पंजाब से प्रदर्शनकारी किसानों ने फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी तथा कृषि ऋण माफी समेत अपनी मांगों पर दबाव डालने के लिए अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया था। हजारों किसान दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर अंबाला के समीप पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए हैं क्योंकि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया।
घर लौटने को लेकर उत्साहित भूपेंद्र सिंह ने कहा कि वह कई बार अपने बच्चों से कोई बहाना करते थे।
हरियाणा के हिसार जिले में शनिवार को टिकरी सीमा पर धरना स्थल से लौट रहे पंजाब के दो किसानों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। किसान आंदोलन की समाप्ति की घोषणा के बाद दिल्ली की टीकरी सीमा से ये लोग वापस अपने घर लौट रहे थे।
किसानों ने साफ कर दिया कि वो फिलहाल दिल्ली के बॉर्डर को खाली करने के मूड में नहीं हैं। दिल्ली पुलिस भले ही रोड से अपने बोल्डर और बैरिकेडिंग हटा दे लेकिन किसान अपने तंबू नहीं हटाएंगे।
दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर के पास गाजीपुर में किसानों के आंदोलन स्थल से दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड्स को हटाना शुरू कर दिया है। केन्द्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की 26 जनवरी को दिल्ली में ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हुई हिंसा के बाद, पुलिस ने वहां लोहे तथा सीमेंट के बैरिकेड्सऔर कांटेदार तार लगा दिए थे। उधर, टिकरी बॉर्डर से भी बैरिकेड्स हटाए जा रहे हैं।
भाकियू किसानों से अपील करते हुए कहा कि, जल्द गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे और आंदोलन को मजबूत करें। प्रत्येक दिन आंदोलन के खिलाफ साजिश हो रही है, हर साजिश के खिलाफ हमें तैयार रहना है।
दिल्ली पुलिस इन बैरिकेड्स को हटा देती है तो दिल्ली-रोहतक मार्ग खुलने से रोजमर्रा के आवागमन में हो रही परेशानियों से निजात मिल सकती है। वहीं अगले 2 से 3 दिन में उम्मीद है कि पुलिस इनको हटा लेगी और इन रास्तों पर गाड़ियां फिर दौड़ने लगेंगी।
हरियाणा के बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर के पास कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने बुधवार को एक व्यक्ति को कथित तौर पर जलाकर मार डाला।
टिकरी बॉर्डर पर एक शख्स को जिंदा जलाने की घटना पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने India TV से की EXCLUSIVE बातचीत
किसान आंदोलन से एक बर्बरता की खबर सामने आई है, टिकरी बॉर्डर पर एक 42 वर्षीय व्यक्ति को कथित तौर पर शराब पिलाकर ज़िंदा जला दिया गया, जिसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
पिछले करीब साढे 3 महीनों से नए कृषि कानून का विरोध कर रहे किसान अब भी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। सर्दी और बारिश के दिनों में ये किसान तिरपाल और टीन के शेड बना कर रह रहे थे, लेकिन गर्मी के दिनों में इसमें रह पाना मुश्किल है। लिहाजा यहां पर अब बड़ी तादाद में परमानेंट स्ट्रक्चर बनाने का काम किया जा रहा है।
दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान अब वहां पर पक्का निर्माण कर रहे हैं। किसानों ने ईंट जोड़कर पक्का कंस्ट्रशन शुरू कर दिया है।
हरियाणा के हिसार जिले के एक किसान ने रविवार को टीकरी बॉर्डर विरोध स्थल से लगभग सात किलोमीटर दूर एक पेड़ से फंदा लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।
किसान आंदोलन के सबसे बड़े हॉट स्पॉट सिंघु बॉर्डर खाली-खाली और शांत दिखा। जहां किसान नेताओं का मजमा लगता था, सड़कों पर भीड़ जुटी रहती थी, भाषणों का शोर और आंदोलनकारियों का हुड़दंग था, वहां अब आंदोलन के तंबू उखड़ने लगे हैं।
दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर शुक्रवार को कथित तौर पर कुछ लोगों ने एक पुलिसकर्मी को पीट दिया जो वहां लापता किसानों के पोस्टर लगाने गया था।
DPDA ने कहा है कि सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध के कारण पिछले 65 दिनों में जीरो कारोबार के साथ उनके लिए गुजारा करना अब मुश्किल हो गया है।
नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोन के बीच सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर आज रात 11.59 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
सोमवार की सुबह टीकरी में हरियाणा के साथ दिल्ली की सीमा के अतिरिक्त रातोंरात देखा गया | हरियाणा की ओर से आने वाले वाहनों के टायरों को पंचर करने के लिए लोहे की कीलें रोहतक रोड की चौड़ाई में पंक्तियों में लगाई गई |
गृह मंत्रालय ने 29 जनवरी को इजरायली दूतावास पर हुए हमले और 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के मद्देनजर इमरजेंसी कारणों से सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर व उसके आसपास के 500 मीटर के इलाके तक इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी किया था जिसकी अवधि को बढ़ा दिया गया है।
आज टीकरी गांव में हंगामा हुआ है। यहां कांग्रेस नेताओं ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसानों के समर्थन में पंचायत बुलाई थी लेकिन किसानों ने इन नेताओं के ख़िलाफ़ ही मोर्चा खोल दिया।
संपादक की पसंद