पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहे आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा ने उनके जरिए महाराष्ट्र के नांदेड़ में मार्च महीने में जो आरडीएक्स की बड़ी खेप भेजी थी, उसके जरिए मुंबई की लोकल ट्रेनों और पैसेंजर ट्रेनों में सीरियल ब्लास्ट करने की साजिश रची गई थी।
सुरक्षाकर्मियों ने भी जवाबी कार्रवाई की लेकिन यह पता नहीं चल सका है कि इसमें कितने आतंकवादी हताहत हुए।
बाल कृष्ण को श्रीनगर के आर्मी हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाल कृष्ण के 3 गोलियां लगी हैं और उनकी हालत नाजुक है। बीते साल अक्टूबर से लेकर अब तक ये दूसरी बार हुआ है, जब किसी कश्मीरी पंडित पर आतंकियों ने हमला किया हो।
आतंकियों के साथ इस मुठभेड़ के दौरान हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ है। आतंकियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
शाम करीब सात बजकर 35 मिनट पर आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर में शोपियां जिले के चेक छोटीपोरा इलाके में सीआरपीएफ के जवान मुख्तार अहमद पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। मुख्तार उस समय अपने घर पर ही थे।
नरेंद्र मोदी अधिकारियों की चेतावनी के बाद भी नहीं रुके, घटनास्थल का दौरा किया और अस्पताल जाकर मरीजों से भी मिले।
अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों की तरफ से गोलीबारी होती देख सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की।
बाबू राम एक बार लाल चौक में नागरिकों को सुरक्षित रूप से निकालते समय आतंकियों से मुठभेड़ में घायल हो गये थे लेकिन स्वस्थ होने के बाद फिर सेवा में आ गये थे।
पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि गिरफ्तार किये गए आरोपी लश्कर के कमांडरों के संपर्क में थे और उन्हें आश्रय और परिवहन की सुविधाएं मुहैया करवा रहे थे।
महबूबा ने सीमावर्ती जिले राजौरी में युवा सम्मेलन में कहा, आपको स्थिति को समझना होगा और हमारी आवाज बनना होगा।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि जब कोई स्थानीय लोगों और आतंकवादियों के बीच आता है तो वे परेशान हो जाते हैं।
इससे पहले पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों के साथ 2 मुठभेड़ों में 5 आतंकवादी मारे गए थे।
कुछ मजदूरों ने बताया कि उनकी मजदूरी का भुगतान हो गया है वहीं कुछ ने कहा कि उनके नियोक्ताओं ने बिना बकाया मजदूरी का भुगतान किए उन्हें घाटी से जबरन भगा दिया।
महबूबा ने कहा, हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं और इसके लिए भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाली सरकार जिम्मेदार है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर के लोग विकास चाहते हैं, आतंकवाद नहीं चाहते हैं।
बिंद्रू एक जाने-माने कश्मीरी पंडित व्यवसायी थे, जो नब्बे के दशक के दौरान उग्रवाद की शुरुआत के दौरान भी घाटी छोड़कर नहीं गए थे।
68 वर्षीय माखनलाल पिछले 31 वर्षों से हर अमीर-गरीब की मदद कर रहे थे और जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्क दवा देते थे।
कश्मीरी पंडित समुदाय से बिंदरू उन कुछ लोगों में शामिल थे जिन्होंने 1990 के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद शुरू होने के बाद पलायन नहीं किया। वह अपनी पत्नी के साथ यहीं रहे और लगातार अपनी फार्मेसी बिंदरू मेडिकेट को चलाते रहे।
सूत्रों के मुताबिक, ये तीनों आतंकी बड़ी वारदात कर पंजाब को दहलाने की फिराक में थे।
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