भारत ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद फैलाने कि लिए पाकिस्तान को जमकर लताड़ा है। साथ ही उसका सहयोग करने के लिए चीन की भी हवा निकाल दी है। हालांकि भारत ने पाकिस्तान या चीन का इस दौरान नाम नहीं लिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने सीमा पार से आतंकवाद और हथियारों की तस्करी का मुद्दा उठाया।
जम्मू और कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ जंग खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटेंगे।
पुलिस का कहना है कि ये लोग ISIS के आतंकी साहित्य को अपनी जैसी मानसिकता वाले लोगों में वितरित कर उन्हें अपने आतंकी संगठन ISIS से जोड़ने का काम कर रहे थे ।
विदेश मंत्री जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘उद्यम मंत्री एडॉल्फो उर्सो के साथ आज सुबह सार्थक बातचीत हुई। ‘मेड इन इटली’ और ‘मेड इन इंडिया’ के अनुभवों को साझा किया। मुझे विश्वास है कि आज हमारी बातचीत से आर्थिक साझेदारी का दायरा बढ़ेगा। मतलब साफ है भारत और इटली नई दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल-हमास युद्ध को लेकर अपना रुख दुनिया के सामने फिर से स्पष्ट कर दिया है। विदेश मंत्री ने भारत के स्टैंड को क्लियर करते हुए कहा कि आतंकवाद हमें अस्वीकार्य है और हमें इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए। मगर यहां फिलिस्तीन का भी मुद्दा है, उसकी भी समस्याओं का समाधान होना चाहिए।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पिछले 5 सालों में जम्मू-कश्मीर की स्थिति में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा, ''आतंकवाद, जिसने पूरे जम्मू-कश्मीर को अपनी गिरफ्त में जकड़ लिया था आज लगभग समाप्त हो चुका है और जो भी बची-खुची जड़ें हैं उन्हें भी जल्द ही उखाड़ फेंक दिया जाएगा।''
इजराइल और हमास की जंग पर UNSC में आयोजित मीटिंग में अमेरिका भड़क गया है। अमेरिका ने इजराइल का पक्ष लेते हुए दुनिया में फैले हर तरह के आतंकवाद की निंदा की है। साथ ही आतंकवादियों को मदद करने वाले देशों को भी आड़े हाथों लिया।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने का कहना है कि पाकिस्तान नार्को-आतंकवाद का केंद्र है और मादक पदार्थ जम्मू-कश्मीर के रास्ते पंजाब भेजे जाते हैं।
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने आतंक को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आतंका समर्थन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर राजनीतिक सहूलियत अपनाने के लिए यूएन समेत कनाडा पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं चलने वाला है। जयशंकर ने कहा कि वे दिन बीत गए, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे।
सुरक्षाबलों ने एक ख़ुफ़िया जानकारी के आधार पर यासीन को शुक्रवार को श्रीनगर-बारामुला राष्ट्रीय राजमार्ग पर तापर पायीन में गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने अपने दूसरे साथी परवेज अहमद शाह का नाम लिया, जिसे आज शनिवार को एक वारदात को अंजाम देना था।
आंकड़ों के मुताबिक, 2015 से 2019 के बीच आतंकी हमलों में 329 पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई थी जबकि 5 अगस्त 2019 के बाद 146 सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई।
पाकिस्तान की तरफ से एक बार फिर से घुसपैठ की कोशिश की गई। जिसमें सेना के जवानों ने एक आतंकी को मार गिराया। इससे पहले 6 अगस्त को कुपवाड़ा जिले में भी सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिश हुई थी। उस वक्त भी एक आतंकी को मार गिराया गया था।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और धारा 35 ए हटाए जाने का फैसला राज्यवासियों के लिए शानदार साबित होता दिख रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में अब आतंकवाद ने घुटने टेकने शुरू कर दिए हैं। इस वर्ष 6 माह तक में सिर्फ 26 आतंकी घटनाएं हुई। घुसपैठ कोई नहीं। जबकि 2022 में आतंकी घटनाएं 125 व घुसपैठ 14 थी।
आसिया और नीलोफर की मृत्यु 29 मई 2009 को डूबने से हो गई थी। इन दोनों का मुख्य मकसद सुरक्षा बलों पर बलात्कार और हत्या का झूठा आरोप लगाकर भारतीय सेना व देश के खिलाफ असंतोष पैदा करना था।
भारत ने पाकिस्तानी आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगाने के लिए चीन को जमकर धोया है। भारत ने चीन का नाम लिए बगैर उसे तुच्छ तक कह डाला है। भारत ने कहा कि जहां सारे सुबूत और तथ्य मौजूद हों, उसे बिना कारण खारिज करना क्या दर्शाता है। यह तुच्छ भू-राजनीतिक हितों के कारण है।
लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला ने कहा कि कश्मीर में जो आतंकी हैं, उनको भी बार-बार पूरी तरह से घेरे में लेने की हमारी तैयारी है और बेकसूर लड़कों को गुमराह होने से हम बचा रहे हैं, जिनको आतंकी अपने जाल में ब्लैकमेल करके फंसा रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को NIA ने जम्मू कश्मीर में शांति एवं सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ रहे आतंकी संगठनों एवं उनके सहयोगी संगठनों पर कार्रवाई के तहत घाटी में 13 स्थानों पर छापे मारे थे।
इन मैसेंजर मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए जम्मू-कश्मीर में आतंकी सीक्रेट मैसेज भेजते थे। आतंकी इन ऐप्स का इस्तेमाल कश्मीर में अपने सपोर्टर्स और ऑन-ग्राउंड वर्कर्स (OGW) के साथ कम्यूनिकेट करने के लिए कर रहे थे।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि इस पूरी घटना को रेकी के बाद अंजाम दिया गया है। उनका कोई नेटवर्क होगा जिससे गाड़ी की गतिविधि की जानकारी उनके पास थी।
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