आज करिए अम्बाजी मंदिर के दर्शन। ये मंदिर गुजरात के बनासकांठा में स्थापित है। 51 शक्तिपीठों में शामिल इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां माता सती का दिल या हृदय गिरा था। यहां माता की कोई भी प्रतिमा नहीं रखी हुई है। #acharyainduprakash #bhavishyavani #tirthyatra
भविष्यवाणी में आज आचार्य इंदु प्रकाश के साथ करिए Haridwar के प्रसिद्द मनसा देवी मंदिर के दर्शन। जानिए क्यों है यह मंदिर ख़ास।
ये मंदिर पवित्र रामेश्वरम तीर्थ में स्थित है। लक्ष्मण जी को समर्पित इस मंदिर का निर्माण रामेश्वरम ज्योर्तिलिंग से कुछ ही दूरी पर किया गया है। यहां एक पवित्र कुंड भी है जिसे लक्ष्मण कुंड कहा जाता है।
श्री लंका, जहां स्थापित है रामायण काल से संबंधित अशोक वाटिका। श्रीलंका के एलिया नामक स्थान पर ये पुरातन अशोकवाटिका है और यहां बना है प्राचीन सीता मंदिर के दर्शन। हालांकि मंदिर का नाम सीता मंदिर है लेकिन यहां पर भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ ही हनुमान जी भी विराजमान हैं।
आज राजस्थान के बीकानेर में स्थित प्राचीन नागणेचा मंदिर के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश से इस मंदिर की मान्यताओं के बारे में भी जानिए।
राजस्थान में स्थापित है पहली शताब्दी का एक पवित्र मंदिर मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर। राजस्थान में बांसवाड़ा से लगभग 16 किलोमीटर दूर तलवाड़ा गांव में ये मंदिर स्थापित है.। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित देवी की मूर्ति मां पार्वती मां लक्ष्मी औऱ मां सरस्वती तीनों देवियों का एकीकृत रूप हैं।
ये मंदिर मध्यप्रदेश के इंदौर में स्थित है। सन 1735 में इस मंदिर का निर्माण रानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। कहते हैं कि सबसे पहले एक ब्राह्मण को इस स्थान पर जमीन के नीचे गणपति भगवान की मूर्ति होने का स्वप्न आया था। जानिए पूरी कहानी।
आज के तीर्थ में गुजरात के पावागढ़ शक्तिपीठ के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश ने इसकी मान्यताओं के बारे में भी जानकारी दी है।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक अक्षय वट वृक्ष स्थित है, जिसके बारे में मान्यता है कि इसी वृक्ष के नीचे भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान देकर पूरे संसार को जीवन जीने की कला सिखाई थी।
कोरोना काल में आज घर बैठे शिमला में स्थित जाखू हनुमान मंदिर के दर्शन करिए। साथ ही आचार्य इंदु प्रकाश से इस मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के बारे में भी जानिए।
कोरोना काल में मध्य प्रदेश में स्थित देवास माता टेकरी मंदिर के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश से इस मंदिर की मान्यताओं के बारे में भी जानिए।
कोरोना काल में घर बैठे वाराणसी में स्थित तुलसी मानस मंदिर के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश ने इस मंदिर की मान्यताओं के बारे में भी जानकारी दी है।
राजस्थान के जयपुर में स्थित मोती डूंगरी गणेश मंदिर काफी मशहूर है। हर गणेश चतुर्थी को यहां पर बहुत भीड़ रहती है। लोग दूर दूर से दर्शन करने आते हैं।
मां शांकभरी देवी मंदिर उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले में स्थित है। इस मंदिर को देवी का शक्ति पीठ कहा जाता है। खास बात ये है कि इस स्थान पर देवी के चारों रूपों भ्रामरी देवी, भीमा देवी, शाकुंभरी देवी और शताक्षी देवी के साथ ही भगवान गणेश को भी विराजमान
इस मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर बेहतरीन शिल्पकला देखने को मिलती है। मुख्यरूप से भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर का निर्णाण राजा नरसिम्हा प्रथम द्वारा करवाया गया था।
राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित है गणेश जी का चमत्कारी त्रिनेत्र गणेश मंदिर है। यहां स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा जिसके 2 नहीं अपितु 3 नेत्र हैं और इसी वजह से इसे त्रिनेत्र गणेश मंदिर कहा जाता है।
कोरोना काल में मध्य प्रदेश में स्थित उल्टे हनुमान मंदिर के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए इस मंदिर की मान्यताओं के बारे में...
मथुरा से करीब 30 किलोमीटर दूरी पर नंदगांव में स्थित है नंद बाबा का मंदिर। मुख्य रूप से ये मंदिर भगवान कृष्ण और उनके पिता नंदराय जी को समर्पित है। बताया जाता है कि यह मंदिर 18वीं शताब्दी में भरतपुर के राजा रूपसिंह द्वारा बनवाया गया था।
ये मंदिर राजस्थान के बांसवाड़ा में तलवाड़ा नामक स्थान पर है। मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन करने से कई तरह के रोगों से निजात मिलती है। यहां स्थापित गणेश जी की प्रतिमा लगभग 6 फीट ऊंची और 4 फीट चौड़ी है।
कोरोना काल में घर बैठे मथुरा में स्थित झाड़ी वाले हनुमान बाबा के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश से इसकी मान्यताओं के बारे में भी जानिए...
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