भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक बैठक में कहा है कि वह सीमा पार से ड्रोन का इस्तेमाल कर अवैध हथियारों की आपूर्ति की ‘गंभीर चुनौती’ का सामना कर रहा है जो पड़ोसी देश के अधिकारियों की मदद के बिना मुमकिन नहीं है।
पाकिस्तान पर जब गरीबी, कंगाली की तलवार लटकी, तो उसे आतंकवाद पर लगाम लगाने की याद आई। टेरर फंडिंग करने वाले पाकिस्तान के पीएम ने आतंकवाद पर शिकंजा कसने के लिए अहम बैठक बुलाई। हालांकि पाकिस्तान खुद तालिबानी आतंकियों से परेशान है। लेकिन आतंकियों की पनाहगाह भी यहीं है। जानिए आतंक पर लगाम के पीछे चीन का क्या कनेक्शन है।
वारदात के स्थल से हथियार और गोला-बारूद जब्त किए गए। ये आतंकवादी सुरक्षा बलों के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों और निर्दोष नागरिकों की हत्या करने जैसे कृत्यों में शामिल थे।
ISKP ने अपने मुखपत्र "वॉयस ऑफ खुरासान" मैगजीन के माध्यम से स्वीकार किया है कि उसके आतंकवादी दक्षिण भारत में मौजूद हैं और पिछले साल हुए इन दो धमाके की घटनाओं में शामिल थे।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले को कायराना करार दिया और एक नागरिक की हत्या की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि प्रशासन पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़ा है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक खालिद और अबुल्ला पाकिस्तान हैंडलरों के संपर्क में थे और जम्मू कश्मीर के कुछ कंट्टरपंथी युवाओं के साथ आतंकी ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान जाने वाले थे। इस बाबत पुलिस को सूचना मिली थी। जिसके बाद त्वरित कार्रवाई कर पुलिस ने दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।
बदहाली से जूझ रहे कंगाल पाकिस्तान को भारत कोई मदद करने वाला नहीं है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंकवाद को पोषक करार दिया है। उन्होंने उसकी मौजूदा स्थिति के लिए पाक को खुद जिम्मेदार बताया है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शनिवार को कहा कि उनका देश पहले ही दिवालिया हो चुका है। इसलिए अब जमीन बेचने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर महंगी सरकारी जमीन पर बने दो गोल्फ क्लबों को बेच दिया जाए तो पाकिस्तान का एक-चौथाई कर्ज चुकाया जा सकता है।
पाकिस्तान भले ही भारत का पड़ोसी है, लेकिन उसकी आतंकवादी गतिविधियों के चलते दोनों देशों के संबंध अति तनावपूर्ण बने हैं। इस वक्त कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले दिनों भारत के साथ संबंध सामान्य करने की इच्छा जाहिर की थी।
पाकिस्तान (Pakistan) की सरकार को हाल के दिनों में आतंकवादी संगठन टीटीपी (TTP) से बड़ी चुनौती मिल रही है। आतंकी लगातार हमले कर आम लोगों के साथ जवानों को मौत के घाट उतार रहे हैं।
उपराज्यपाल ने कहा, हमें कश्मीरी पंडितों से 8400 आवेदन प्राप्त हुए, जिनकी जमीन और संपत्ति को 1990 में जबरन हड़प लिया गया था। प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि ऐसी संपत्तियों को पुन: प्राप्त किया जाए।
पिछले कुछ महीनों में TTP ने पाकिस्तान की धरती पर कई हमले किए हैं और आतंकियों के हमले में उसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।
भारत ने कहा कि सभी देशों को आतंकवाद जैसे खतरों के खिलाफ एक साथ खड़े होना चाहिए और इसमें राजनीतिक लाभ के लिए दोहरे मानक शामिल न हों। रुचिरा ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहाकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कानून का शासन लागू करने के लिए राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को आतंकवाद और सीमा पार आतंकवाद से मुक्त करें।
Pakistan's New Terrorist Module in Kashmir: मोदी सरकार द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाए जाने के बाद से ही आतंकवाद की कमर टूट रही है। सीमा पार से अब पाकिस्तान द्वारा की जाने वाली घुसपैठ को सुरक्षा बल लगातार नाकाम बना रहे हैं। आतंकियों को कश्मीर घाटी में खोज-खोज कर मारा जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन के जरिए ऐलान किया कि एजाज अहमद अहंगर उर्फ अबू उस्मान अल-कश्मीरी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है।
पाकिस्तान को अक्सर ‘आतंकवाद का केंद्र’ बताने वाले जयशंकर ने दशकों से जारी आतंकवाद की निंदा नहीं करने के लिए यूरोपीय देशों की आलोचना की।
Medicinal Plants in Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35-ए हटाए जाने के बाद से ही केंद्र सरकार लगातार विकास को गति दे रही है। आतंक के खात्मे और राज्य के विकास के लिए मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में योजनाओं की झड़ी लगा दी है।
Pakistan Vs TTP: आतंकवाद की फैक्ट्री चला रहा पाकिस्तान अब आतंकवादियों से ही परेशान हो चुका है। तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) नामक आतंकी संगठन ने पाकिस्तानी सरकार को घुटनों पर ला लिया है। पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों में टीटीपी लगातार पुलिस और सरकार की चुनौती दे रहा है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में आतंकवादी और उग्रवादी घटनाओं में काफी कमी आई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2014 के बाद आतंकवाद की घटनाओं में 168 फीसदी की कमी आई है। वहीं इसी अवधि में नॉर्थ ईस्ट में उग्रवादी हिंसा में 80 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
खुद को 'मजलिस-ए-अस्करी (सैन्य परिषद)' कहने वाले एक नए उग्रवादी संगठन ने एक व्यक्ति का सिर कलम करने का वीडियो शेयर किया है।
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