ब्रिक्स नेताओं की अनौपचारिक बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद और जातिवाद का किसी भी जरिए से समर्थन बंद करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, " पुलिसकर्मियों के नाम पर प्रमुख स्थानों का नाम रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह समय-समय पर कई मोर्चो पर प्रदेश के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे।" उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने फिर दोहराया है कि सुरक्षा एजेंसियों को पूरी तरह चौकस रहनी चाहिए और हिंसा मुक्त अमरनाथ यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा संबंधी सारे कदम उठाने चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ लगातार जारी है।
गृह मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस साल जनवरी से लेकर 16 जून तक कुल 113 आतंकियों को मार गिराया गया। साल 2018 में 257, साल 2017 में 213 और साल 2016 में 150 आतंकी मारे गए। इस आकंड़े को जोड़ दिया जाए तो 2016 से अबतक सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में कुल 733 आतंकियों का सफाया किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकी वित्तपोषण अभियानों का मुकाबला करने के लिए एफएटीएफ की कार्ययोजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने शनिवार को कहा कि उनका देश शांति प्राप्त करने के करीब है और सार्थक अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के जरिये से इसे पूरी तरह हासिल किया जा सकता है।
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ऐसे कुछ प्रमुख देश हैं जिन्होंने पाकिस्तान के उसकी सरजमीं से आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने में विफल रहने और आतंकवादी सरगनाओं हाफिज सईद और मसूद अजहर के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून के तहत मामले दर्ज नहीं करने पर चिंता जतायी है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को यहां कहा कि आतंकवाद एशिया में लोगों के लिए ‘‘सबसे गंभीर खतरा’’ है। साथ ही, आतंकवादियों और उनकी हरकतों से पीड़ितों को एक ही नजर से नहीं देखा जाना चाहिए।
पाकिस्तान ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि दुनिया की बड़ी ताकतों के सामने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी धज्जियां उड़ा देंगे। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट के दौरान पीएम मोदी ने जो किया उससे इमरान खान के चेहरे पर हवाईयां उड़ गईं।
SCO Summit भारत और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य देशों ने शुक्रवार को आतंकवाद के हर स्वरूप की निंदा की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग बढ़ाने की अपील की।
एसीओ समिट के मंच से आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को लेकर बड़ा बयान दिया। मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिये बगैर हमला बोला और कहा कि समाज को आतंकवाद से मुक्त करना जरूरी है।
'लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठन तब तक अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा बने रहेंगे, जब तक वे पाकिस्तान में आजादी से काम करने में सक्षम हैं।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी बिश्केक में होने वाले इस शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।
पाकिस्तान पर परोक्ष हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि राष्ट्र प्रायोजित आतंकवाद मानवता के लिए आज सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने वैश्विक नेताओं से आतंकवाद की समस्या से मिलकर लड़ने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि मालदीव में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए हर भारतीय आपके साथ है।’’ मोदी ने कहा कि आतंकवाद न केवल देश के लिए बल्कि पूरी सभ्यता के लिए खतरा है।
पीएम मोदी के दोबारा सत्ता में वापसी के बाद से ही पाकिस्तान लगातार भारत से बातचीत की कोशिश में जुटा है लेकिन भारत ने साफ कहा है कि जबतक पाकिस्तान आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करता तबतक बातचीत नहीं हो सकता।
अधिकारियों और स्वतंत्र समूहों के अनुसार, 2002 के बाद से आतंकी हिंसा पाकिस्तान के कारण उत्तर-पश्चिम में 50 लाख से अधिक लोग अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर हुए और सरकार द्वारा चलाए जा रहे शरणार्थी शिविर या शांतिपूर्ण इलाकों में किराए के मकान में शरण लेने के लिए मजबूर हुए हैं।
मिशन कश्मीर के तहत मोदी और शाह की सबसे बड़ी चुनौती है आतंकियों से निपटने की और इसे लेकर भी एजेंडा फिक्स है। खासकर गृहमंत्री की कुर्सी संभालते ही अमित शाह फुल एक्शन में हैं। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक करके आतंकियों के खिलाफ नई रणनीति बना ली है।
आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने के एक मामले में मंगलवार को अलगाववादी मसरत आलम, आसिया अंद्राबी और शब्बीर शाह को दस दिनों के लिये एनआईए की हिरासत में भेज दिया।
मोदी सरकार अपनी दूसरी पारी में आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की नीति के साथ ही अवैध अप्रवासियों पर नजर रखने पर खास ध्यान देगी।
संपादक की पसंद