जून में खत्म हुई तिमाही में अग्रिम कर संग्रह 76 प्रतिशत गिरकर 11,714 करोड़ रुपये रह गया था। कंपनियों ने अग्रिम कर में केवल 1,29,619.6 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो साल भर पहले की तुलना में 27.3 प्रतिशत कम है
वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,53,532 करोड़ रुपए रहा है।
15 जून तक सकल प्रत्यक्ष कर वसूली 31 प्रतिशत घटकर 1,37,825 करोड़ रुपये रही
राजकोषीय घाटा के मोर्चे को लेकर भी मोदी सरकार के लिए बुरी खबर है। 2018-19 के पहले 7 महीनों यानी अप्रैल से अक्टूबर के बीच ही राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष के लक्ष्य से ज्यादा हो गया है।
मोदी ने कहा कि करदाताओं को टैक्स रिफंड की वापसी सुगमता से की जा रही है।
बेनामी सम्मपतियों और मालिकाना हक का विवाद खत्म करने और आपकी सभी शहरी संपत्तियों को कर के दायरे में लाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है।
सरकार का कर संग्रह उसके तय लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से 17 सितंबर की अवधि में सरकार का प्रत्यक्ष कर संग्रह 4.7 प्रतिशत बढ़कर 5.50 लाख करोड़ रुपए रहा है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 5.25 लाख करोड़ रुपए रहा था।
मंत्री ने कहा कि इसलिए मेरी गुजारिश है कि कर वसूलने की प्रक्रिया में महत्वाकांक्षी न बनें। अगर इसमें थोड़ी कमी आती है तो भी इसे बड़ी आसानी से पूरा कर लिया जाएगा।
पूर्वोत्तर राज्यों में माल एवं सेवा कर संग्रह वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि विनिर्माण वाले बड़े राज्यों के मुकाबले अधिक है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में वृद्धि पूर्वोत्तर के सातों राज्यों में दर्ज की गयी। यह राष्ट्रीय औसत 9 प्रतिशत के मुकाबले तीन गुना अधिक है।
आज (21 जून 2019) जीएसटी परिषद की बैठक में सरकार उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दे सकती है।
नोटबंदी को लेकर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बीच वाद परिवाद का दौर भले ही जारी हो, लेकिन टैक्स से जुड़े आकड़ों में इसका सकारात्मक असर साफ दिखाई दे रहा है।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर की अवधि में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.10 प्रतिशत बढ़कर 8.74 लाख करोड़ रुपये रहा।
राजस्व लक्ष्य पूर्ण वित्त वर्ष के लिए तय किया गया है और वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वास्तविक अप्रत्यक्ष कर संग्रह का पता वित्त वर्ष के अंत में ही चलेगा।
केंद्र और राज्यों के बीच नवंबर माह में एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) मद में पड़े 33,000 करोड़ रुपए का बंटवारा किया गया।
वित्त मंत्रालय ने आज यह बताया कि मई में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से राजस्व संग्रह 94,016 करोड़ रुपए रहा। मई में राजस्व संग्रह अप्रैल की तुलना में कम है। अप्रैल में रिकॉर्ड 1,03,458 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था।
15वां वित्त आयोग केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले उपकर और अधिभार पर कानूनी अध्ययन कराएगा। केंद्र द्वारा वसूल किए जाने वाले उपकर में से राज्यों को हिस्सा नहीं दिया जाता।
बड़े टैक्स चोरों द्वारा इस साल टैक्स जमा करने से उत्साहित मोदी सरकार के विशेष निगरानी तंत्र ने 1.7 करोड़ ऐसे लोगों से भी टैक्स रिटर्न भरवाकर दिसंबर 2017 तक 26,600 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया है,
बिहार और झारखंड में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद चालू वित्त वर्ष के दौरान राजस्व संग्रह पिछले साल की तुलना में बढ़ गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज इसकी जानकारी दी।
आयकर वसूली के मोर्चे पर सरकार को बड़ी राहत मिली है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती नौ माह में प्रत्यक्ष कर वसूली 18.2 प्रतिशत बढ़कर 6.56 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में डायरेक्ट टैक्स के रूप में 4.39 लाख करोड़ रुपए प्राप्त हुए, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 15.2% अधिक है।
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