कांग्रेस के एक नेता ने पीएम मोदी और सीएम चंद्रबाबू नायडू का इस्तीफा मांगा है।
तिरुपति के प्रसाद (Tirupati Laddu Controversy) में जानवरों की चर्बी, जानवरों का फैट (Animal Fat) और फिश ऑयल होने का दावा आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (CM Chandrababu Naidu) द्वारा किया गया. जिसके बाद से मंदिर की पवित्रता और लोगों की आस्था पर ठेस पहुंची.
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के आरोप लग रहे हैं। वहीं सीएम चंद्रबाबू नायडू ने लैब रिपोर्ट आने के बाद बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
रिपोर्ट में दिखाया गया है कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान प्रतिष्ठित तिरुपति मंदिर के बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए घी में पशु वसा, जिसमें गोमांस और मछली का तेल भी शामिल था के अंश पाए गए थे।
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