समानांतर सिनेमा का जब भी जिक्र होगा दिग्गज कलाकार ओम पुरी इस श्रेणी के बड़े कलाकारों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते नजर आएंगे।
शतरंज के शौकीन ऋषिकेश मुखर्जी, अपनी फिल्मों के हर किरदार को खास मानते थे। उनके लिए फिल्में मानो शतरंज की बिसात हो और फिल्म में काम करने वाले किरदार उनके मोहरे..
आइए आपको उन अभिनेत्रियों के किरदारों से रू-ब-रू कराते हैं जिन्होंने लुक के आगे अपने किरदार को अहमियत दी।
फिल्म स्त्री के लिए राजकुमार फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद नहीं थे। राजकुमार राव से पहले इस फिल्म को आयुष्मान खुराना को ऑफर किया गया था।
फिल्म को लेकर निर्माता बीआर चोपड़ा की क्या सोच थी और वह किन कलाकारों को लेकर फिल्म को बनाना चाहते थे? इसे लेकर उनकी तलाश कई चेहरों से होकर कैसे सनी देओल पर आकर टिक गई और कैसे फिल्म डिंपल कपाडिया से होते हुए पूनम ढिल्लों के नाम हो गई? इसकी कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है।
जेहनी तौर पर मार्क्सवादी होने की बदौलत उन्होंने क्रांतिकारी मनसूबे से आजादी की लड़ाई लड़ी और तीन साल कराची के जेल में भी बिताए।
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