आज हम आपको लेकर चल रहे हैं श्रीनगर। यहां के हब्बा कदर इलाके में स्थित है भगवान शिव को समर्पित शीतल नाथ मंदिर। शीतलनाथ मंदिर 31 साल की लंबी अवधि के बाद बंसत पंचमी के अवसर पर खोला गया है।
आज हम आपको लेकर जा रहे हैं कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु, जहां स्थापित है गणेशजी का एक पुरातन मंदिर। इस मंदिर को पंचमुखी गणेश मंदिर भी कहा जाता है। ये मंदिर बेंगलुरु के हनुमंतनगर में स्थापित है। यहां पंचमुखी गणेश की मूर्ति 30 फीट ऊंचे गोपुरम पर विराजमान हैं।
पहले इस मंदिर को श्रीराम आश्रम कहा जाता था। इस मंदिर की स्थापना भगवान राम के अन्नय भक्त स्वामी श्री राम ने की थी। खास बात ये है कि इस मंदिर में हर दिवाली पर हजारों की संख्या में साधुओं को कंबल बांटे जाते हैं।
आज करिए बेदी हनुमान मंदिर के दर्शन। यह मंदिर उड़ीसा के पुरी में स्थित है। ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ ने हनुमान जी को समुद्र को नियंत्रित करने के लिए नियुक्त किया था। लेकिन हनुमान जी बार बार भगवान जगन्नाथ जी, सुभद्रा जी और बलराम जी के दर्शन की लालसा लिए नगर में आ जाते थे और उनके पीछे पीछे समुद्र भी नगर में प्रवेश कर जाता था।
हनुमान धारा मंदिर उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी चित्रकूट में स्थित है। ये दिव्य मंदिर पर्वतमाला के मध्य में स्थित है। खास बात ये है कि इस मंदिर के ऊपर से ठंडे जल की एक धारा निकलती है जो हनुमान जी को छूती हुए नीचे एक कुंड में जाती है।
ये मंदिर मध्य प्रदेश के पन्ना में स्थापित है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान जुगल किशोर की यह मूर्ति हरिराम व्यास को विक्रमी संवत् 1620 की माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को वृंदावन के किशोर वन में मिली थी।
आज करिए त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग के पवित्र दर्शन । यह मंदिर महाराष्ट्र के नासिक शहर में स्थित त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग को बहुत पवित्र माना जाता है। माना जाता है यह स्थान प्राचीन काल में गौतम श्रृषि की तपोभूमि था। अपने पर लगे गौहत्या के पाप को मिटाने के लिए उन्होंने यहां शिव जी का तप कर गोदावरी का उदगम करवाया था।
आज करिए उड़ीसा के लिंगराज मंदिर के दर्शन। यह मंदिर शिव को समर्पित है पर यहां शिव के साथ साथ भगवान विष्णु कि भी पूजा कि जाती है, जिस कारण यह हरिहर के नाम से भी जाना जाता है।
आज करिए मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक के दर्शन। इस मंदिर की देश ही नहीं विदेशों में भी बहुत अधिक मान्यता है। यही कारण है कि देश विदेश से भक्त सिद्धि विनायक के दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर में भगवाण गणेश की मूर्ति की सूंड दायीं ओर है।
आज करिए पुरातन गणेश टेकड़ी मंदिर के दर्शन। भगवान गणपति को समर्पित ये मंदिर नागपुर के टेकरी इलाके में स्थित है। खास बात ये हैं कि इस मंदिर में स्थापित गणेश प्रतिमा विश्व भर में सबसे अलग मानी जाती है।
आज करिए रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के दर्शन। रामेश्वरम सनातन धर्म का एक पवित्र तीर्थ है। यह तमिल नाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह तीर्थ चार धामों में से एक है।
आज करिए कनक भवन मंदिर के दर्शन। ये मंदिर की जन्मभूमि अयोध्या में स्थित है। कहा जाता है कि माता कैकयी ने राम जी के विवाह के बाद माता सीता को मुंह दिखाई में ये कनक भवन भेंट दिया था।
आज करिए श्रीसंगी कलिका मंदिर के दर्शन। कर्नाटक के बेलगाम के सिरसंगी नामक स्थान श्रीसंगी कलिका मंदिर स्थित है। ये मंदिर काली मां को समर्पित है। यह कर्नाटक का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है।
आज करिए मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर के दर्शन। मां कालिका का ये विश्व प्रसिद्ध मंदिर कोलकाता में है। कोलकाता के उत्तर में विवेकानंद पुल के पास स्थित इस मंदिर को दक्षिणेश्वर काली मंदिर कहते हैं।
आज करिए शीतला माता मंदिर के दर्शन। यह मंदिर गुरुग्राम में स्थित माता शीतला का मंदिर प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। विश्व भर में प्रसिद्ध माता शीतला का यह 500 साल प्राचीन मंदिर दुनिया भर के भक्तो का आस्था का केंद्र है।
आज करिए भूतेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मौजूद भूतेश्वर महादेव का अर्धनारीश्वर प्राकृतिक शिवलिंग है। जो राजधानी रायपुर से 90 किमी दूर गरियाबंद के घने जंगलों में बसा है।
आज करिए प्राचीन यंत्रोद्धारक हनुमान मंदिर के दर्शन। यह मंदिर कर्नाटक के हंपी नामक स्थान पर स्थित है। यहां हनुमान जी की प्रतिमा काफी अद्भुत है।
आज हम आपको कराने जा रहे हैं महागणपति मंदिर के दर्शन। ये मंदिर महाराष्ट्र के रांजणगांव में स्थित है। अष्टविनायक मंदिरों में से एक ये मंदिर भगवान गणेश के भक्तों में खास मान्यता रखता है। इस मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति काफी अद्भुत बताई जाती है।
आज करिए डाकोर के रणछोड़ जी मंदिर के दर्शन। ये मंदिर गुजरात के डाकोर में स्थित है। डाकोर के मुख्य बाजार में गोमती झील के किनारे स्थित इस मंदिर का गुंबद 27 मीटर ऊंचा है।
आज करिए कालीनाथ महाकालेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन। देवभुमि हिमाचल के कांगड़ा में देहरा नामक स्थान पर कालीनाथ महाकालेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। ये मंदिर यहां बह रही व्यास नदी के पवित्र तट पर बना हुए है। ये मंदिर धार्मिक आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है।
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