तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पूर्व अध्यक्ष बी. करुणाकर रेड्डी अपनी बेगुनाही साबित करने तिरुपति बालाजी मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने श्रीवारी पुष्करणी में स्नान के बाद कपूर की आरती की। हालांकि इस दौरान राजनीतिक बयान देने की वजह से पुलिस को उनके खिलाफ एक्शन लेना पड़ा।
सपा सांसद डिंपल यादव ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मथुरा के दुकानों में जो खोया बेचा जा रहा है। वह सब मिलावटी है। प्रसाद बनाए जाने वाले इन खोयों की भी जांच होनी चाहिए।
Mahashanti Homam Significance: हिंदू धर्म में महाशांति होम का विशेष महत्व बताया गया है। अगर आप इसे अपने घर में करवान का सोच रह हैं तो पहले ज्योतिषी चिराग बेजान दारूवाला से जान लीजिए इसका अर्थ और नियम।
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। उन्होंने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के आरोपों की जांच की मांग की है।
तिरुपति बालाजी मंदिर को भारत का सबसे अमीर मंदिर कहा जाता है क्योंकि हमेशा भक्त यहां बड़े स्तर पर दान देते हैं। क्या आपको पता है इस दान की पीछे का कारण ये मान्यता है कि भगवान गरीब हैं? आइए जानते हैं पूरा किस्सा।
तिरुपति मंदिर के प्रसादम को लेकर हुए विवाद के बाद अब लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बाजार से खरीदा गया प्रसाद बैन कर दिया गया है। इससे पहले कर्नाटक में भी मंदिरों के लिए निर्देश जारी हुए थे।
अब मंदिर की प्रबंधन समिति में सिर्फ वही लोग रहेंगे, जिनकी भगवान के प्रति आस्था होगी। इसके अलावा सभी मंदिरों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाई जाएगी, जिसका पालन सभी मंदिरों के लिए अनिवार्य होगा।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी शामला राव ने कहा कि एक जांच पैनल स्थापित किया गया है जो सुगंध, स्वाद और बनावट के मापदंडों पर खाद्य नमूनों का मूल्यांकन करेगा।
तिरुपति में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर भगवान विष्णु के भक्तों के बीच काफी ज्यादा पॉपुलर है। आइए जानते हैं कि आप किस रूट के जरिए तिरुपति सबसे जल्दी पहुंच सकते हैं।
आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में आने वाले श्रद्धालु हर साल सैकड़ों टन बाल दान करते हैं। यहां के मंदिर में बाल दान करने के पीछे क्या मान्यता है और दान किए गए इन बालों का क्या किया जाता है? आइये जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब...
विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। उनके खिलाफ हैदराबाद के सैदाबाद में शिकायत दर्ज कराई गई है। इसके साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध भी किया गया है।
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर विवाद जारी है। इस बीच आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा है कि वह भगवान वेंकटेश्वर को प्रसन्न करने के लिए 11 दिन की तपस्या करेंगे, जिसके बाद ही वह तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करेंगे।
तिरुपति मंदिर के प्रसाद यानी लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल पाए जाने की पुष्टि हुई है। राज्य के सीएम चंद्र बाबू नायडू ने लैब कि रिपोर्ट दिखाते हुए ये दावा किया है।
क्या 9-10 करोड़ रुपये बचाने के लिए घटिया क्वॉलिटी की घी का इस्तेमाल किया गया? क्या दुनिया के सबसे अमीर देवस्थान में 10 करोड़ रुपये बचाने के लिए घी का सप्लायर बदला गया?
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब मंदिर ट्रस्ट की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। मंदिर ट्रस्ट ने लड्डू प्रसादम की पवित्रता बहाल करने का दावा किया है। मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट पर भी इसकी जानकारी दी गई है।
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी पाए जाने का मुद्दा अब तूल पकड़ चुका है। एक तरफ यह मामला जहां अदालत में चला गया है तो दूसरी तरफ इस पर सियासत भी शुरू हो गई है।
तिरुपति बालाजी मंदिर में दिए जाने वाले लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल पाए जाने की पुष्टि हुई है। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने खुद ये रिपोर्ट दिखाई है। इसके बाद से मंदिर के प्रसाद को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
तिरुपति बालाजी के लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल पाए जाने की पुष्टि की गई है। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सबूत के तौर साइंटिफिक लैब की रिपोर्ट भी दिखाई है। वहीं इस पूरे मामले में 320 रुपये का खेल निकल कर सामने आया है।
तिरुपति बालाजी के लड्डुओं में चर्बी पाए जाने के मामले की हाईलेवल इनक्वॉयरी होगी...आज केन्द्र सरकार ने एलान किया कि तिरूपति बाला जी के प्रसाद में..गाय की चर्बी पाए जाने की रिपोर्ट पर जांच होगी....जिन लोगों ने ये पाप किया है...उन्हें कड़ी सजा दिलाई जाएगी....
क्या आप भी आन्ध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में जाकर माथा टेकना चाहते हैं? अगर हां, तो रेलवे रूट के जरिए ट्रैवल करना आपके लिए ज्यादा बजट फ्रेंडली साबित हो सकता है।
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