पाकिस्तानी सेना पीओके में कैंप लगाकर आतंक और घुसपैठ की ट्रेनिंग दे रही है। पाक सेना की लोगों ट्रेनिंग की तस्वीरें भी सामने आई है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले को विस्तार से।
डोडा में आतंकियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन के दौरान कुछ टीमें देर रात एक स्कूल में आराम कर रही थी। जबकि दूसरी टीमों ने मोर्चा संभाल रखा था। तभी टीम पर आतंकियों ने ग्रेनेड फेंके हैं।
इंडिया टीवी के हाथ आतंकियों को लेकर बड़ी जानकारी लगी है। एक सोर्स ने जानकारी देते हुए बताया कि पहाड़ियों से आतंकी 4-5 दिन पर नीचे उतरते हैं।
अमेरिका की सैन्य शाखा यूएस सेंट्रल कमांड की रिपोर्ट के अनुसार खूंखार आतंकी संगठन स्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) ने फिर खुद को बेहद मजबूत कर लिया है। इस बात का गवाह गत वर्ष ईराक और सीरिया पर हुए दोगुने हमले गवाही दे रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान अपने प्रशिक्षित आतंकवादियों, पूर्व एसएसजी, भाड़े के सैनिकों को भारत में घुसपैठ करवा रहा है। इसके साथ ही पाकिस्तान की सीमा में टेरर कैंप के बारे में भी बड़ी जानकारी सामने आई है।
जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकियों से लोहा लेते हुए भारतीय सेना के एक कैप्टन और तीन जवानों की मौत हो गई है। अब सेना की ओर से इन जवानों के नाम का खुलासा कर दिया गया है। आइए जानते हैं देश के वीर शहीदों के नाम।
डोडा में हुए आतंकी हमले और सैनिकों के शहीद होने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख से बात की है। खबर है कि रक्षा मंत्री ने सेना आतंक के खिलाफ कार्रवाई की खुली छूट दी है।
आम तौर पर देखा जाता है कि पाकिस्तान की ओर से आतंकियों द्वारा जम्मू-कश्मीर सीमा से ही राज्य में घुसपैठ की जाती रही है। हालांकि, अब आतंकियों ने नए रास्ते भी तलाशने शुरू कर दिए है।
कुपवाड़ा के केरन सेक्टर से लगी निंयत्रण रेखा (LoC) पर संदिग्ध आतंकी घुसपैठ की कोशिश में लगे हुए थे। भारतीय सेना ने कई घंटों कर सर्च ऑपरेशन चलाया। कई घंटों की मुठभेड़ के बाद 3 आतंकियों को मार गिराया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध ऑनलाइन जुए तथा सट्टेबाजी से भारतीय नागरिकों के साइबर सुरक्षा हमलों और असुरक्षित ऑनलाइन माहौल की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है।
जम्मू कश्मीर में बीते दिनों हुए आतंकी हमलों में आतंकियों द्वारा अमेरिकी निर्मित M4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल किया गया। आतंकियों द्वारा इस राइफल का किया जा रहा इस्तेमाल चिंता का विषय है।
कठुआ आतंकी हमले में जो 5 जवान शहीद हुए थे वे सभी उत्तराखंड के ही रहने वाले थे। इनमें से एक परिवार ऐसा भी है जिसके 2 सैनिक बेटे दो महीने में ही देश के लिए शहीद हो गए हैं।
पाकिस्तान में आतंकियों ने आर्मी के तीन जवानों को अगवा कर लिया है। घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के टांक जिले में हुई है। पिछले महीने टांक जिले में ही टीटीपी के आतंकवादियों ने 13 मजदूरों को अगवा कर लिया था।
डोडा जिले के जंगलों में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो रही है। सुरक्षाबलों ने दो से तीन आतंकियों को घेर लिया गया है। दोनों तरफ से फायरिंग हो रही है।
जम्मू कश्मीर के कठुआ इलाके में सोमवार को आतंकियों के हमले में पांच जवान शहीद हो गए। आतंकियों ने सेना के वाहन पर ग्रेनेड से हमला किया था। जो जवान शहीद हुए हैं, जानिए उनके बारे में सबकुछ-
जम्मू-कश्मीर हुए आतंकी हमले में जो 5 जवान शहीद हुई हैं वो सभी उत्तराखंड के थे। हमले में जवानों के शहीद होने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताया है।
जिस जगह पर भारतीय सेना पर हमला हुआ है वह इलाका पहाड़ी है और इस समय यहां पर बहुत सारी गुफाएं और आतंकियों के छुपने की जगहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकी हमले के बाद अब सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। इस बीच पुंछ में एक देर रात एक पाकिस्तान ड्रोन देखा गया। हालांकि जवानों ने फायरिंग की, जिसके बाद से ड्रोन वापस लौट गया।
सोमवार को कठुआ के बदनोटा इलाके में आतंकवादियों ने सेना के एक काफिले पर हमला कर दिया। इस हमले में भारतीय सेना के 5 जवान शहीद हो गए, जबकि पांच जवान अभी भी घायल हैं।
कठुआ के बदनोटा इलाके में आतंकवादियों ने एक बार फिर सेना के एक काफिले पर हमला कर दिया। इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के एक संगठन ने ली है।
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