इन दिनों नए टेलीकॉम नियमों के नाम पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कॉल और मैसेज पर सरकार की निगरानी होने का दावा किया जा रहा है। इस वायरल मैसेज को सरकार ने भ्रामक बताया है और इसे फॉरवर्ड नहीं करने की सलाह दी है।
केन्द्र सरकार के मेक इन इंडिया पॉलिसी का जलवा कायम है। रिपोर्ट की मानें तो पिछले साल भारत में बने टेलीकॉम इक्विपमेंट 100 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट किए गए हैं, जिनकी कीमत 1.52 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।
Telecom Act 2023 के लागू होने के बाद मोबाइल फोन या टेलीकॉम सर्विस यूज करने के नियम बदल जाएंगे। टेलीकॉम रेगूलेटर TRAI ने दूरसंचार विभाग को इससे संबंधिक रेकोमेंडेशन भेजा है। नए नियम के लागू होने के बाद यूजर के निजी डेटा को गलत तरीके से मैनेज करने के साथ-साथ उनके मिसयूज पर रोक लग जाएगी।
दूरसंचार विभाग ने पश्चिम बंगाल सर्किल में 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में नीलामी के लिए ब्लॉक की संख्या भी घटाकर 44 कर दी है। पहले यह संख्या 48 बताई गई थी।
BSNL यूनियन ने सरकार से Vodafone-Idea की 4G सर्विस इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी है। इससे न सिर्फ बीएसएनएल के यूजर्स कम होंगे, बल्कि वोडाफोन-आइडिया को भी रिवाइव किया जा सकेगा। इस समय ये दोनों कंपनियां Jio और Airtel के सामने काफी पीछे हैं।
समिति ने ‘शटडाउन’ का लेखा-जोखा नहीं रखने पर दूरसंचार विभाग और गृह मंत्रालय के तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि वह यह नहीं बोल सकता कि ‘पुलिस और कानून व्यवस्था सरकार के विषय हैं और इंटरनेट का निलंबन अपराध के दायरे में नहीं आता है।
दूरसंचार विभाग ने गेल जैसे गैर-संचार सार्वजनिक उपक्रमों से एजीआर से संबंधित बकाया चार लाख करोड़ रूपए की मांग में से 96 प्रतिशत मांग वापस लेने का फैसला किया है।
अंशु प्रकाश ने बतया कि प्रभावित इलाकों में विस्थापन में मदद के लिए लोगों के लिए एसएमएस अलर्ट सेवा शुरू की गई है।
रिलायंस जियो और बीएसएनएल ने अपने सेवा नेटवर्क पर लोगों को कॉलर ट्यून के रूप में 30 सेकेंड का कोरोना वायरस पर जागरुकता संदेश सुनाना शुरू कर दिया है।
दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने विलंबित स्पेक्ट्रम देनदारी के तहत मंगलवार को 3,043 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।
भारती एयरटेल पर एजीआर के पिछले बकाया की देनदारी 35,300 करोड़ रुपये या पांच अरब डॉलर की
भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने गुरुवार को दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात की। उन्होंने दूरसंचार क्षेत्र पर लगने वाले टैक्स और शुल्कों में कटौती करने की मांग की है।
वोडाफोन आइडिया ने एजीआर बकाये को लेकर दूरसंचार विभाग को एक हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
कंपनी ने अभी जितना भुगतान किया है, यह उस पर कुल बकाये के पांच प्रतिशत से भी कम है। दूरसंचार विभाग के अनुसार कंपनी पर करीब 53,000 करोड़ रुपए का सांविधिक बकाया है।
एयरटेल पर सरकार का करीब 35,586 करोड़ रुपए बकाया है, जिसमें लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क शामिल हैं।
कोर्ट ने कहा कि हमने एजीआर मामले में समीक्षा याचिका खारिज कर दी, लेकिन इसके बाद भी एक भी पैसा जमा नहीं किया गया।
इससे पहले 16 जनवरी को जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने टेलीकॉम कंपनी की समीक्षा याचिका को रद्द कर दिया था।
सफल बोलीदाता को 1 गीगाहर्ट्ज में कुल मूल्य का 25 प्रतिशत तुरंत जमा कराना होगा और उच्च फ्रिक्वेंसी वाले बैंड के लिए कुल मूल्य का 50 प्रतिशत जमा कराना होगा।
सरकार ने 2022 तक सभी गांवों को ब्रॉडबैंड तक पहुंच उपलब्ध कराने का वादा किया है। सरकार ने महत्वाकांक्षीय राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन की शुरुआत की है।
एजेंसी को बोली प्रक्रिया को समझने और उसे तार्किक बनाने के लिए कम से कम एक माह का समय लगेगा। उसके बाद नीलामी जून-जुलाई, 2020 में आयोजित की जा सकती है।
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