हरियाणा के हिसार जिले में शनिवार को टिकरी सीमा पर धरना स्थल से लौट रहे पंजाब के दो किसानों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। किसान आंदोलन की समाप्ति की घोषणा के बाद दिल्ली की टीकरी सीमा से ये लोग वापस अपने घर लौट रहे थे।
दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर के पास गाजीपुर में किसानों के आंदोलन स्थल से दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड्स को हटाना शुरू कर दिया है। केन्द्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की 26 जनवरी को दिल्ली में ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हुई हिंसा के बाद, पुलिस ने वहां लोहे तथा सीमेंट के बैरिकेड्सऔर कांटेदार तार लगा दिए थे। उधर, टिकरी बॉर्डर से भी बैरिकेड्स हटाए जा रहे हैं।
हरियाणा के बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर के पास कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने बुधवार को एक व्यक्ति को कथित तौर पर जलाकर मार डाला।
टिकरी बॉर्डर पर एक शख्स को जिंदा जलाने की घटना पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने India TV से की EXCLUSIVE बातचीत
किसान आंदोलन से एक बर्बरता की खबर सामने आई है, टिकरी बॉर्डर पर एक 42 वर्षीय व्यक्ति को कथित तौर पर शराब पिलाकर ज़िंदा जला दिया गया, जिसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
पिछले करीब साढे 3 महीनों से नए कृषि कानून का विरोध कर रहे किसान अब भी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। सर्दी और बारिश के दिनों में ये किसान तिरपाल और टीन के शेड बना कर रह रहे थे, लेकिन गर्मी के दिनों में इसमें रह पाना मुश्किल है। लिहाजा यहां पर अब बड़ी तादाद में परमानेंट स्ट्रक्चर बनाने का काम किया जा रहा है।
सोमवार की सुबह टीकरी में हरियाणा के साथ दिल्ली की सीमा के अतिरिक्त रातोंरात देखा गया | हरियाणा की ओर से आने वाले वाहनों के टायरों को पंचर करने के लिए लोहे की कीलें रोहतक रोड की चौड़ाई में पंक्तियों में लगाई गई |
किसान आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं। दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज 42वां दिन है। टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने परमानेंट स्ट्रक्चर बना लिया है। किसानों ने हाईवे पर ईंट जोड़कर परमानेंट स्ट्रक्चर तैयार किया है।
हालांकि किसानों के 'दिल्ली चलो' के विरोध का हिस्सा शांतिपूर्ण रहा है, लेकिन इससे इन दोनों क्षेत्रों में यातायात की आवाजाही प्रभावित हुई है। दिल्ली पुलिस के सिंघू और टिकरी की सीमाओं को बंद रखने के साथ ही वाहनों की लंबी कतारें लग गयीं।
केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों में संशोधन करने की पेशकश कर रही है लेकिन किसान नेता नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। अधिक जानकारी के लिए देखिए 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ।
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने गृहमंत्री अमित शाह की उस अपील को मानने से इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने किसानों से बुराड़ी में धरना प्रदर्शन स्थल (मैदान) में जाकर अपना विरोध जारी रखने की बात कही थी और कहा था कि किसानों के धरना प्रदर्शन स्थल पर पहुंचते ही सरकार उनसे बातचीत करेगी। गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार देर शाम यह अपील की थी।
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