आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार जिन लोगों का मूलांक 5 है।. उनका स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा। साथ ही मौसम का लुत्फ भी उठायेगें।
ये मंदिर पुरानी दिल्ली के यमुना बाजार इलाके में स्थित है। यहां पर हनुमान जी को मरघट वाले बाबा हनुमान कहा जाता है। असल में यहां सामने ही मरघट है। कहा जाता है कि रामायण काल में हनुमान जी जब संजीवनी बूटी लेकर जा रहे थे।
टीम ने इससे पहले परिसर के चारों ओर बिखरे एक प्राचीन मंदिर के सतही अवशेषों की खोज की थी जिसमें नक्काशीदार पत्थर के खंड शामिल थे।
पाकिस्तान के पंजाब सूबे में गणेश मंदिर पर इस्लामिक कट्टरपंथियों के हमले के 24 घंटे बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने चुप्पी तोड़ी है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक बार फिर मंदिरों को निशाना बनाकर मूर्तियों में तोड़फोड़ की गई है। हमले के दौरान मंदिर के कुछ हिस्सों में आग लगा दी गई और मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया।
औरंगाबाद के खुलताबाद में एलोरा गुफाओं के कुछ ही दूरी पर स्थित है हनुमान जी का एक बेहद प्राचीन भद्र मारूति मंदिर। ये मंदिर इसी लिए भी विशेष है क्योंकि यहां हनुमान जी की प्रतिमा लेटी हुई अवस्था में है।
कुशाल बिहारी मंदिर गुजरात के डाकोर में स्थित है। इस मन्दिर का निर्माण भरतपुर के बंसी पहाड़पुर से पत्थर लाकर करवाया गया। मंदिर की वास्तुशैली राजस्थानी है। बरसाना आने वाले भक्त इस मंदिर में भी दर्शन करने पहुंचते हैं।
आज दर्शन करिए राजस्थान के एक ऐसे गणेश मंदिर के दर्शन जहां मनचाहे जीवनसाथी की प्रार्थना फल लाती है। नाम है गुरु गणेश मंदिर और ये मंदिर है जोधपुर में जोधपुर की संकरी गलियों में स्थापित गुरु गणेश मंदिर की मान्यता दूर दूर तक फैली है।
आज भगवान शिव के एक ऐसे अद्भुत मंदिर के दर्शन करिए जो दिन में दो बार पानी में डूब जाता है और थोड़ी ही देर बाद फिर से दर्शन देने लगता है।
मध्यप्रदेश के देवास जिले में देवी माता का एक प्राचीन मंदिर स्थापित है। इस मंदिर को देवास माता टेकरी मंदिर कहा जाता है। यह स्थान मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के पास ही स्थित है। देवास की टेकरी पर स्थित मां भवानी का यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। लोक मान्यता है कि यहां देवी मां के दो स्वरूप अपनी जागृत अवस्था में हैं।
मोती डूंगरी गणेश मंदिर राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां दूर-दूर से लोग दर्शनों के लिए आते हैं। भगवान गणेश का यह मंदिर जयपुर वासियों की आस्था का प्रमुख केंद्र है।
गिरिजात्मज गणपति मंदिर, पुणे-नाशिक मार्ग के पास लेन्याद्री की पहाड़ियों पर बना है। यहां गुफा की एक दीवार पर विनायक की मुर्ति उभरी हुई है। माना जाता है कि ये मूर्ति स्वयंभु है।
उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ में कुशफरा का जंगल है। इसी जंगल में भगवान शनि का ये प्राचीन और पौराणिक मंदिर है। मान्यता है कि ये ऐसा स्थान है कि यहां आते भी भक्तगण भगवान शनि की कृपा का पात्र बन जाता है। इस मंदिर में प्रत्येक शनिवार शनि देव को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है।
ये मंदिर जम्मू शहर में स्थित है...यह राम मंदिर आकर्षक वास्तुकला का नमूना है। इस मंदिर को 1835 में महाराजा गुलाब सिंह ने बनवाना शुरू किया था और इसका पूर्ण निर्माण महाराजा रणजीतसिंह के काल में हुआ। इस मंदिर परिसर में 7 ऐतिहासिक धार्मिक स्थल मौजूद है। मंदिर के भीतर की दीवारों पर तीन तरफ से सोने की परत चढ़ी हुई है। माँ वैष्णो देवी जाने वाले अधिकतर भक्त इस मंदिर के दर्शन करने पहुंचते हैं।
ये मंदिर ओडिसा टिटलागढ़ में स्थित है। इस मंदिर को अति प्रचीन बताया जाता है। यहां गुफा रूपी मंदिर में भोले नाथ का पवित्र शिवलिंग स्थापित है। लेकिन इस मंदिर में जो सबसे खास बात है वो है यहां का तापमान।
कमलेश्वर मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ नामक स्थान में स्थित है। इस मंदिर को करीब 1200 वर्ष पुरातन बताया जाता है। मंदिर में स्थापित नृसिंह भगवान की मूर्ति के बारे में बताया जाता है कि ये मूर्ति स्वयंभू है और शालीग्राम पत्थर से बनी हुई है।
सिद्ध पीठ चूड़ामणि मंदिर उत्तराखंड के चुड़ियाला गांव में स्थित है। यह मंदिर संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ति करने के लिए विशेष माना जाता है। ये मंदिर में 51 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर देवी सती का चूड़ामणि गिरा था।
जाखू हनुमान मंदिर के दर्शन। ये मंदिर हिमाचल की राजधानी शिमला में जाखू नाम की पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर में हनुमान जी की एक विशाल प्रतिमा स्थापित है। मान्यता है कि हनुमान जी जब घायल हनुमान जी के लिए संजीवनी बूटी लेने जा रहे थे तब उन्होंने इस मंदिर के पास विश्राम किया था।
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के छिबरामऊ नगर के बीच पीपल चौराहे पर स्थित विजय नाथ मंदिर और साईं नाथ मंदिर में मंगलवार की सुबह मूर्तियां तोड़ने का मामला सामने आया।
मध्यप्रदेश के ओरछा में भगवान राम का एक पुरातन मंदिर है। खास बात ये है कि यहां राम जी को भगवान के रूप में नहीं बल्कि ओरछा के राजा के रूप में पूजा जाता है। राजा राम यहां मंदिर में महल में विराजमान है।
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