यह रिपोर्ट विभिन्न उद्योग क्षेत्रों में नौकरी पर रखे जाने और वेतन के आंकड़ों का विश्लेषण कर तैयार की गई है।
इस रिपोर्ट को तैयार करने में 775 भारतीय प्रतिष्ठानों और 85 वैश्विक कंपनियों को शामिल किया गया। यह रिपोर्ट 19 उद्योग क्षेत्रों और 14 भौगोलिक स्थानों में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई है।
खुदरा तथा रोजमर्रा के इस्तेमाल के उपभोक्ता उत्पाद और टिकाऊ वस्तु (एफएमसीजी एंड डी) क्षेत्रों में चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में रोजगार के 2.76 लाख नये अवसर सृजित होने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया कि रिटेल क्षेत्र की तेज वृद्धि और विदेशी कंपनियों के प्रवेश से रोजगार के ये अवसर सृजित होंगे।
देश के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में अगले चार साल में 30 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा। टीमलीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन और बुनियादी ढांचे में निवेश की वजह से इस क्षेत्र में नौकरियां बढ़ेंगी।
देश के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में अगले चार साल में 30 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा। टीमलीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन और बुनियादी ढांचे में निवेश की वजह से इस क्षेत्र में नौकरियां बढ़ेंगी।
स्टाफिंग फर्म टीमलीज सर्विसेस द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार अगर भारत श्रम कानूनों में सुधार सहित विभिन्न नियामकीय सुधारों को आगे बढ़ाता है तो आने वाले तीन साल में बिक्री कारोबार के क्षेत्र में एक करोड़ नए रोजगार सृजित हो सकते हैं।
संगठित क्षेत्र में श्रमशक्ति की बढ़ती भागीदारी से नियामकीय बदलाव निर्णायक हो गए हैं। यदि कुछ मुख्य सुधार किए जाएं तो संगठित रोजगार की हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है और रोजगार के एक करोड़ नए अवसर सृजित किए जा सकते हैं।
सोशल मीडिया के असीमित इस्तेमाल से वर्कप्लेस पर कर्मचारियों की उत्पादकता पर नकारात्मक असर पड़ रहा है, क्योंकि वह हर दिन 32% समय इस पर खर्च करते हैं।
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